हैलो दोस्तों, मेरा नाम ज्योति है और मेरी उम्र 24 साल है।मेरी शादी को तीन साल हो चुके है। हमारे घर मैं, मेरा पति, मेरी एक सालकी बेटी और बस मेरी सास है, ननद की शादी हो चुकी है।
मेरी पहली चुदाई पति ने ही की थी पर शादी के दो साल बाद भी हमारी मैरिड लाइफ में रोमांच नहीं था सब कुछ बोरियत भरा सा था। पति का जब मन करता, वो बस मेरी चूत में कुछ धक्के लगा कर अपना पानी मेरी चूत में भर के सो जाता। ऐसे ही मुझे एक साल बाद बच्चा भी हो गया।मेरी जिंदगी बोरिंग सी चल रही थी। तभी मेरी जिन्दगी में कुछ ऐसा हुआ जिससे मुझे खुशी मिली.
मेरे पति का एक नयी जगह काम लगा था तो वहाँ से उनका एक दोस्त रौनक़ हमारे घर आने लगा था। मेरे पति से वो छोटा था लगभग मेरी उम्र का! वो स्वभाव से बहुत अच्छा और स्मार्ट था। अक्सर वो मेरे बच्चे को अपनी गोदी में लेता. गोदी लेते वक्त उसके हाथ मेरी चूची से स्पर्श हो जाते थे, मुझे लगता था कि अनजाने में हो जाता होगा।
पर जब उसको मौका मिलता था तो वो मेरी तारीफ करता था जिससे मुझे शर्म भी आती थी और मैं उसे थैंक यू बोल देती थी।
मैं भी धीरे धीरे उससे खुल गई थी बातों बातों में अक्सर वो बताता है कि उसको मेरी जैसी बीवी चाहिए। एक दिन वो घर आया. मैं उसके लिए चाय लाई. पति फोन पे बाहर बात कर रहे थे।
मैंने उसको झुक के चाय पकड़ाई तो वो मेरी चूची को देख के मुस्कुराकर बोला- भाभी, लगता है कि दूध ज्यादा है चाय में! मैं यह सुनकर थोड़ा शर्मा गई और वापस रसोई में आकर काम करने लगी। वो चाय पीकर रसोई में कप देने आया और जाते वक्त हल्के से मेरी गांड को सहला दिया।
मुझे कुछ समझ नहीं आया कि यह क्या हो रहा है? मुझे उसका ऐसा सहलाना सही नहीं लगा. पर पति को यह बताना भी सही नहीं लग रहा था। आगे के कुछ दिनों तक वो ऐसी ही छोटी छोटी हरकत करता रहा। मैंने भी एक दो बार उसका गुस्से में हाथ भी झटक दिया था पर अब मुझे भी उसका इस तरह छूना अच्छा लगने लगा था लेकिन मैं एक बच्चे की मां हूं’ मुझे यह सब सोचकर अच्छा नहीं लगता था।
मेरी ननद की डिलीवरी के लिए मेरी सास उसके घर चली गई थी। रौनक़ को भी यह बात पता लग गई थी। अगले रोज रात में मेरे पति रौनक़ के साथ लेट आए. वो काफी नशे में थे, रौनक़ उनको कंधे से सहारा देकर दरवाजे तक लाए थे।
रौनक़ बोला- भाभी, ज्यादा हो गई है भैया को! इन्हें सुला देते हैं अब!
मैंने भी एक तरफ से सहारा दिया. मौका पाकर रौनक़ मेरी गांड को सहलाते हुए पति को बेडरूम तक लेके आया और उन्हें बिस्तर पर बच्चे के पास लेटा दिया। मैंने रौनक़ को बोला- ये हरकतें मत किया कर … मुझे पसंद नहीं है।
वो बोला- मैंने क्या किया, भैया ने खुद पी इतनी … मैंने तो मना किया था।
मैंने कहा- यह नहीं … जो हरकत मेरे साथ करते हो।
वो कुछ नहीं बोला और कमरे के बाहर आने लगा।
मैं भी उसके पीछे बाहर हॉल में आई और उसे पति को घर लाने के लिए थैंक यू कहा।
उसने मुझसे कहा- आई लव यू भाभी!
और मुझे कमर से पकड़कर अपनी बांहों में जकड़ लिया।
मैं उससे छुटने के लिए उसको धक्का दे रही थी पर उसकी पकड़ काफी मजबूत थी।
मैंने उससे छटपटाते हुए कहा- छोड़ो मुझे, वो जाग जायेंगे। मैं एक बच्चे की मां हूं, गलत है यह!
उसने कहा- भाभी, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं, गलत है तो चिल्ला के जगा लो अपने पति को!
और वो मुझे दीवार पे सटाकर किस करने लगा।
उसने किस करते हुए एक हाथ से मेरी साड़ी ऊपर की और मेरी चड्डी में हाथ डालकर मेरी चूत सहलाने लगा.
