देसी नौकरानी सेक्स कहानी में पढ़े की मैं छुट्टी पर अपने घर आया था. घर में नयी नौकरानी थी. उसकी चूची, गांड देखकर मेरा मन डोल गया. मैंने कैसे उस सेक्सी माल को चोदा?
नमस्कार दोस्तो, मैं राजीव भोपाल का रहने हूँ और मैं दिल्ली में जॉब करता हूँ।
बात आज से एक साल पहले की है। मैं दिवाली पर अपने घर आया हुआ था.
वैसे तो हमारे घर में एक आंटी काम करने आती थी मगर उन्हें कहीं जाना पड़ा तो वो एक और कामवाली को लगाकर चली गयी.
इस नयी कामवाली की उम्र लगभग 28-30 के करीब होगी. दिखने में क्या बताऊँ कैसी थी … मेरा तो सोच कर ही खड़ा हो गया उस मेड के बारे में.
उसका फिगर 36-30-36 का ही होगा.
वो दिखने में बला की खूबसूरत थी लेकिन रंग हल्का सा सांवला था.
मैं दिल्ली से सुबह ही आया था. थका हुआ था तो मैं सोने लगा. फिर कुछ देर के बाद लेटते ही मुझे नींद आ गयी.
ज्यादा देर नहीं हुई थी कि किसी ने मेरे रूम की लाइट जला दी. मैंने आंखें खोलीं तो वो पौंछा लगाने मेरे कमरे में आई हुई थी.
मैं तो उसके लिए पहले ही कामुक हो चुका था. ऐसी सेक्सी मेड बहुत कम देखने को मिलती हैं.
उसके फीगर को ताड़ने के लिए मैं सोने का नाटक करता रहा. उसकी गांड और चूचे अलग से उभरे हुए दिख रहे थे. मेरे मन में सेक्स के ख्याल आने लगे.
जब वो सामने झुककर पौंछा लगा रही थी तो उसकी चूचियां ब्लाउज के अंदर हिलती हुई दिख रही थीं.
शायद उसने अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी इसलिए चूची दायें बायें डोल रही थीं.
मैंने चादर ओढ़ी हुई थी और मेरा तंबू अब चादर में से भी दिखने लगा था. इतने में ही उसने मुझे देख लिया.
वो बोली- साहब, बस काम होने वाला है. मैं दो मिनट में यहां की सफाई खत्म कर दूंगी.
फिर वो पौंछा लगाकर चली गयी.
मेरी नींद टूट चुकी थी इसलिए मैं फिर दोबारा नहीं सोया और बाहर अपने घरवालों के पास ही आ गया.
फिर मैंने मां से उसके बारे में पूछा.
पूछने पर मां ने बताया कि जब तक वो आंटी नहीं आ जाती तब तक यही काम करने आया करेगी.
वो दिन में दो बार आती थी और घर का सारा काम करके जाती थी.
मैंने सोच लिया था कि इस नौकरानी की चुदाई तो मैं करके ही रहूंगा. ऐसा गर्म माल फिर हाथ नहीं लगेगा.
फिर मैंने उसको पटाने की कोशिश शरू कर दी.
दोस्तो, मैं आपको बता दूं कि मेरे पापा का बिज़नेस है जिसके सिलसिले में वह बाहर ज़्यादा रहते हैं. मेरी माँ की भी जॉब है तो वह भी जल्दी ही घर से निकल जाती है।
अब मैं जल्दी उठ जाता था सुबह ताकि जब वो आये तो मैं उससे बातें करते हुए उसको पटाने की कोशिश करूं.
मैं उससे रोज किसी न किसी बहाने से बातें करने की कोशिश करता.
वो भी थोड़ी सहज होती जा रही थी और मेरी बातों के सही तरीके से बिना हिचके जवाब देती थी. अब मैंने उसके सामने सिगरेट पीना भी शुरू कर दिया क्योंकि मां घर में नहीं होती थी तो मैं पी लेता था.
मैंने उस नौकरानी को भी कह दिया कि मेरी सिगरेट पीने वाली बात मां को नहीं पता लगनी चाहिए तो उसने भी मुस्कराकर हामी भर दी.
