मैं आप सभी का इण्डियन सेक्सी स्टोरी में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।
हैलो दोस्तों, मेरा नाम नीतीश है। मेरी उम्र 25 साल की हैं। मैं दिल्ली में रहता हूँ। मेरा कद 5 फ़ीट 9 इंच हैं। मैं बहुत ही स्मार्ट लगता हूँ।मैने अभी M.Com पूरा किया हैं। मेरे कॉलेज की सारी लडकियां मुझ पर मरती है। मैंने अब तक कई लड़कियो को चोदा है। मेरा लंड 8 इंच लंबा है। लगभग 3 इंच मोटा है। मेरे लंड को लडकियां खाने को परेशान रहती है। लड़कियों को मुझे लंड चुसाने में बहुत मजा आता है।
लड़कियों की उछलते बूब्स मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। खाशकर भाभियों के बड़े बड़े मम्मो से खेलना मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं अब तक कई सारी भाभियों की चुदाई कर चुका हूँ। भांभियां भी मुझे बहुत पसंद करती है। मैंने पड़ोस में कई सारी चाचियों की भी चुदाई कर चुका हूँ। पड़ोस की एक चाची को मेरा लंड बहुत पसन्द था। मौक़ा पाते ही वो हर रोज खेलती थीं। मैने चाची को अपना लंड बहुत चुसाया है। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आता है। मैंने किस तरह नौकरानी की चुदाई की अपनी कहानी में बताता हूँ।
दोस्तों मै एक अच्छे परिवार से हूँ। मेरे पापा वन विभाग में ऑफिसर है। मेरी माँ अब इस दुनिया में नहीं है। मैं जब 5 साल का था। तभी से मुझे घर की नौकरानियां देख रेख करती थी। मेरे बड़े होने पर नौकरानियां परेशान होकर चली जाती थी। मैंने कई सारी नौकरानियों को चोद चुका हूँ। मैं M.Com फ़ाइनल करके आया ही था। मैंने घर आकर वेल बजाई। अंदर से एक 22 साल की लड़की निकल कर आई। उसने दरवाजा खोला। मेरा लंड तो उसे देखते ही खड़ा हो गया।
मैंने पूंछा- तुम कौन हो? यहाँ क्या कर रही हो? उसने अपना नाम रीमा बताया। मैंने पूछा तुम यहां क्या कर रही हो? उसने कहा- साहब मै यहाँ काम करती हूँ। मैं- इससे पहले तो मैंने तुम्हे नहीं देखा। रीमा- साहब मै अभी जल्दी ही आयी हूँ। बडे साहब ने मुझे अभी जल्दी जल्दी काम पर रखा है। लेकिन सच दोस्तों मुझे नहीं लगता था की वो मेरे यहां की नौकरानी होगी। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था।
पापा ने फ़ोन करके बताया तब जा के मुझे यकीन हुआ। रीमा बहुत ही गजब की माल लग रही थी। रीमा बेहद खूबसूरत थी। कपडे भी अच्छे पहने हुई थी। किसी राजकुमारी से वो कम नहीं लग रही थी। मेरा तो मन उसे चोदने को मचल रहा था। मैंने बॉथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ मारी। मुझे मुठ मारते ही थोड़ा लंड को आराम मिला। मेरे घर वो पूरा दिन रहती थी।
शाम के समय वो पास ही अपने घर जाती थी। शाम का खाना खाने के बाद जो भी बचता था। वो अपने घर लेकर चली जाती थी। रीमा ने बताया कि उसके घर बूढी माँ है। जो अक्सर बीमार रहती है। उसकी अभी तक शादी नहीं हुई थी। मुझे उसपर तरस आ रहा था। लेकिन मेरा लंड तो कुछ और ही चाहता था।
