हैलो दोस्तो, मेरा नाम कीर्ति है और मैं अभी 20 साल की हूँ।आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ। मेरा घर लुधियाना, पंजाब में पड़ता है। कॉलेज में पढ़ते हुए मेरी दोस्ती ऋषभ से हो गयी। वो मेरे कॉलेज का सबसे हैंडसम लड़का था। मेरे क्लास में कोई 10 बड़ी सुंदर सुंदर मॉडल जैसी लडकियाँ थी, जो ऋषभ पर क्रश करती थी।
“ओह्ह्ह्ह…गॉड कितना हैडसम है ऋषभ। इसकी गर्लफ्रेंड तो वाकई किस्मत वाली होगी” एक लड़की बोली
“…..अरे यार मैं तो इससे जी भरकर चुदवाना चाहती हूँ। ये तो सच में बहुत हॉट है!!”
मेरे ही क्लास की दूसरी लड़की बोली “काश……..अगर ये मेरा बॉयफ्रेंड बन जाए तो मैं तो इसका 9 इंच का लंड चूसूंगी!!” तीसरी लड़की बोली.दोस्तों, मेरे कॉलेज में ऋषभ को सभी लड़कियाँ बहुत हॉट मानती थी। सभी उसकी तरफ बहुत जादा आकर्षित थी। कोई उसका लंड चूसना चाहती थी, तो कोई उससे चुदवाना चाहती थी।
मुझे भी ऋषभ काफी हॉट लगता था। मैं बाहर से नही दिखाती थी, पर अंदर ही अंदर मैं सोचती थी की अगर ऋषभ मुझसे पट जाए और मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना ले तो सारी लड़कियां मुझसे जल जलकर मर जाए और मैं दिन रात हॉट ऋषभ का हॉट लंड चूसती रहू।
एक दिन लाईब्रेरी में कोई नही था। मैं वहां बैठकर पढ़ रही थी। फिर मुझे एक बुक की जरूरत थी, इसलिए मैं अपने कॉलेज की लाईब्रेरी की अलमारियों में वो किताब ढूंढने लगी। दोस्तों, आपको बता हूँ की मेरे कॉलेज की लाईब्रेरी बहुत बड़ी थी। इतनी बड़ी की एक बड़ा बंगला इसमें आराम से बन जाए।
मेरे कॉलेज का सबसे हॉट और सेक्सी लड़का ऋषभ भी कोई किताब ढूंड रहा था। हम दोनों एक ही दिशा में बढ़ रहे थे और सेल्फ पर लगी किताब देख रहे थे की मैं ऋषभ ने टकरा गयी। मैंने नजर उठाकर देखा तो ऋषभ सामने था। उसे देखकर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गयी।
मैंने रेड कलर का जींस टॉप पहन रखा था। ऋषभ मुझे देखकर मुस्कुराने लगा। मेरे बूब्स 36” के थे। मेरा जिस्म 36,30,38 का था। मैं बहुत सेक्सी और चुदने को तैयार लड़की थी। ऋषभ चोर निगाहों से मेरे दूध देख रहा था। हम लोग में बात चीत शुरू हो गयी। उसने संडे को मुझसे हल्दीराम में मिलने को कहा। ये हमारी पहली डेट थी। वो यूएसडीन मेरे लिये काफ़ी सारी चीजे लेकर आया था। उसके बाद हम हल्दीराम रेस्टोरेंट की छत पर चले गये।
सारे जवान कपल्स यहीं पर आकर किस करते थे। मैं ऋषभ के साथ रेस्टोरेंट की छत पर आ गयी। वहां सारे कपल्स अपनी अपनी माल को बाहों में लिए हुए थे और वहां प्यार की चुदाई वाली बाते चल रही थी। ऋषभ ने मुझे बाँहों में भर लिया और चूमने और चूसने लगा।
उसके हाथ मेरे बड़े बड़े दूध पर आकर रुक गये। वो मेरे रसीले गोले दबाने लगा। आःह्ह्ह ..मुझे भी मजा मिल रहा था।
“कीर्ति!! क्या तुमने कभी किसी लड़के से चुदवाया है???” ऋषभ ने पूछा
