मेरी पहली चुदाई और मैंने अपने दीदी के देवर से अपनी चूत फड़वाई.मुझे वो पहली चुदाई का दिन आज भी याद है कि कैसे मैंने अपने दीदी के देवर से चुदवाया था, और अपनी चूत फड़वाई थी, मजा भी आया था और दर्द भी हुआ था.
मेरे मन में जो लंड का और चुदाई का जो ख्वाब था वो पूरा हुआ, बहुत मजे किये थे मैंने उस दिन, वो दिन मेरे ज़िंदगी का बहुत ही शानदार दिनों में से एक है, आज मैं आपको उसी दिन की कहानी सुनाने जा रही हु, आशा करती हु की आपको बहुत मजा आएगा, क्यों की मेरी चूत अभी कहानी लिखते लिखते ही गीली हो चुकी है.
ये कहानी सुने:
मेरा नाम मीनाक्षी है, मैं अभी 24 साल की हु, ये कहानी आज से 2 साल पहले की है, जब मैंने पहली बार सेक्स किया था, मैं दिखने में बहुत ही अच्छी हु, और सबसे खूबसूरत बात जो मेरे शरीर में है वो है मेरी दोनों टाइट बड़ी बड़ी चूचियाँ और मेरी गांड जो गोल गोल पीछे की तरफ निकले हुए काफी सेक्सी है, मेरे होठ बहुत ही गुलाबी और रसीले है,और मैं एक नंबर की चुदक्कड़ लड़की हूँ. बिना अपनी चूत में लंड लिए तो मैं रह ही नहीं सकती.
मैं कॉलेज टाइम से ही लड़को में मशहूर थी, सब मेरे ऊपर मरते थे, पर मैं किसी पे नहीं मरती थी क्यों की मेरे घरवाले बड़े ही स्ट्रिक्ट थे, पर जब मैंने अपनी सभी सहेलियों से सुना कि वो अपने बॉयफ्रेंड से रोज़ चुदवाती है और उन्हें अपने बॉयफ्रेंड के लंड पर उछल उछल कर चुदने में बहुत मज़ा आता है तब से मुझे लगा की ये चुदाई क्या बला है मैं चखना चाहती हु.
मैंने एक पोर्न मूवी देखि अपने मोबाइल पे तब से तो और भी जख्मी शेरनी जैसी हो गई थी मुझे लगता था की कैसे मैं लंड को चूसूँ, पर ये सब संभव नहीं था, मैंने कोई प्लान भी नहीं किया था की कब चुदुंगी मैं तो सोच रही थी की शादी के पहले तो कोई उपाय नहीं है चुदाई का, पर ये सब शादी के पहले ही सच हो गया है कैसे आगे बताती हु.
कुछ दिनों बाद मेरे ज़ीजू का बर्थडे था तो दीदी ने मुझे घर इन्वाइट किया. उनके के घर पर दीदी, जीजू उनके देवर और ननद रहती है. जीजू टेलीकॉम कंपनी में काम करते है और मेरी दीदी हाउसवाइफ है. दीदी के देवर घर से ही ऑनलाइन काम करते है और उनकी ननद पूजा अभी 10th क्लास में है.
जीजू के बर्थडे वाले दिन दीदी ने जीजू के लिये एक सरप्राइज प्लान किया हुआ था.जीजू उस दिन जॉब पर गये थे और वो रात 9 बजे घर आते है और दीदी और पूजा साथ में बाहर गये हुए थे गिफ्ट्स और केक वगेरा लेने.
उस दिन मैं और दीदी के देवर राहुल घर पर अकेले थे. राहुल अपना क़ाम कर रहे थे और मैं रूम में अकेले बैठ कर पॉर्न मूवी देख रही थी जिस वजह से मेरी चूत पूरी गीली हो गई थी और मैं चुदने के लिए तड़प रही थी. मैंने सोचा कि आज तो मैं किसी भी हाल में चुद के ही रहूँगी.
फिर मैं बाथरूम में नहाने चली गई और नहाने के बाद मैंने टॉवल का बहाना करके राहुल को आवाज़ लगाई और बोला कि मैं टॉवल अंदर ही भूल गई हूँ आप मुझे टॉवल देदो जरा. राहुल टॉवल लेकर मुझे देने आया और मैं टॉवल लपेट कर ही बाहर आ गयी. मैं फिर राहुल के कमरे की और जाने लगी और उसे थैंक्यू बोलने लगी और फिर थोड़ी बाते की उस दिन हमने.