वो बोली- मैं सब समझती हूं साहब. ये सब चीजें हर किसी को नहीं बताई जातीं.
वो अब मुझे देखने लगी थी. शायद वो मेरी तरफ आकर्षित हो रही थी. देखने में मैं भी अच्छा हूं. रंग गोरा है और शरीर भी ठीक-ठाक है.
मैं जानबूझकर उसके सामने शॉर्टस में घूमा करता था.
एक दिन तो मैं सीधा बेड से उठकर अंडरवियर में ही उसके सामने वॉशरूम में गया.
मेरे बदन पर अंडरवियर के सिवाय दूसरा कपड़ा नहीं था.
उसने मुझे इस हालत में देखा तो एकदम से शर्म के मारे नजर नीचे कर ली और मुस्कराने लगी.
जब मैं वापस आया तो मेरा लंड मेरे अंडरवियर में तनकर एक तरफ निकला हुआ था और उसने वो भी देख लिया मगर मुझे जाहिर नहीं होने दिया कि वो भी देख रही है.
इस तरह से अब दोनों तरफ से ही पहल का इंतजार हो रहा था.
मैं जानता था कि अगर मैं एक कदम आगे लूंगा तो वो भी फिर चुदने के लिए आराम से तैयार हो जायेगी. मैं बस सही मौके की तलाश में था.
एक दिन फिर वह सुबह आ ही गयी. माँ को कुछ काम होने की वजह से वह जल्दी ही निकल गईं थी और बोल गई थी कि पारो से पूरा काम करवा लेना।
मैं भी खुश था कि आज कुछ हो जाए बस।
मुझे अपने इरादे को आज हर हालत में अंजाम देना ही था क्योंकि मैं भी यहां ज्यादा दिन रुकने वाला नहीं था. मुझे छुट्टियाँ ख़त्म होते ही वापस जाना था.
उधर वो दूसरी आंटी अगर वापस लौट आतीं तो फिर पारो की चुदाई शायद नहीं हो पाती इसलिए मैं जल्दी से उस नौकरानी की चूत के मजे लेना चाहता था.
इसके लिए मैंने पूरी प्लानिंग कर ली थी।
अब मैं पारो के आने का इंतजार करने लग गया.
वह आई और मैं सोने का नाटक करने लगा. मैंने अपने लैपटॉप पर पोर्न पिक्चर लगा कर छोड़ दी थी और गेट हल्का खोल दिया था.
मैंने बॉक्सर पहना हुआ था और लंड मेरा पूरा तना हुआ था।
वह आई और उसने मुझे आवाज़ दी.
मैंने सोने का नाटक किया और कुछ नहीं बोला.
वह कमरे में दाखिल हुई और उसने जैसे ही लाइट जलाई उसकी नज़र मेरे तने हुए लंड पर गई.
मैं हल्की सी आंख खोलकर देख रहा था. पारो की नजर मेरे लंड पर थी. मेरा नागराज 7.5 का है इसलिए बॉक्सर उसको संभाल नहीं पा रहा था.
उसने मुझे बोला- साहब … उठ जाइये। मुझे कमरा साफ करना है.
उसके आवाज देने पर भी मैं नींद में होने का नाटक करने लगा. उसने फिर मेरे लंड को निहारा और उसकी आवाज़ में मादकता आने लगी.
उसने फिर कहा- उठिये साहब जी … सुबह हो गई है।
मैंने कहा- सोने दो न … पारो!
वो शरारती अंदाज़ में बोली- आपकी बाकी चीज़ें तो उठी हुई हैं और आप हैं कि सो रहे हैं!
ये सुनकर मैं मन ही मन मुस्काराया और मेरे लंड में मैंने एक जोर का झटका दिया.
झटका देखकर पारो की सांसे जैसे अटक गयीं.
फिर मैं उठा और वाशरूम में चला गया. वह कमरा साफ करने लगी.
अंदर बाथरूम में जाकर मैं बाहर झांकने लगा क्योंकि अब मेरे दूसरे प्लान की बारी थी.