मैं शर्मा गयी।
“….नही, पर मेरा तुमसे चुदवाने का बड़ा मन है!!” मैंने बड़ा संकोच करते हुए कहा
“कीर्ति जान….मैं भी बड़े दिनों से सिर्फ तुम्हारी ही चूत मारना चाहता हूँ। तुम तो जानती ही होगी की 30 से जादा लडकियाँ मुझपर मरती है, सब की सब मुझे बुला बुलाकर चुदवाना चाहती है। पर मेरा दिल सिर्फ तुम पर आया है” ऋषभ बोला मैं बहुत खुश थी की उसने मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाया।
उसके बाद हम एक दूसरे को किस करने लगे। वहां सारे कपल्स आपस में किस कर रहे थे। हल्दीराम रेस्टोरेंट की छत पर कई नाईट लैंप लगे थे। सुहावनी हवा चल रही थी। मेरा काम बन गया था। मैं ऋषभ जैसे हॉट और सेक्सी लड़के को अपनी बॉयफ्रेंड बनाना चाहती थी। फिर हम आपस में किस करने लगे। फिर ऋषभ ने मुझे बाइक से मेरे घर छोड़ दिया।
फोन पर हम दोनों फोन सेक्स करने लगे।
“कीर्ति, कभी चुदवाया है???” ऋषभ ने पूछा
“नही” मैंने कहा
“क्यों??”
“कोई लड़का ही नही तो किस्से चुदवाती!”
“क्या कभी दिल नही किया??”
“दिल तो किया….पर कौन मेरी रसीली बुर में लंड डालता। इसलिए जब सेक्स करने का मेरा मन करता था चूत में ऊँगली डाल कर मुठ मार लेती थी”
दोस्तों, हम दोनों इस तरह की गंदी और सेक्सी बाते फोन पर करने लगे। धीरे धीरे हमारा प्यार और बुलंद और गाढ़ा होता चला गया। अब तो रात रात भर जगकर मैं ऋषभ से फोन सेक्स करने लगी। रात में जब मैं सोती तो मुझे सिर्फ उसके ही सपने आते।
ना जाने कितनी बार मैंने देखा की ऋषभ मुझे नंगा करके चोद रहा है। धीरे धीरे जब कॉलेज में ऋषभ मेरे साथ उठने बैठने लगा तो कॉलेज में ये खबर किसी जंगल की तरह फ़ैल गयी की ऋषभ जैसे हॉट लड़के ने अपनी सुपर गर्लफ्रेंड बना ली है। सारी लडकियाँ मुझसे बहुत ज़्यादा जलने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था ये देखकर।
एक दिन ऋषभ मुझे अपने घर ले गया। ओह माई गॉड!! क्या बंगला था। उसके पापा बहुत रईस थे। उन्होंने ही उसे वो बंगला उसके बर्थडे पर उसे गिफ्ट किया था। ऋषभ ने मुझे कोल्ड्रिंक्स आफर की। उसके बाद हम दोनों ने एक दूसरे को बाहों में भर लिया और किस करने लगे। धीरे धीरे ऋषभ मेरा टॉप और जींस उतारने लगा। मैंने भी टी शर्ट और जींस निकाल दी। फिर हम दोनों ही नंगे हो गए। जिस कमरे में ऋषभ मुझे लेकर आया था वो बहुत आलिशान था।
उसका बेड बहुत बड़ा और बहुत ही सॉफ्ट और आराम दायक था। मैं और ऋषभ दोनों बेड पर लेट गये। रिहान मेरे मीठे दूध को मुंह में भरकर पीने लगा। मैं आआअह्हह्हह…आआअह्हह्हह की आवाज निकालने लगी। उसने मुझे अपनी वाइफ की तरह पकड़ रहा था और बाहों में भर लिया था।
