मैंने कई सारे गैर मर्दो से रिश्ता बनाया, मुझे चुदने का चस्का लग गया था गैर मर्दो से पर मुझे वो ख़ुशी नहीं मिली जो मुझे चाहिए थी. आज मैं आपको अपनी सच्ची कहानी बताउंगी. दोस्तों आपको लगता होगा की मैं बदचलन हु,रंडी हूँ, वैश्य हूँ, मुझे दूसरे मर्दों से नहीं चुदना चाहिए, मुझे भी यही लगता था, पर क्या करती इस दुनिया में क्या मेरा ये जन्म बेकार जायेगा, क्या मेरे नसीब में वही है जो मुझे नहीं चाहिए, क्या मुझे जो चाहिए उसका मैं नाम भी ना लु, और अपने मन को मार कर ज़िंदगी काट दू, हां मेरे जो दोनों बच्चे है वो मेरे पति से है. पर मैंने उनसे उतना ही सेक्स किया जिससे बच्चा पैदा हो गया.
पर कभी भी मुझे वो शारीरिक सुख नहीं मिला. मैं हमेशा तरसती रही.पति जब मुझे चोदा करता था, मैं वाइल्ड हो जाती थी, मुझे लगता था की मेरे पति मुझे अपनी आगोश में भर ले, मेरी चूचियों को दबाते रहे मेरे होठ को चूस ले, मेरे चूत की रस को चाट ले, मुझे वो करे जो मुझे पसंद हो और मेरे बदन का रोम रोम सिहर जाये.
मेरे मुंह से आह निकल जाये, क्यों की मेरी जवानी बड़ी ही मदहोश करने बाली थी, मेरे शरीर की बनावट बहुत सेक्सी है. मेरी बड़ी बड़ी सुडौल चूचियाँ मेरे ब्लाउज को फाड़ने के लिए आतुर रहती थी. जब मैं चलती थी तो मेरे दूध जब हिलते थे तो लोगो की आँख फटी की फटी रह जाती थी. मेरे नैन नक्स बहुत ही कातिल है. पर पति साला जोकर टाइप का था. उसको जब मैं अपने बाहों में समेटती और अपने आगोश में लेती तो कहता अभी मैं थक गया हूँ , बाद में करते है ना. मुझे बहुत तेज का गुस्सा आता था उस समय.
मुझे चुदने का बहुत मन करटी था पर मैं अपना मन मार लेती थी अपने पति की वजह से, मुझे लगता था मेरा पति अपना लंड मेरी चूत में पेलता रहे जोर जोर से धक्के लगाए, ताकि मेरी चूचियाँ फुटबॉल की तरह हिले और मेरे मुंह से सिर्फ आह अहह आहह निकले हरेक झटके पर, पर वो मुझे धीरे धीरे, हैंड पम्प आपने देखा होगा पानी निकलने वाला वैसा ही वो मुझे धीरे धीरे चोदता था.
फिर मैंने इंटरनेट पे सेक्सी फ़िल्में देखना शुरू किया, क्या चुदाई होती थी, मुझे तो बस ऐसी ही चुदाई का इंतज़ार था. मुझे लगता था काश मुझे ऐसा ही मस्त कोई चोद दे, आपको तो पता है मेरा पति मुझे वो सुख नहीं दे सकता था. मैंने अपना नजर इधर उधर मारना शुरू किया, मेरे फर्स्ट फ्लोर पे एक कपल रहता था. वो हरयाणा का रहने बाला था जिम में ट्रेनर था, उसका नाम था कार्तिक, वो बहुत ही हठा कठ्ठा, लंबा चौड़ा, उसने शादी भाग कर की थी और वो अपने वाइफ के साथ रहता था. मेरे पति को वो भैया कहता था और मुझे भाभी, धीरे धीरे मेरे घर से और उसके घर से काफी अच्छा रिश्ता बन गया.
वो दोनों भी मेरे परिवार की बहुत इज्जत करते थे और हमलोग भी उन लोगों को बहुत प्यार देते थे. ठण्ड में मैं और मेरे पति और वो दोनों पति पत्नी एक ही रजाई में बेड पे बैठ कर देर रात तक मूंगफली खाया करते थे.बात यही से स्टार्ट हुई, वो अंदर रजाई में मेरे पैर को सामने से सहलाता और मैं भी उसके पैर को सहलाती.
कुछ ही दिनों में उसकी बीवी मायके चली गई क्योंकी वो प्रेग्नेंट थी और मेरे पति भी काम में सिलसिले में कुछ दिनों के लिए गुजरात चले गये. मैं दो बच्चों के साथ यहाँ रहने लगी कुछ दिनों तक, क्योंकी मैं जा नहीं सकती बच्चों का स्कूल था. मैंने कार्तिक से कहा तुम रात का खाना यही खा लिया करो. अकेले कैसे बनाओगे, तुम्हारे भइया भी यहाँ नहीं है.
तो कार्तिक बोला भाभी बीवी नहीं है तो खाना तो बना दोगे, इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद, पर बीवी का रहने का मजा ही अलग है. तो मैंने कहा तुम पहले ये बताओ की भाभी में वो क्या नहीं है जो तेरे बीवी में है. मैं भी तुम्हे शायद उससे जयादा मजा दूंगी, दोस्तों आपको तो पता है मुझे ऐसे ही इंसान की जरूरत थी मेरी वासना की आग को बुझाने के लिए, और मर्द तो मर्द होता है. कौन ऐसा मर्द होगा जिसको एक औरत लाइन दे रही है और वो इग्नोर करेगा.