मुझे उसकी चूत की प्यास लगी हुई थी। कुछ ही दिन में हम दोनों अच्छे से घुल मिल गए। उसे मैं कम ही परेशान करता था। उसकी जवानी मैं कुछ दिनों से ताड़ता आ रहा था। मैं उसे अपने पास अपने बराबर बिठा कर बात करता था।
रीमा ने कहा- साहब आप बहुत अच्छे हैं. कोई मुझसे इस तरह से बर्ताव नहीं करता था। लेकिन आप बहुत अच्छे हैं। उसे क्या पता था कि मैं तो किसी और चीज के लिए उससे ऐसा बर्ताव करता हूँ। मैंने उसके पास जाकर कहा- एक बात बोलूं। रीमा ने कहा- हाँ, मैंने कहा तुम मुझे बहुत ही अच्छी लगती हो। इतना कहकर उसका हाथ पकड़ लिया। मैंने कहा तुम्हे किसी भी चीज की जरूरत हो मुझसे बेफिक्र होकर कह दिया करो। उसने सिर हिलाकर हाँ कह दिया।
मैंने उस दिन सिर्फ उसे छूकर उसकी तरफ देख रहा था। उसने भी मेरी तरफ देखा और फिर घर का सारा काम करने के बाद चली गई। मै दुसरे दिन देर तक लेटा रहा। वो सुबह जल्दी आयी और सारा काम करने लगी। कुछ देर बाद मुझे सोते देखकर मुझे जगाने लगी। मै अंगड़ाई लेते हुए उठ गया। रीमा ने कहा साहब तुम आज इतनी देर में भी क्यों नहीं उठ रहे थें।
मै रीमा की चूंचियों को देख रहा था। रीमा मुझे जगाने के लिए बिस्तर पर झुकी थी। उसके बड़े बड़े बूब्स समीज में नीचे की तरफ लटके हुए थे। मैंने रीमा से कहा- आज के बाद तुम मुझे साहब नहीं कहोगी। अब से तुम मुझे नीतीश ही कहना। मैंने कहा तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी।
उसने कहा- नही आप बड़े लोग हैं। आप से मेरा ये संबंध नहीं हो सकता। मैंने कहा- मैं तुमसे प्यार करता हूँ। तुम्हे यकीन नहीं हो रहा होगा। लेकिन ये सच है। मैंने रीमा को पकड़कर अपने बिस्तर पर बैठा लिया। रीमा उठ कर चली गई। मैं ब्रश करके किचन में चला गया। मेरे लिए रीमा कॉफी बना रही थी। मैंने रीमा को बॉथरूम में पीछे से पकड़ लिया। रीमा अपनी कातिलाना नजरो से मेरी तरफ देख रही थी।
मुझे रीमा की ये अदा बहुत पसंद आ गई। मैंने रीमा को छोड़ दिया। मैंने कहा आज मैं तुम्हे अपने हाथों से कॉफ़ी बना के पिलाऊंगा। रीमा कहने लगी। नहीं नहीं मैं बना रही हूँ। मैंने कहा चलो हम दोनो मिल कर बनाते हैं। दोनों किचन में एक दुसरे को देख रहे थे। मैं रीमा को ऊपर से नीचे तक देख रहा था।
रीमा भी मेरी तरफ देख रही थी। मैंने रीमा के पास जाकर रीमा को पकड़ लिया। रीमा ने कुछ नहीं बोला। ना ही कोई विरोध किया। मेरी हिम्मत बढ़ रही थी। मैंने धीऱे धीऱे से अपने होंठ को रीमा के होंठ तक ले गया। रीमा ने मेरे होंठ पर अपनी अंगुली रख दी।
उसकी लंबी लंबी अंगुलियां और उस पर लगा नेलपॉलिश मुझे बहुत ही रोमांचक लग रही थी। जी करता था कि उसकी अंगुलियां काट कर खा जाऊं। मैंने उसकी उंगली पर ही किस कर लिया। रीमा मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखने लगी। मैंने रीमा की होंठ पर अपना होंठ रख दिया।