मैं पूरी तरह से नंगी थी और थोड़ी शर्म भी मुझे आ रही थी। आज तक इस तरह पूरी नंगी होकर मैंने किसी को अपने मस्त मस्त आम नही पिलाए थे। पर ऋषभ मेरा प्यार था। उसे मैं शुरू से ही पसंद करती थी, इसलिए आज मैं उसके लिए नंगी हो गयी थी। वो मजे लेकर और आँख बंद करके मेरे दूध पी रहा था। मुझे भी मम्मे चुस्वाने में बहुत आनंद आ रहा था। मेरे मस्त मस्त आम पीने के बाद रिहान और मैं 69 के पोज में आ गये और वो मेरी चूत चाटने लगा और मैं उसका लंड चूसने लगी।
कॉलेज में जिस दिन मैंने ऋषभ को देखा था मैं जान गयी थी की इस 6 फुट के गबरू जबान लड़के का लंड बहुत बहुत बड़ा और मीठा होगा। 69 की पोजीशन में आकर हम दोनों एक दूसरे के गुप्तांग को चाटने लगे और पागलों की तरह किस करने लगे। आज मेरी रसीली बूर को आज किसी लड़के ने पहली बार देखा था। कितने ही लड़के मुझे चोदने के लिए घूम रहे थे। पर कोई मुझे नही चोद पाया।
ये गोल्डन चांस मैंने सिर्फ ऋषभ को ही दिया था। वो बड़ी देर तक मेरी खूबसूरत चूत के दर्शन करता रहा। वो तो अपना सिर ही मेरी चूत में डाले दे रहा था। पागलो और दीवानों की तरह वो वो मेरी रसीली चूत की एक एक फांक को पी रहा था। मुझे तो ऐसा लग रहा था की मैं जन्नत पहुँच गयी हूँ। मैं भी मजे लेकर उसका लौडा चूस रही थी। उसका लंड कोई 9 इंच आराम से होगा। मेरा मुंह में पूरा अंदर तक गले तक घुस गया था। उसका सुपाडा बहुत गुलाबी और मीठा था।
मेरी जांघ और कमर को भी ऋषभ पागलों की तरह चूम रहा था। मैं बहुत गोरी माल थी, इसलिए मेरे जांघे और कमर तो और दूध की तरह सफ़ेद थी। मैंने साफ साफ़ देख लिया की ऋषभ का लंड विकराल रूप में आ गया है और मुझे चोदने के लिए वो बिलकुल बेचैन अवस्था में आ गया है।
फिर ऋषभ ने मेरी दोनों मस्त मस्त टाँगे खोल दी और मेरे दूध पीने लगा। उसका मुंह मेरे मम्मो को मुंह में लेकर पी रहा था, जबकि ऋषभ का सीधा हाथ मेरी चूत पर पहुच गया था। वो मेरी चूत को जोर जोर से सहला रहा था और चूत के दाने को घिस रहा था। मैं गर्म…और जादा गर्म होती जा रही थी। हाँ, मैं जल्द से जल्द ऋषभ से चुदना चाहती थी, उसका मस्त मस्त लंड खाना चाहती है….हाँ हाँ मैं उससे खुलकर चुदवाना और बुर फड़वाना चाहती थी।
कुछ देर बाद तो ऋषभ तेज तेज मेरी काली सेक्सी निपल्स को वहसी तरह से काटने लगा। मुझे दर्द हो रहा था, पर फिर भी मैंने उसे नही रोका। क्यूंकि उसको बहुत मजा मिल रहा था। वो अपने सीधे हाथ से मेरे चूत के दाने को इतनी तेज तेज रगड़ रहा था की मेरी माँ बहन चुदी जा रही थी। हाँ…आज मैं सबके सामने कहूँगी की मैं किसी रंडी की तरह ऋषभ से खुलकर चुदवाना चाहती थी।
मैं आज उसके लम्बे लौड़े का माल बनना चाहती थी। फिर ऋषभ अपनी कमर को मेरे मुंह पर जल्दी जल्दी चलाने लगा और मेरे मुंह को अपने लौड़े से चोदने लगा। मुझे बहुत मजा मिला इसमें। उसके बाद ऋषभ ने अपना लौडा मेरे मुंह से निकाल लिया और मेरे ओंठो को किस करने लगा। ऋषभ का कुछ माल मेरे मुंह में छूट गया था क्यूंकि करीब आधा घंटे से वो मेरा मुंह अपने मोटे लौड़े से चोद रहा था। मुझे चोदने की जिनती बेचैनी ऋषभ को थी, उससे जादा चुदवाने की और लंड खाने की बेचैनी मुझे थी। ऋषभ बिलकुल बाँवला हो गया और मेरी गांड को सहलाने लगा।
