हैलो दोस्तों मैं भावना आप सभी का इंडियन सेक्स कहानी में स्वागत करती हूँ। मैं दीपक नाम के लड़के से प्यार करती थी। वो दूसरी बिरादरी का था। इसलिए धीरे धीरे मेरे गाँव के सब लोग हमारी मुहब्बत का विरोध करने लगे। जब मेरे घर वालो को ये बात पता चली की मैं दीपक जैसे छोटी कास्ट के लड़के से प्यार करती हूँ तो उन्होंने मुझे बहुत पीटा। दीपक और मेरी मुलाकात ना हो पाए इसलिए उन्होंने मेरे बॉयफ्रेंड दीपक को झूठ मुठ चोरी के जुर्म में गिरफ्तार करवा दिया।
दीपक पूरे 3 महीने जेल में बंद था। उसे मेरे घर वालों ने बहुत सताया और जान से मारने की धमकी दे दी। मेरे पापा ने दीपक से कहा की अगर दुबारा मुझसे मिलने की कोशिश की तो वो उसे जान से मार देंगे। फिर मेरे घर वाले मेरी शादी की तैयारी करने लगे। हर हफ्ते मुझे देखने के लिए नये नये लड़के आने लगे। कुछ ही दिन में एक लड़के ने मुझे पसंद कर लिया और शादी की तारीफ़ पक्की कर दी गयी।
10 जून को मेरी शादी की तारीफ पक्की कर दी गयी। पर मैं किसी तरह कपड़े खरीदने के बहाने से घर से बाहर आ गयी और दीपक के साथ मैंने भागने का फैसला कर लिया। पर जब और दीपक रेलवे स्टेशन पहुचे तो पापा के आदमी वहां तैनात थे। इसलिए हम दोनों प्रेमी पागल ट्रेन नही पकड़ सके। हाईवे के किनारे किनारे मैं दीपक के साथ चल रही थी। रास्ते में एक ट्रक हमे खड़ा हुआ दिखाई दिया।
हम दोनों चुपके से उसमे पीछे से बैठ गये। ट्रक चल दिया। उसका ड्राईवर एक पंजाबी आदमी था। उसे नही पता था की मैं और दीपक उसके ट्रक में चुपके से घुस गये है। अंदर मछलियों के कई ड्रम थे। वो ट्रक पुणे जा रहा था। बहुत बदबू आ रही थी। वहां पर बैठना बहुत मुश्किल था। पर हम दोनों को किसी तरह शहर से बाहर निकलना था। मेरे पापा और उनके गुंडे मुझे और दीपक को हर तरफ ढूढ रहे थे।
2 घंटे बाद हम लोग अपने शहर से काफी दूर आ गये थे और हमे अब किसी तरह का खतरा नही था। अचनाक एक जिन्दा मछली ड्रम से कूदकर मेरे उपर गिर गयी। “अअअअअ आआआआ….बचाओ!!” मैं चिल्लाई।
मेरी आवाज ट्रक ड्राईवर और उसके क्लीनर ने सुन ली और ट्रक रोक दिया। वहां पर चारो तरफ जंगल ही जंगल था। मेरी आवाज सुनकर वो ट्रक से उतरा और पीछे आकर पन्नी खोलने लगा। फिर हम दोनों पकड़ लिए।
“चोर !! चोर!!! पकड़ लो इनको!!” ट्रक ड्राईवर बोला
“रुको सरदारजी!! हम दोनों चोर नही है। हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते है। पर हमारे माँ बाप शादी के खिलाफ है। इसलिए हम दोनों घर से भागे है” दीपक ने कहा
“ओह्ह …तो ये मामला है!!” सरदार अपनी लम्बी दाढ़ी को हाथ से सहलाते हुए बोला