फिर चादर ठीक करने के लिए जैसे ही उसने लैपटॉप उठाया तो उसमें पोर्न पिक्चर लगी हुई थी.
एक बार तो उसने यहां वहां देखा. फिर वॉशरूम की ओर देखा कि कहीं मैं देख तो नहीं रहा. फिर वो पोर्न फिल्म देखने लगी.
उसके चेहरे पर घबराहट सी मैं साफ देख सकता था मगर उसको वो चुदाई की फिल्म देखने में मजा भी आ रहा था.
मैं चुपके से ये सब देख रहा था और वह अपने मम्में दबाने लगी. उनको धीरे धीरे अपने ब्लाउज के ऊपर से ही मसल रही थी.
यही मौका था इस गर्म चूत पर लंड का हथौड़ा मारने का.
एकदम से मैं बाथरूम में बाहर आ गया तो पारो चौंक गयी और उसने एकदम से उठकर झाड़ू लगाना शुरू कर दिया.
मैंने भी हैरान होने का नाटक किया और उसके सामने ही वो लैपटॉप उठा लिया.
मैंने कहा- अरे … इसके लिए सॉरी.
जब उसे लगा कि मैं सॉरी बोल रहा हूं तो उसकी थोड़ी हिम्मत बढ़ी और वो शर्माते हुए बोली- ये बात भी बड़ी मेम साहब से छुपानी है? आप ये सब भी देखते हैं?
मैंने कहा- तो क्या करूँ … अब जब तक शादी नहीं होती तो यही करना पड़ेगा.
वो बोली- तो फिर शादी करवा लो आप!
मैंने कहा- उसके लिए कोई मिले भी तो … तभी तो करवाऊंगा.
वो बोली- आप को कैसी लड़की चाहिए?
मैंने तुरंत कहा- तुम्हारे जैसी.
वो बोली- क्या?
मैंने उसे खींच कर अपनी बांहों में भर लिया और उसकी गांड दबाते हुए अपने तने हुए लौड़े को उसकी जांघों पर रगड़ने लगा.
वो एकदम हुए इस प्रहार से जैसे पिघल गयी.
धीरे धीरे मैं अपने होंठ उसके होंठों पास ले गया और उसकी आँखें बंद होती चली गयीं.
मैं उसके होंठों को चूसने लगा और वो भी जैसे मेरी बांहों में लिपटती चली गयी.
अब मैं उसे किस कर रहा था और उसके मुंह से आवाज़ आ रही थी- आह.. उम्म… साहब ये क्या कर रहे हो … कोई आ गया तो?
मैं जानता था कि वो ये सब नाटक कर रही है. चूत तो उसकी भी पूरी गर्म थी.
मैं बोला- अब ज्यादा बनो मत, मैं जानता हूं कि तुम मेरे अंडरवियर में मेरे हथियार को देखती रहती हो.
उसकी चोरी पकड़ी गयी तो उसने फिर कुछ भी बोलना बंद कर दिया और आराम से मेरा साथ देने लगी.
उसके होंठों को मैं दो मिनट तक चूसता रहा और फिर उसकी चूचियों को दबाने लगा.
उसके हाथ को मैंने नीचे अपने हाथ से पकड़ कर अपने लंड पर रखवा दिया तो उसने पहली बार में ही मेरे बॉक्सर के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको दबा दबाकर सहलाने लगी.
मैंने उसकी गांड को दबाना शुरू कर दिया और मेरा लंड उसकी साड़ी के ऊपर से उसकी चूत में घुसने को हो रहा था.
फिर मैंने उसे कंधों से दबाते हुए नीचे बैठने का इशारा किया तो वो समझ गयी.
वह घुटने के बल बैठ गयी और अपने हाथों से खींचकर उसने मेरा बॉक्सर उतार दिया.मेरा 7.5 इंच का नागराज देखकर उसके चेहरे पर हैरानी के भाव आ गये.
मैंने कहा- पसंद आया?
वो शर्मा गयी और मैंने उसको आंख मारकर लंड चूसने का इशारा किया.