रीमा ने मेरी तरफ बडी प्यार से देखते हुए अपनी आँखे बंद कर ली। मैंने भी अपनी आँखे बंद करके रीमा की होंठ पर किस करने लगा। रीमा चुप चाप किस करवा रही थी। मै उसकी गुलाबी होंठ को चूंसने लगा। रीमा भी धीऱे धीऱे मेरा साथ देने लगी। मैंने रीमा की होंठ को अपने आप से चिपका कर होंठ अच्छे से चूसना शुरू किया। रीमा की गुलाबी होंठ बहुत ही सॉफ्ट थे।
मैंने रीमा की होठ को मजे लेकर चूस रहा था। रीमा भी मेरे होंठ को ऐसे चूस रही थी। जैसे मेरे होंठ पर चॉकलेट लगा हो। आराम आराम से मजे से चूस रही थी। रीमा ने अपनी जीभ निकाली। मैंने उसकी जीभ को अंदर तक अपने होंठ से चूसने लगा। रीमा की जवानी का आनन्द मै अच्छे से ले रहा था। रीमा के बदन पर हाथ लगाते ही वो सिकुड़ जाती।
मै उसको बार बार सहला कर उसे गर्म कर रहा था। मै रीमा के गले को बार बार चूम रहा था। रीमा का गला चूमते ही रीमा मुझसे चिपक जाती थी। रीमा ने उस दिन पीले रंग की सलवार समीज पहने हुए थी। मैंने
रीमा के बूब्स पर अपना हाथ रख दिया। रीमा ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स को दबवाने लगी।
मैंने रींमा से अपना हाथ छुड़वाया। रीमा की दोनों चूंचियो को अपने हाथों में भरकर दबाने लगा। रीमा मेरे होंठो पर किस कर रही थी। मैंने रींमा की चूंचियो को जोर जोर से दबाने लगा। रींमा गर्म गर्म सांसों को छोड़ते हुए। सी…सी… सी…. सी…. इस्स्स….इस्स….इस्सस्स…..उफ़्फ़…!!! कर रही थी। मुझे रीमा की गर्म गर्म साँसे बहुत ही अच्छी लग रही थी।
रीमा धीऱे धीऱे मदहोश होती जा रही थी। मैंने रींमा की चूंचियो को और अच्छे से दबा रहा था। मैंने रीमा की समीज को निकाल दिया। रींमा ने काले रंग का ब्रा पहना था। उसकी पट्टियांबहुत ही चमकीली लग रही थी। लग रहा था अभी अभी नया पहन कर आई है।
रींमा की चूंचियां भी कुछ कम नहीं थी। उसके बूब्स भी बहुत आकर्षक लग रहे थे। मैंने रीमा की ब्रा को निकालकर उसके बूब्स को फ्री कर दिया। रीमा की चूंचियां मैंने अपने मुँह में भर लिया। उसकी काले रंग के निप्पल मेरी मुँह में भरे हुए थे। मै उसके संतरे का रस पी रहा था। उनके संतरो जैसे चूंचियो को पीने में बहुत मजा आ रहा था। कुछ देर तक चूंचियां पीने के बाद मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया।
उसकी सलवार नीचे सरक कर उनके पैरों में अटक गई। मैंने उसके पैरों को उठाकर उसकी सलवार निकाल दी। मैंने उनकी पैंटी को छूते हुए। उसकी चूत में उंगली करने लगा। उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी। मैंने उसकी पैंटी से अपनी उंगली उठाकर सूंघते हुये उसकी पैंटी निकाल दी। उनकी साफ़ चिकनी चूत को देखकर मेरा लंड और बड़ा हो गया। मैंने उसे पास के डायनिंग टेबल पर बिठाकर उसकी टांगो को फैला दिया। उसकी चूत के मुझे अच्छे से दर्शन हो गए। मैंने झुककर उसकी चूत में अपना मुँह लगाकर चाटने लगा। उसकी चूत गीली थी।
