मैं आपको अपनी पूरी कहानी बताउंगी की कैसे मेरे दामाद ने मुझे जबरदस्ती पकड़ कर चोद दिया था और मैं कुछ भी नहीं कर पाई। अगर मेरी बेटी को ये बात पता चलेगी तो वो क्या कहेगी। सबसे बड़ी बात तो ये है की ये पिछले महीने की बात है और इस महीने मेरी माहवारी यानी पीरियड्स भी नहीं आई है।
अब मैं आप सभी को सीधे इस नाजायज रिश्ते की शुरुआत कैसे हुई उसके बारे में बताती हु.
मेरा नाम ललिता है, मैं 37 साल की हु, मेरा इस संसार में मेरी बेटी शिवानी के अलावा और कोई नहीं है, मेरे पति बंगलौर में सरकारी नौकरी में थे, पर वो ज्यादा शराब पीने की वजह से उनका लिवर ख़राब हो गया था और वो चल बसे.
उनके जाने के बाद मैंने अपनी बेटी की शादी दिल्ली में रहने बाले एक लड़के अंकित से कर दी, शादी के बाद शिवानी दिल्ली चली गई, मैं रह गई अकेली, सच पूछिये दोस्तों मेरी ज़िदंगी वीरान हो गई थी क्योंकी मेरे पास कोई और नहीं था.
मैं अकेले रह रही थी. पर एक अच्छी बात हुई की, शिवानी ने अपना फ़र्ज़ निभाया, और वो मुझे अपने पास बुलाने के लिए अंकित को गोरखपुर भेजा, पहले तो मुझे लगा की मुझे नहीं जाना चाहिए, पर फिर सोचा की अगर नहीं जाऊगी तो मेरा क्या होगा, मेरा तो ऐसे भी इस दुनिया में कोई नहीं है.
सुबह की राजधानी एक्सप्रेस से दामाद जी आ गए, उनके आने से पहले ही मैंने खाना बना ली और नहा धो कर तैयार हो गई थी.
नई नई साडी पहन ली, विधवा भले हु, पर मेरी उम्र अभी 37 साल ही है, तो अभी भी किसी बीस साल की लड़की को फेल कर सकती हूँ.
बदन की बनावट और चूचियों का साइज से तो आज भी सब को घायल कर देती हु, उन्होंने खाना खाया और थोड़े देर बात चित करते हुए सो गए, और मैं भी उन्ही के पलंग पर बात करते करते बैठे बैठे ही सो गई.
अचानक मैंने देखा की दामाद जी मेरे गोद में अपना सर रख दिए, मेरी नींद खुल गई, अब मैं सोच रही थी की क्या करूँ हटा दू, की रहने दू. आखिर मेरे दामाद ही तो है.
मुझे लगा की नहीं हटानी चाहिए और मैं उनके सर पर हाथ फेरने लगी. वो और अच्छे से मेरे गोद में सो गए, अब मेरे मन में वासना की आग दौड़ने लगी क्योंकी ऐसे मैंने कभी किसी जवान मर्द को मैंने अपने गोद में नहीं सुलाया था.
पति से ज्यादा बनती नहीं थी और 2 साल से बीमारी से ही त्रस्त थी. फिर मैं उनके होठों के ऊँगली से छूने लगी. और गाल पर हाथ फेरने लगी.
अचानक उन्होंने कहा आ जाओ ना यार मेरे बाहों में शिवानी मैं समझ गई की, वो शायद शिवानी के गोद में ऐसे सोते होंगे, उन्होंने मुझे अपने तरफ खीच लिया, मैं भी सरक कर निचे हो गई और, उनसे सट कर सो गई.
वो मेरी चूचियों को सहलाने लगे और फिर पेट के नाभि में अपनी ऊँगली डालने लगे. फिर मैंने भी अपना आँचल अपनी चूचियों पर से हटा दिया, और ऊपर ब्लाउज का बटन खोल दिया.
वो मेरी चूचियों को दबाने लगे और मेरे गाल में अपना होठ रगड़ने लगे. और उन्होंने आँख खोल दिया.
मैं हड़बड़ा गई. वो बोले कोई बात नहीं सासु माँ हड़बड़ाने की कोई बात नहीं, मैं नींद में था ही नहीं. आप बहुत हॉट हो. आप बहूत ही सेक्सी हो. और आपकी उम्र ही क्या हुई है जो ऐसी ज़िन्दगी जी रही हो.
मैं नार्मल हो गई और वो मेरे होठ को चूसने लगा और मैं भी उसने होठो को चूसते हुए बालों में अपनी उँगलियाँ फिरा रही थी.