उसने मुंह खोला और मेरे तप रहे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. उसने जैसे ही लंड मुंह में लिया तो दोस्तो, मैं मानो सातवें आसमान में था. वह एक पेशेवर चुदक्कड़ औरत की तरह लंड को चूस रही थी।
मैं भी उसके बाल पकड़ कर उसके मुंह को आगे पीछे कर रहा था और उसका मुंह चोदे जा रहा था।
अब मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया और उसे गले पर किस करने लगा, उसके होंठ चूमने लगा.
धीमे धीमे उसके दूधों को ऊपर से चूस चूसकर मैंने साड़ी को गीला कर दिया.
मैंने उसे उठाया और उसका ब्लाउज उतरवा दिया. फिर उसकी साड़ी पेटीकोट भी जल्दी से निकलवा दी.
अब मैं ज्यादा देर लंड को इंतजार नहीं करवा सकता था. मैं जल्दी से उसकी चूत मारना चाह रहा था.
वो मेरे सामने पैंटी और ब्रा में थी … उफ्फ … क्या लग रही थी.
उसके पसीने की महक मुझे पागल कर रही थी. मैंने उसकी चूचियों को दबाया और उसकी चूत को सहलाया तो वो भी थोड़ी आक्रामक हुई और उसने भी मेरे कपडे़ उतार दिए.
अब उसकी ब्रा और पैंटी को उतरवा कर मैंने भी उसको पूरी की पूरी नंगी कर दिया.
पहली बार मैंने किसी नौकरानी को नंगी देखा था. सच में दोस्तो, ये नौकरानी बड़ी सेक्सी होती हैं और इनके फिगर के तो कहने ही क्या?
हम दोनों पूरे के पूरे नंगे हो चुके थे.
उसकी चूचियां एकदम गोल गोल तनी हुई थीं. मैंने उसके दूध को पागलों की तरह पीना शुरू कर दिया.
वो बोली- आराम से पीजिए साहब। मैं कहीं नहीं जा रही.
मैंने कहा- साहब कहना बंद करो … जान कहो मुझे।
वो ये सुनकर और ज्यादा चुदासी हो गयी और मेरे मुंह को अपनी चूचियों में दबाने और मेरे बालों को सहलाने लगी.
नीचे से मैं उसकी चूत को हथेली से रगड़े जा रहा था.
उसकी चूत बाहर से सांवली थी लेकिन अंदर से एकदम लाल थी. उसकी चूत अब गीली होने लगी थी और मुझे उसको रगड़ने में गजब का मजा आ रहा था.
कुछ देर उसकी चूचियों को पीने के बाद मैंने उसे अब 69 में कर लिया और हम दोनों अब 69 में आ चुके थे.
अब मैं उसकी चूत का रसपान कर रहा था और वो मेरे नागराज को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी.
क्या मस्त माल थी वो यार उफ्फ़… मजा आ रहा था उसके साथ!
उसकी चूत को चूसते और चाटते हुए मैंने उंगली उसकी गांड में डाल दी जिससे वह उछल गई.
मैं कुत्ते की तरह उसकी चूत चाट रहा था … जीभ डाल कर अंदर भी घुमा रहा था जिससे वह बहुत ज्यादा कामुक हो गयी.
अब वो पागलों की तरह मेरे लंड को खा रही थी. मेरे टट्टे चूस रही थी. मेरी झांटों में जीभ फिरा रही थी.
कभी मेरी गांड को उंगली से सहलाने लगती थी. उसकी चूत का हाल मैंने बेहाल कर दिया था.
वो बिल्कुल एक रंडी की तरह मेरे लंड और उसके दो अंडों से खेल रही थी।
अब हम दोनों चुदाई के लिए तैयार हो चुके थे. मैंने उसे लिटा दिया और टांगें फैला दीं.
मैं उसकी चूत में लंड को पेलने ही वाला था कि उसने मुझे रोक दिया- रुको साहब!
तो मैं बोला- क्या हुआ?
मैं सोच रहा था कि शायद वो कहेगी कि कॉन्डम लगा लो.
उसने मेरी ओर हवस भरी निगाहों से देखा और बोली- आप मुझे ऊपर आने दो.