मैंने उसका सारा माल चाट लिया। रीमा मुझे पकडे हुई थी। मैंने उसकी चूत की दोनों पंखुडियो को अपने होंठ और दांतो से काट काट कर चूस रहा था। उसकी चूत ने फिर से उबला पानी छोड़ दिया। मैंने उसकी चूत का उबला गर्म गर्म पानी पी लिया। रींमा काफी गरम हो चुकी थी। उसकी चूत बार बार अपना पानी छोड़ रही थी। मै उसकी चूत के दाने को काट रहा था। वो फिर से “आऊ…आऊ…हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा…” की आवाज निकल कर मदमस्त थी। मैंने उसकी चूत से अपना मुँह हटा कर अपना कपड़ा निकालने लगा। मैंने अपना बड़ा कच्छा निकाल कर अपनी टी शर्ट निकाल दी।
मै अब सिर्फ अंडरविअर में था। मैंने अपने तने हुए अंडरविअर को निकाल दिया। मेरा लंड खड़ा था। मैंने अपने खड़े लंड को रीमा की हांथो में पकड़ा दिया। रीमा मेरे लंड को सहलाते हुए मुठ मार रही थी। रीमा की मुँह के पास अपना लंड को कर दिया। रीमा ने मेरा लंड चूसने से मना कर दी। कहने लगी- इससे तुम पेशाब करते हो। मै नहीं चूसूँगी। मैंने रीमा की दोनों टांगो को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। रीमा चुदवाने को तड़पने लगी। मै रींमा की चूत के दाने पर अपना लंड बार बार रगड़ रहा था। रीमा मेरा लंड पकड़ कर रींमा बार अपनी छूट में डालने की कोशिश कर रही थी। मैंने रीमा की चूत में डाल दिया।
उसकी चूत की तो जान निकल गई। रींमा जोर से चीख पड़ी।”…मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी– हा हा हा ….ऊऊऊ …ऊँ….ऊँ.. …ऊँ. ..उनहूँ उनहूँ..” की चीखे उसकी मुँह से निकलने लगी।
मैने अभी आधा लंड ही उसकीं चूत में डाला था। रीमा ने अपनी लंबी लंबी अँगुलियों से अपनी चूत को मसल रही थी।मैंने देर ना करते हुए। फिर से धक्का मारा। मेरा पूरा लंड रींमा की चूत ने अंदर ले लिया। लेकिन रीमा जोर जोर से सुसुक सुसुक कर चिल्लाने लगी। “….उई……उई….उई….माँ…म…म…मर…ग…गई…..ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह… मैंने रींमा को चोदना शुरू किया। रींमा कि चूत मेंअपना लंड आगे पीछे करने लगा। मै अपनी कमर जल्दी जल्दी उठाकर चोद रहा था।
रीमा सिसकारियां ले ले कर चुदवा रही थी। लेकिन चुदवाने में पीछे नहीं हटी। कुछ देर तक सुसुक सुसुक कर चुदवाने के बाद उसने भी मेरी लंड की तरफ अपनी चूत उठा उठा कर चुदवा रही थी। मैं उसे अब और जोर जोर से चोदने लगा। मेरे तेज चोदने पर अपनी अँगुलियों से अपने चूत को सहला रही थी।
मैंने उसे टेबल पर ही नींचे करके झुका दिया। उसकी चूत में पीछे से लंड डालकर उसकी चूत चोदने लगा। रीमा टेबल से चिपकी हुई थी। उसकी दोनों चूंचियां टेबल पर रखी आराम कर रही थी। रीमा की कमर पकड़ कर उसकी चूत में अपना लंड जोर जोर से पेल रहा था।