उसने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे मस्त मस्त लप्प लप्प करते चुतड़ वो सहलाने लगा। और मेरी गांड में ऊँगली करने लगा। मुझे हंसी आ गयी। फिर उसने मेरी टांग खोल दी और मेरी चूत में लंड डाल दिया। दोस्तों, मैं आप लोगो से झूट नही बोलूंगी। मेरे बुआ के लड़के ने मुझे 4 5 बार चोदा था, इसलिए मैं ये कहू की मैं फ्रेश मॉल थी और अनचुदी थी तो ये गलत बात होगी। मैं पहले ही चुद गयी थी। इसलिए आज जब ऋषभ ने मेरे भोसड़े में लंड डाला तो मुझे कोई दर्द नही हुआ। मैं आराम से लंड खा गयी। ऋषभ मुझे मजे लेकर चोदने लगा।
“अरे यार कंडोम नही लगाया….धत्त!!” ऋषभ बोला और पछतावा करने लगा
“कोई बात नही ऋषभ, तुम कोई बाहर की बाजारू रंडियों को लाकर तो चोदते नही हो जो तुमको एड्स हो जाएगा। हम दोनों की फ्रेश है कोई दिक्कत नही है, तुम ऐसे ही धचाक धचाक चोदो” मैंने अपने बॉयफ्रेंड से कहा
उसके बाद तो वो मुझे पक पक करके ठोंकने लगा। मेरी रसीली की चूत में ना जाने कितनी परते और सतहे थी। रिहान का लौड़ा इतना मोटा था की मेरी चूत की एक एक परत खुली जा रही थी। वो मुझे धांय धांय चोदने लगा। मैं बहुत शर्म कर रही थी। जल्दी ऋषभ से नजरे नही मिला पा रही थी। एक नंगी लौंडिया को चोदना कितनी मजेदार बात होती है। ऋषभ इस समय यही सोच रहा था। आज मैंने अपना सब कुछ तन मन धन उसके नाम कर दिया था।
आज मैंने अपनी जवानी उसके नाम कर दी। ऋषभ की कमर करिश्माई तरीके से गोल गोल नाच रही थी। उसने मुझे 20 मिनट चोदा और फिर अपना मॉल मेरी बुर में छोड़ दिया। उसके बाद हम आपस में लिपटकर प्यार करने लगे। वो मेरी गांड में ऊँगली करने लगा। और मेरे रसीले चुत्तड सहलाने लगा।
“कीर्ति बेबी!! मैं कैसी चुदाई करता हूँ??” ऋषभ ने पूछा
“बहुत मस्त चुदाई ….तुमने तो पलंगतोड़ चुदाई की मेरी” मैंने कहा
कुछ देर बाद ऋषभ ने मुझे कुतिया बना दिया। और पीछे ने मेरी फुद्दी मारने लगा। आह कितना मजा आ रहा था। चूत में बहुत कसावट मिल रही थी। ऋषभ अपने सीधे हाथ को नीचे से मेरे चूत के दाने पर ले गया और सहलाने लगा। वो पक पक करके मुझे चोद रहा था। वो मुझे इतनी जोर जोर से बजा रहा था की मैं बेचैन हुई जा रही थी और तिलमिलाई जा रही थी।
मुझ जैसी जवान खूबसूरत लौंडिया को चोदकर आज ऋषभ में धन्य हो गया था। फिर मुझे बजाते बजाते ही पास पड़ी अपनी पेंट को खींच लिया और मोबाइल निकाल कर मेरी चुदाई का विडियो बनाने लगा। उसने आधे घंटे मुझे कुतिया बनाकर चोदा और मेरी विडियो बना ली। अगले दिन उसने वो विडियो सब लोगो को भेज दिया। मेरे कॉलेज की खूबसूरत लड़कियाँ अब मुझसे और जादा जलने लगी थी।