मैं तो उसकी बात सुनकर हैरान सा हो गया.
वो तो साली पूरी खिलाड़ी निकली.
झट से उसने मुझे नीचे लिटाया और मेरे लंड पर आकर बैठ गयी. फिर प्यार से मेरे मूसल को पकड़ा और फिर धीरे धीरे … आहिस्ता आहिस्ता … अपनी गर्म चूत में उतरवा लिया.
मैं सिसकार उठा- आह्ह … आह्ह … क्या बात है मेरी रानी … तू तो कमाल है.
वो सिसकारते हुए बोली- बस अब देखते जाओ जान … आपको मजा तो मैं ही दिये देती हूं आज!
कहकर वो मेरे लंड पर आगे पीछे चूत को करने लगी. उसकी चूत में लंड चलना शुरू हुआ तो मैं जैसे स्वर्ग के आनंद में खो गया.
उसकी चिकनी चूत में मेरा लंड पूरा फंसकर जा रहा था.
धीरे धीरे उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और वो मेरे लंड को चोदने लगी.
मेरा आनंद भी बढ़ने लगा.
मैं तेजी से सिसकारने लगा और वो भी जोर जोर से आह्ह … आह्ह … साब जी … आपका लौड़ा … आह्ह … ओह्ह … क्या मजा दे रहा है … आह्ह … हाय.
मैंने उसकी गांड को पकड़ लिया और तेजी से उसके चूतड़ आगे पीछे करवाने लगा.
हम दोनों चुदाई के नशे में डूबने लगे. उसकी चूचियां जोर जोर से डोल रही थीं जिनको मैं बीच बीच में पकड़ पकड़ कर जोर से दबा देता था.
कुछ देर तक वो मुझे चोदती रही. अब मैं बिना लंड निकाले उसके ऊपर आ गया और उसके पैर अपने कंधे पर रख कर उसे चोदने लगा जिससे कमरे में फच … फच … फच …. ओह … ओह … की आवाज गूंजने लगी.
चुदाई की आवाजों और सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज रहा था. बीच बीच में मैं उसके दूध चूस ले रहा था … उफ्फ़… क्या मस्त लग रही थी वो चुदते हुए.
फिर वो मदहोश होकर बोली- आह्ह साब … अब मैं झड़ने वाली हूं आह्ह … चोदो … आह्ह … फाड़ दो।
मैंने अपने धक्के तेज़ कर दिए और उसकी चूत से रस की धार बह निकली जिसका अहसास मैं अपने लंड पर कर सकता था.
वह निढाल होकर बिस्तर पर लेट गयी और मैं धक्के मारे जा रहा था.
मेरा भी निकलने वाला था. मैं पूरी ताकत से उसकी चूत को फाड़ने लगा और उसके चेहरे पर दर्द साफ देखा जा सकता था.
फिर मैंने धक्के मारते हुए उसकी चूत में ही सारा माल निकाल दिया और मैं हांफता हुआ उसके ऊपर गिर गया.
मेरा मन अभी भी नहीं भरा था. मैं अपने पिलपिले हो रहे लंड से अभी भी उसकी माल भरी चूत में लंड को आगे पीछे करता रहा.
वो भी मेरी पीठ को सहलाती रही. मैं उसकी चूचियों को पीता रहा. उसकी चूत से पच पच हो रही थी मगर लंड डालने में अभी भी उतना ही मजा रहा था.
कुछ देर तक ऐसे ही करने के बाद मेरा लंड अंदर ही अंदर उसकी चूत में तन गया और मैंने एक बार फिर से उसकी चूत चोद डाली.
उस दिन के बाद से मैंने कई बार उसकी चूत मारी. फिर मुझे ऑफिस जाना पड़ा और वो मुझे बहुत मिस करने लगी. मैं भी उसकी चूत के लिए तरसता रहा.
दोस्तो, अभी मैं इस कहानी में इतना ही बता रहा हूं. उसके बाद भी मैंने अपनी नौकरानी की चुदाई कई बार की.
मैंने उसे दिल्ली में बुलाकर भी चोदा. वो स्टोरी फिर कभी सुनाऊंगा.