उनकी चूत में लंड को तेजी से पेलते ही टेबल खिसक जाती थी। रींमा की धीऱे धीऱे “आऊ….आऊ….हम.. म.. म.. म अहह्ह् ह्हह….सी सी सी सी….हा हा हा…” की आवांजो के साथ चुद रही थी। मैंने रींमा की एक टांग को उठाकर अपने कंधे पर रख लिया। रीमा ने अपनी हाथों से टेबल को पकड़ लिया। मैंने अपना लंड पकड़ कर रीमा की चूत में डाल दिया।
रीमा की चूत में अपना लंड कमर उठा उठा के डाल रहा था। रीमा भी मजे से चुदवा रही थी। रीमा की दोनों चूंचियां नीचे की तरफ लटकी हुई थी। उसकी चूंचियां झूला झूल रही थी। मैं रीमा की जम के चुदाई कर रहा था। रीमा की चूत से पानी बहने लगा। मेरा पूरा लंड उसके पानी से भीग गया।
लग रहा था मेरा लंड स्नान कर रहा है। मेरा लंड छप छप की आवाज के साथ रींमा की चुदाई कर रहा था। रीमा की टांग कंधे पर रखकर थक चुका था। मैंने रींमा की टांग नीचे उतार कर नीचे ही लेट गया। रीमा को मैंने अपने खड़े लंड पर चूत रख कर बैठने को कहा। रींमा अपनी चूत में धीऱे धीऱे मेरे लंड को अंदर लेती रही। रींमा धीऱे धीऱे से “…..अई. …अई… अई…अई….इसस्स्स् …स्स्स्स्स्… उहह्ह्ह्ह….ओह्ह्ह्हह्ह…” बोलरही थी। मै रीमा की चूत में अपना लंड उठा उठा कर चोद रहा था। रीमा की चूत को फाड़कर मैंने उसका भरता बना डाला।
उसकी चूत से उसका माल टप टप करके मेरे लंड की जड़ पर गिर रहा था। मैंने उसके माल को अपने लंड पर पोंछ दिया। मैंने रींमा को कुतिया बनाया। उनकी गांड के छेद पर अपना लंड रख दिया। उसकी गांड में अपना लंड घुसाने लगा। मेरा लंड आसनी से रीमा की गांड में नही घुस रहा था। मैंने जोर से धक्का मारा। मेरा लंड रीमा की गांड में घुस गया। रीमा इस बार बहुत जोर से चिल्लाई। “उ उ उ उ उ….अ अ अ अ… अ आ आ आ आ….सी सी सी सी….ऊ…..ऊँ. …ऊँ….” की तेज आवाज रीमा की मुँह से निकलने लगी।
मैंने रीमा की गांड में जोर जोर से लंड घुसा कर निकालने लगा। रीमा की आवाजें और तेज होने लगी। मैंने झड़ने के कागार पर पहुच गया। इसीलिए में रीमा को और जोर जोर से चोदने लगा। रीमा की आवाज को सुनकर मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने रीमा की गांड से अपना लंड निकाल लिया। उसकी गांड पर ही मैं मुठ मारने लगा। रीमा कुतिया बनी बैठी थी। मैंने जोर जोर से मुठ मार रहा था। मेरा माल छूटने ही वाला था। मैंने अपना सारा माल उसकी गांड के छेद पर गिरा दिया। मैंने अपने लंड से ही सारा माल उसकी गांड पर मालिश कर दी।
रीमा उठ कर गई। साफ़ कपडा लेकर उसने नीचे गिरे माल को साफ़ किया। फिर हम दोनो बॉथरूम गए। दोनों लोग एक साथ मजे ले ले कर नहाया। अब हर दिन मैं रीमा की चुदाई करता हूँ। मैं उसे अपने घर में जहाँ भी मन करता है। वही चोद देता हूँ। रीमा को भी चुदाई करा के बहुत मजा आता है। मैं उसकी हर जरूरत पूरी करता हूँ। उसका पति न सही लेकिन पति जैसा तो हूँ। कहानी आपको कैसे लगी, अपने कमेंट्स ज़रूर दे.