मर्द तो कुत्ता की तरह होता है ब्रा खोलो टूट पड़ेगा. चूत दिखा दो दीवाना हो जाएगा. मैंने उसको लाइन दिया और वो मेरे लाइन में आ गया. तो वो मुझे कहने लगा की भाभी आपको बहुत अच्छे से खुश करदूँगा मैं. तब मैं बोली तुम मुझे कम नहीं समझो मैं चीज ही ऐसी हु की तुम भी हांफने लगोगे.
फिर मैंने कहा ठीक है. चलो आज देख ही लेते है, कार्तिक बोल पक्का? मैंने कहा पक्का.मेरे पापा मम्मी मेरे घर से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर ही रहते है. तो मैंने फ़ोन किया की बच्चे आज आपके साथ ही रहना चाहते है. तो मम्मी पापा बोले तो तुम भी आ जाओ, मैंने कहा नहीं नहीं मम्मी आज मुझे मत बुलाओ, आज रात को मैं फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में जा रही हूँ तो प्लीज दोनों बच्चों को ही भेज देती हु. वो दोनों मान गए और शाम को वो दोनों बच्चों को ले गए. कार्तिक करीब नौ बजे आया. वो दारु पि कर आया था. और आधा बोतल लेके भी आया था उसपर से चिकन फ्राई भी लेते आया.
मुझे पता है दारु का नशा, शाम को फिर खाना बनाने की ज़रूरत नहीं पड़ी. कार्तिक ही लेके आ गया था, उस मकान में बस दो ही फ्लोर थे ग्राउंड पे मैं थी ऊपर वो था. अब दोनों अकेले अकेले ही थे. रात को वो वो आया और मुझे अपनी बाहों में भर लिया, मैं उसके डिओड्रेंट से मदहोश हो गई और उसके कपड़े उतार दिए और उसके छाती के बाल को सहलाते हुए, उसके आर्मपिट को सूंघने लगी. गजब का एहसास था आज मुझे मर्द मिला था, क्या गठीला शरीर, मैं अपना होश हवश खो बैठी और चिपक गई उससे,उसने मुझे जोर से पकड़ा और क़िस्स किया, मेरे होठ को चूसने लगा ऐसा लग रहा था वो आज होठ का रस निकाल देगा.
फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और ब्रा का हुक खोल दिया. ब्रा का हुक खोलते ही मेरी दोनों चूचियाँ बाहर निकल गई जैसे की दो पागल घोड़े तबेले से बाहर आ गया हो. फिर वो अपने मजबूत हाथ से मेरी चूचियों को मसलने लगा. मुझे पलंग पर पटक दिया और मेरी सलवार और पेंटी खोल दी, और मेरी चूत को चाटने लगा. बस दोस्तों मुझे ऐसे ही मर्द की जरूरत थी. मेरा रोम रोम खिल रहा था वो मुझे उल्टा लिटा दिया और मेरे गांड के छेद को अपनी जीभ से चाटने लगा.
अब आप समझ सकते हो दोस्तों कार्तिक कितना कमीना और सेक्सी था, वो मुझे उल्टा पलटा का खूब चाटा, जब मैं पानी पानी हो गई तो वो मेरे चूत के बिच में अपना मोटा काला लंड लगाया और जोर से घुसा दिया. मस्त लगा मुझे लंड मेरे पेट के बिच में पहुंच गया ऐसा मुझे लगा रहा था. पहले तो थोड़ा दर्द हुआ पर उसका हरेक झटके ने मेरे रोम रोम को जगा दिया, मेरी चूचियों को मसल रहा था. और फिर मैं भी वाइल्ड हो गई.
वो मुझे चोद रहा था और मैं भी चुदवा रही थी. खूब चोदा मुझे, करीब एक घंटे तक चोदा, फिर दोनों का झड़ गया, और फिर दोनों एक दूसरे को पकड़ कर लेटे रहे.करीब 40 मिनट बाद उठे और फिर खाना खाये और दारु पिए दोनों मिलकर, रात के करीब बारह बज गए थे. दोनों फिर बाथरूम में नंगे नहाए, राज ने मेरे पूरे शरीर पर साबुन लगाया, और मेरे अंग अंग को छुआ, दोस्तों उस रात को करीब चार बार चोदा मुझे, अब तो तीन महीने तक वो मुझे खूब चोदा था जब तक की उसकी पत्नी नहीं आई थी.
मैं दोनों बच्चों को सुला देती और उसी के कमरे में चुदवाने चली जाती. फिर कुछ दिन बाद ही वो घर चेंज कर के पंजाब चला गया. उससे सारा रिश्ता खत्म हो गया. फिर वह दो लड़के किराएदार आये जो पढ़ते थे. मैं दोनों से सेक्स सम्बन्ध बनाया, पर सबने मुझे बहुत खुश किया आज तक मुझे सिर्फ मेरा पति खुश नहीं किया. पर मैं खुश हु, मुझे अलग अलग लंड से चुदवाने का मौका मिला,कैसी लगी गैर मर्द से चुदाई , अच्छा लगी तो शेयर करना.
Main bhi husband ke dost se chud chuki hu bahut achha laga