मेरे तन बदन में आग लग गई थी. मुझे जल्द से जल्द ठुकवाने का मन होने लगा था, मैंने अपनी साडी उतार दी और उन्होंने मेरे पेटीकोट को उतार कर फिर मुझे ब्रा और पेंटी में निहारते रहे और कह रहे थे ओह्ह्ह माय गॉड क्या चीज है आप, आपके सामने तो जवान लड़की भी फेल हो जाएगी, और ब्रा का हुक खोल दिया, पैंटी निचे उतार दिया.
उसके बाद क्या बताऊँ मेरे दोस्त मेरी बड़ी बड़ी गोल गोल मस्त चूचियों को चाटने लगा और जोर जोर से दबाने लगा. और मेरी तो चूत गीली होने लगी, अपने होठ को खुद के दांतो से दबा रही थी और मेरे मुह से सेक्सी सेक्सी आवाज निकलने लगी.
वो भी सिसकारियां ले रहा था, और मेरे बदन को अपने हाथों से सहला रहा था. और वो फिर मेरे चूत को सहलाया और बोला, माँ जी आपकी चूत तो गीली और काफी गरम है .
मैंने कहा हां ये आग तो कब से लगी हुई थी. आज धधक गई गई है. और उसने निचे जाकर मेरे पैरों को अलग अलग कर के चूत को चाटने लगा.
मैंने आह आह आह करने लगी. वो अपनी जीभ को मेरे चूत को सहला रहा था और जो नमकीन पानी निकल रहा था उसको वो चाट रहा था मैं खुद भी अपनी चूचियों को अपने हाथो से सहला रही थी.
फिर मेरे दामाद ने अपना मोटा काला लंड मेरे मुंह में दिया चूसने को और मैं किसी रंडी की तरह अपने दामाद का लंड चूसने लगी.
पहली बार मैं किसी मर्द का लंड चूस रही थी आह् क्या सुकून मिला मुझे लंड चूसने के बाद.
मेरे दामाद का लंड काफ़ी मोटा और 8 इंच लंबा था. मुझे मेरे दामाद की लंड की ख़ुश्बू भा गई और मैं चुदने के लिए तड़पने लगी.
फिर क्या बताऊँ दोस्तों उसने मेरी चूत पे थूक लगाया और अपना लंड मेरे चूत के छेद पर रखा और जोर से धक्का दिया, मुझे दर्द हुआ क्यों की मेरी चूत काफी टाइट थी.
दामाद जी बोले आह क्या माल हो माँ जी. इतनी टाइट चूत तो आपकी बेटी की भी नहीं है. मजा आ गया, और ज़िन्दगी का मजा तो अब आएगा, और वो जोर जोर से चोदने लगा.
मुझे उसने घोड़ी बनाया और मुझे पीछे से चोदने लगाकर और साथ ही मेरी गांड पे जोर जोर के थप्पड़ भी मारने लगा जिससे मेरी गांड पूरी लाल हो गई.
मैं और भी सेक्सी हो गई. और जोर जोर से कमर उछालने लगी. मैं फिर किसी चुदक्कड़ औरत की तरह मजे से अपनी गांड उछाल उछालकर चुदवाने लगी और कमरे में सिर्फ फ़च फ़च की आवाज आने लगी.
चूत चुदाई के बाद दामाद जी मेरी गांड मारना चाहते थे पर मैंने उन्हें मना करदिया लेकिन फिर भी वो जबरदस्ती करने लगे और मुझे कोड़ी करके अपना लंड मेरी गांड में घुसाने लगे और मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
वो ज़ोर ज़ोर के धक्के मारने लगे और मेरी चीखें ही निकल गई.
उस दिन क़रीब 20 मिनट तक मेरी गांड की चुदाई हुई.
फिर दुबारा दामाद जी ने मुझे उल्टा किया और अब वो मेरे ऊपर आकर दोबारा से मेरी चूत चोदने लगे और खूब तेज तेज के धक्के मारने लगे.
दोस्तों क्या बताऊँ मेरे बदन में चुदाई का करंट दौड़ रहा था, और फिर हम दोनों एक दूसरे को चुदने और चुदवाने में मदद करने लगे.
आखिर चालीस मिनट के बाद हम दोनों शांत हो गए, दामाद जी ने फिर पूरा का पूरा वीर्य मेरे चूत के अंदर डाल दिया, और फिर हम दोनो एक दूसरे को पकड़ कर सो गए.
ये शुरआत हो गई थी मेरी नाजायज रिश्ते की मेरा दामाद मेरे साथ 8 दिन रहा और करीब मुझे 40 बार चोदा, कल ही मैं दिल्ली उसके साथ आ गई हु, अब आज सुबह किचन में चुदी थी वो भी खड़े खड़े जब मेरी बेटी नहाने गई बाथरूम में.