उसकी नजरे मुझे बार बार नीचे से उपर तक स्कैन कर रही थी। मैंने टॉप और स्कर्ट पहन रखी थी। मेरे सफ़ेद रंग का टॉप पहन रखा था। मेरे बूब्स का साइज 34 था। मेरे दूध के रसीले उभार मेरे टॉप से दिख रहे थे। अंदर मैंने ब्रा पहन रखी थी। नीचे मैंने बड़े घेरे वाली काली स्कर्ट पहन रखी थी। ट्रक ड्राईवर मुझे बार बार घूरकर देखे जा रहा था। कुछ देर बाद उसका लंड खड़ा हो गया था। वो मुझे चोदना चाहता था। उसका क्लीनर भी मुझे ठरकी लग रहा था।
“अच्छा अच्छा कोई बात नही। चलो मैं तुमको पुणे छोड़ सकता हूँ पर मुझे क्या मिलेगा???” वो बोला मैं समझी की शायद वो पैसा मांग रहा है। मैंने दीपक को इशारा किया। दीपक ने अपनी पैंट से अपना पर्स निकाला। पर्स में 5 हजार रूपए थे। मेरे बॉयफ्रेंड ने पर्स ट्रक ड्राईवर को दे दिया। “नही नही मुझे पैसा नही कुछ और चाहिए” वो हँसते हुए बोला “क्या चाहिए तुमको???” मैंने उससे पूछा “तुम्हारी चूत!!” ट्रक ड्राईवर हंसकर बोला
“मैं पूरे महीने ट्रक से माल को ढोता रहता हूँ। पर किसी लड़की को चोदने का मौक़ा नही लगता है। इसलिए मुझे अपनी रसीली चूत दे दो। मैं तुम दोनों को नागपुर छोड़ दूंगा” वो हंसकर बोला। दीपक ये सुनकर बिगड़ गया।
“तुम्हारा दिमाग तो खराब नही है। शर्म नही आती है ऐसी बाते करते हुए” दीपक ने ट्रक ड्राईवर से कहा.
“तो ठीक है। तुम लोग इस जंगल में भटको। मैं चला” ट्रक ड्राईवर अपने क्लीनर के साथ वापिस गाडी में बैठ गया। उसने चाभी घुमाकर इंजन स्टार्ट कर दिया। दोस्तों उस समय शाम हो गयी थी और रात होने वाली थी। हम लोग एक जंगल के बीचो बीच थे। शेर, भालू, और गीदड़ों की आवाज आ रही थी।
अगर वो ट्रक वाला हमे इस जंगल में छोड़कर चला जाता तो हमारा पता नही क्या होता। इसलिए मैं फैलसा कर लिया की मैं उससे चुदवा लुंगी और दीपक के साथ वो मुझे सही सलामत पुणे छोड़ देगा।
मैं उसे आवाज लगाई और कहा की मैं उसे अपनी रसीली चूत देने को तैयार हूँ। दीपक को ये सब बहुत बुरा लग रहा था। पर वो मजबूर था। मैं दीपक के साथ ट्रक में वापिस बैठ गयी। 1 घंटे बाद एक छोटा सा बजार आया। वहां पर ट्रक ड्राईवर ने एक ढाबे पर ट्रक रोक दिया और मुझे इशारा किया। मैं समझ गयी की वो अब मुझे चोदेगा। मुझे लेकर ट्रक ड्राईवर उस ढाबे में घुस गया। वो इसी ढाबे पर रोज खाना खाता था। ढाबे वाले से उसकी अच्छी दोस्ती थी।
“क्या सरदार जी ??? ये लड़की कौन है??” ढाबा मालिक ने ट्रक ड्राईवर से हंसकर पूछा
ट्रक ड्राईवर ने अपनी दो ऊँगली क्रोस करके कहा “दुग्गी है यार। एक कमरा दिला दो। इसे चोद लूँ। काफी दिन से कोई बुर चोदने को नसीब नही हुई” ट्रक ड्राईवर बोला
“सही है सरदार जी….जाओ जाओ उपर वाला कमरा खाली है।
पर इसे धीरे धीरे चोदना वरना आवाज नीचे तक आ जाएगी!”