उस दिन मेरा चुदने का बहुत मन कर रहा था मैं बस किसी भी तरीक़े से अपने दीदी के देवर से चुदवाना चाहती थी इसलिए मैंने जानबूझ कर अपना फ़ोन नीचे गिरा दिया और झुककर फ़ोन उठाने लगी तभी मेरा टॉवल खुल गया और मैं पूरी नंगी हो गई.
राहुल तो मेरा नंगा बदन देखते ही रह गया और उसकी आँखों में भी मुझे हवस दिखाई देने लगी.
मैंने जल्दी से अपना टॉवल उठाया और लपेटने लगी तभी राहुल ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मुझे चूमने लगा, मेरे होठों पे क़िस्स करने लगा. मैं उसके सामने नख़रे करने लगी लेकिन फिर भी वो मुझे छोड़ने को तैयार नहीं था और अब तो वो मुझे पक्का चोदने वाला था.वो मुझे ज़ोर ज़ोर से चूमने लगा और फिर मैं भी उसका साथ देने लगी.
फिर उसने मुझे पीछे से पकड़ के मेरे गांड में अपना लंड रगड़ दिया,पहली बार लंड रगड़ने का एहसास बड़ा ही मस्त था मैं और भी मस्ती में आ गई, और फिर से मैंने उनके लंड को छू दिया अब वो मेरे चूत को छूने लागे, वो निचे से हाथ डालने लगे, मैंने सोचा की कही दीदी ना आ जाये क्यों की मुझे पता था जीज़ू तो रात आएंगे अभी तो चार ही बजे है, मैंने लैंडलाइन से दीदी को फ़ोन किया तो वो बोली की मैं सात बजे तक आउंगी.
फिर क्या था मैंने बाहर जाकर देखा दरवाजा बंद था मैंने वापस जैसे ही आई तो उन्होंने मुझे फिर से पीछे से पकड़ लिया और मेरे चूचियों को मसलने लगे, मैंने भी मसलवा रही थी, बस आहआह…आहं…सीसीसी की आवाज मुह से निकल रही थी, मैं कामुक होते जा रही थी, दर्द भी हो रहा था कोई पहली बार मेरी चूचियों को मसल रहा था, मैं अपना गांड उनके लंड पे रगड़ने लगी, और फिर ऐसा लगा की मेरे पूरे शरीर में बिजली दौड़ गई और मैं वापस मुड़ी और उनका सर पकड़ कर मैं उनके होठो को चूसने लगी.
वो मेरी गांड को पकड़ के मेरी चूत को अपने लंड से सहलाने लगे, दोनों की साँसे तेज हो गई थी और उन्होंने मुझे पलंग पे लिटा दिया और मेरी फिर वो मेरी चूच को दबाने लगे, मैं उनके सामने पूरी नंगी पड़ी हुई थी और वो मेरी चूचियों को मुह से पिने लगे और दाँतो से दबाने लगे, मेरे मुह से सिस्कारियां निकलने लगी आहआहं…आह्नआह्न…
मैं अपने पैर को उनके पैर से रगड़ने लगी फिर उन्होंने मेरी चूत में उँगली डाली और बोले मीनाक्षी तुम्हारी चूत तो बहुत गरम और गीली हो चुकी है तो मैंने कहा ये सब आपके वजह से हुआ है, फिर वो मेरी चूत को चिर कर देखने लगे मुझे शर्म आ गई, मैंने अपने चूत को अपने हाथो से ढक लिया.
वो फिर मेरी हाथ को हटा के चूत को निहारते हुए अपना लंड निकाले और मेरे चूत के छेद पे रख के जोर से घुसाने लगे, मेरी चूत काफी टाइट थी इस वजह से जा नहीं रहा था, वो जोर लगा रहे थे पर जाने का नाम नहीं ले रहा था फिर से जोर लगाये और उनका लंड मेरे चूत में अंदर चला गया पर खून की कुछ बुँदे बेडशीट पे गिर गई.
मेरी चूत फट चुकी थी अब हुआ असली खेल वो जोर जोर से अपना लंड मेरे चूत में डालने लगे, मैं चिल्ला चिल्ला के चुदवाने लगी आहआँ…आहंआहं..सी..सी..उन्होंने मेरी चूत को फाड़ दिया, मुझे दर्द भी बहुत हो रहा था और मजा भी आ रहा था.
फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मुझे चोदने लगे. मैं भी उनके लंड पर उछल उछलकर अपनी गांड मटकाने लगी.मैं उस दिन खूब चुदी करीब दो घंटे तक, फिर वो झड़ गये. उसके बाद वो सात दिन तक रहे और उन्होंने मुझे सात दिन में करीब 20 बार चोदा, अगले महीने मेरी शादी है, अब मैं दूसरे लंड का इंतज़ार कर रही हु.