ढाबा मालिक बोला और दोनों हँसने लगे।
ट्रक ड्राइवर मुझे लेकर उपर कमरे में चला गया। वहां पर एक बिस्तर पड़ा था जो काफी मैला कुचैला था। ट्रक ड्राईवर ने मुझे कपड़े उतारने को कहा। मैंने अपना टॉप स्कर्ट उतार दिया। फिर ब्रा और पेंटी भी उतार दी। ट्रक ड्राईवर नंगा होकर मेरे पास आ गया। उसका लंड तो 8” से भी जादा लम्बा था। झाटे तो बहुत ही लम्बी थी। वो मेरे उपर लेट गया और मेरी नंगी छातियों को टच करने लगा। मुझे काफी बुरा लग रहा था। पर मैं मजबूर थी।
धीरे धीरे ट्रक ड्राईवर मेरे रसीले बूब्स दबाने लगा। मैं पूरी तरह से नंगी थी। अभी तक सिर्फ दीपक ने मुझे चोदा था। पर आज मैं उस ठरकी ट्रक ड्राईवर से चुदना वाली थी। फिर वो तेज तेज मेरे मम्मे दबाने लगा। मैं “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” बोलकर चिल्ला रही थी। ट्रक ड्राईवर तेज तेज मेरे चिकने मम्मे को ऐसे दबा रहा था जैसे मैं उसकी बीवी हूँ। फिर वो मेरे दूध पीने लगा। मेरी बायीं चूची को उसने मुंह में भर लिया और जल्दी जल्दी चूसने लगा।
मैं गर्म गर्म सिसकियाँ ले रही थी। ट्रक ड्राईवर आज मेरे रूप और यौवन को लूट रहा था। वो मेरी रसीली चूची को चूस रहा था। मैं किसी मछली की तरह तडप रही थी।
फिर उसने मेरी चूची पी ली और मेरी दाई चूची मुंह में भर ली और जल्दी जल्दी मुंह चलाकर चूसने लगा।
मुझे बड़ा अजीब लग रहा था। किसी बच्चे की तरह वो ठरकी ड्राईवर मेरी जवानी का मजा लूट रहा था। मेरी तो जान ही निकली जा रही थी। वो मेरे बूब्स को कसके काट लेता था। मैं “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ… सरदार जी!! धीरे धीरे मेरे मम्मे पियो। लग रही है” मैं बोल रही थी। फिर वो नीचे खिसक गया।
मेरे पेट को सहलाने लगा। मेरी नाभि बेहद सेक्सी थी। मेरी नाभि में एक गहरा गड्ढा था जो बहुत सेक्सी लग रहा था। ट्रक ड्राईवर जब मेरी नाभि में जीभ डालने लगा तो मुझे अजीब सी झुरझरी हो रही थी। बड़ा अलग अहसास था वो। फिर वो जल्दी जल्दी मेरी नाभि पीने लगा।
मैं बिन पानी की मछली की तरह तडप गयी। फिर ट्रक ड्राईवर ने मेरे दोनों पैर खोल दिए और मेरी चूत पीने लगा। वो जल्दी जल्दी मेरी रसीली चुद्दी पीने लगा। मुझे अजीब सा कम्पन महसूस हो रहा था। किसी सूखे पत्ते की तरह मैं कांप रही थी।
उसने 10 मिनट तक मेरी चूत को चाता और छेद में जीभ डालने लगा। मैं तडप गयी। फिर उसने मेरी भोसड़ी में अपना 8” लम्बा लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगा। मैं “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” की सेक्सी निकाल रही थी।
मेरे बॉयफ्रेंड का लंड सिर्फ 5” का था इसलिए मुझे कभी इतना दर्द नही हुआ था। पर इस ट्रक ड्राईवर का लंड किसी हाथी के लंड जैसा था। वो जल्दी जल्दी मुझे पेल रहा था जैसे मैं कोई बजारू रंडी थी। मेरा बदन काँप रहा था।
कुछ देर बाद ट्रक ड्राईवर ने ताबड़तोड़ धक्के मेरी चूत में मारना शुरू कर दिया। मैं उसके धक्के से बार बार आगे खिसक जाती थी। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोलकर चिल्ला रही थी। मुझे बहुत अधिक यौन उतेज्जना महसूस हो रही थी क्यूंकि ट्रक ड्राईवर का लंड बहुत बड़ा था। किसी तरह मैं उसे बर्दास्त किया।
ट्रक ड्राईवर जल्दी जल्दी मेरी चूत के रसीले छेद में धक्के मारने लगा। मुझे लगा की कहीं मेरा पेट ही ना फट जाए उसके लम्बे लंड से। 30 मिनट उसने मुझे चोदा फिर मेरी चूत में माल गिरा दिया। फिर आधे घंटे तक उसने मुझसे अपना लंड चुसाया। उसके बाद उसने मुझे और दीपक को पुणे छोड़ दिया। हम दोनों ने एक मन्दिर में जाकर शादी कर ली। अब हम दोनों पति पत्नी है और खुशहाल जीवन जी रहे है।