मुझे इन सब में बहुत अच्छा लग रहा था परन्तु मैंने उसका हाथ हटाने की कोशिश की पर अब मेरा जिस्म भी उसका साथ देने लगा। मैं चिल्ला सकती थी पर मुझे पता नहीं क्या हुआ … मैं रौनक़ की इन हरकतों से गरम होने लगी। फिर भी उसको ऐसा न करने के लिए बोलती रही- मत करो, वो देख लेंगे तो अच्छा नहीं होगा।
वो बोला- इतनी पिलाई है इसको कि सुबह से पहले होश में नहीं आएगा। प्लीज मत रोको मुझे, आई लव यू।
उसने मुझे सोफे पे लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़कर मुझे किस करता जा रहा था. मुझे भी उसका मेरा होंठों को इस तरह चूसना बहुत अच्छा लग रहा था। उसने किस करते हुए एक हाथ से मेरे ब्लाउज को ऊपर करके मेरी चूची को खींचकर नीचे निकाल ली और मसलने लगा जिससे मेरा दूध भी निकलने लगा।
यह देखकर उसके चेहरे पर कामुक मुस्कान आ गई। वो मेरे चूची को मुंह में भरकर पीने लगा और बोला- वाह मेरी चुदक्कड़ भाभी, तेरा सारा दूध निचोड़ दूंगा आज मैं!
अब रौनक़ बारी बारी मेरी दोनों चूचियों को बड़ी बेरहमी से पीए जा रहा था जिससे मेरी आह निकल रही थी। मेरी चूत में अजीब सी मीठी सी कसक उठ रही थी।
मैं अब उसका साथ दिए जा रही थी। उसने फिर मुझे अपनी तरफ उठाकर मेरा ब्लाउज खोलके अलग कर दिया और अपनी कमीज उतार के मुझे किस करने लगा। मेरी ब्रा को उसने मेरे चूचों के ऊपर खिसका दिया और पागलों की तरह वो मेरे बदन को चाट रहा था और मुझे भी अच्छा लग रहा था।
अब उसने मेरी सारी ऊपर की और मेरी चड्डी खींच के उतार दी। मेरी झांटों वाली चूत में वो उंगली करते हुए वो धीरे से बोला- मेरी जान तुझे आज अपनी रंडी बनाऊँगा, झांटों की सफाई करके रखना अगली बार मेरे लिए! मैं हल्का सा मुस्कुरा गई।
फिर मेरी जांघों को किस करते हुए उसने मेरी चूत में अपना मुंह लगा दिया और मेरी चूत में जीभ चलाने लगा। मेरे पति ने कभी ऐसा नहीं किया था.
मुझे शुरू मे थोड़ा गंदा लगा पर बाद में बहुत मजा आने लगा। मैं उसका सिर अपनी चूत पे दबाने लगी। अब मुझे कोई एहसास नहीं था कि अगले कमरे में मेरा पति और बच्चा सोए है और यहां हॉल में गैर मर्द से अपनी चूत चटवा रही हूं।
अब उसने मुझे किस करते हुए सोफे से उठाकर जमीन पर लेटा दिया और उसने सारे कपड़े उतार दिए। उसका मेरे पति से बड़ा लगभग 8 इंच से बड़ा लंड मुझे ही घूर रहा था। उसने मुझसे भी सारे कपड़े उतारने को कहा तो मैं धीमे से बोली- ऐसे ही कर लो ना … वो जाग जायेंगे तो मुसीबत हो जायेगी।
वो फिर मेरी छाती पर बैठके मेरे मुंह में उसका लौड़ा देने लगा।
मैंने कभी मुंह में लंड नहीं लिया था तो मैं चेहरा इधर उधर करते हुए उसे मना करने लगी।
उसने मुझे बोला- चूस इसे रंडी … बहुत मजा आएगा।
उसने मेरे होंठों पे जबरन लंड रख दिया. उसके लंड की बदबू से में मोहित हो रही थी. जैसे ही उसे मौका मिला, उसने लंड मुंह में डाल दिया। मुझे गंदा लग रहा था और वो धीरे धीरे उसकी गांड हिलाकर मेरे मुंह में लंड चला रहा था और फिर मैं किसी रंडी की तरह उसका लंड चूसने लगी।
उसने मेरी टांगें फैलाई और अपने लंड से मेरी चूत सहलाने लगा। मैं लंड लेने के लिए मछली जैसे तड़प रही थी। मैंने उसको बोला- डालो ना … अब बर्दाश्त नहीं हो रहा। वो मुझे किस करते हुए बोला- ऐसे नहीं रंडी बहन की लौड़ी, मेरा लंड चाहिए न चूत में तो मिन्नतें कर मुझसे माधरचोद!
मैं पागल हुई जा रही थी, मैं बोली- प्लीज रौनक़, लंड डाल दो, चोद दो मुझे अपनी रखैल बनाकर आई लव यू!
उसने एक झटका दिया और आधे से ज्यादा लंड चूत में घुसा दिया। मेरी आह निकल गई. उसने अपने होंठों से मेरे होंठ दबा लिए और दूसरे धक्के में पूरा लंड मेरी चूत में भर दिया। उसका गरम मोटा लंड मुझे चूत में बहुत अच्छा लग रहा था।
अब वो धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा। उसके लंड की रगड़ ने मुझ पर न जाने क्या जादू कर दिया, मैं उसकी गांड को पकड़कर मस्ती से चुदाई करवा रही थी।
धीरे धीरे उसने भी चुदाई की स्पीड तेज कर दी, उसके धक्के इतने तेज़ थे कि मेरा पूरा बदन ऊपर नीचे झूल रहा था। रौनक़ मुझे चोदते हुए सिर्फ मेरे चेहरे को निहार रहा था और मैं आहआह उम्म् उम्म्म् की सिसकारियां लेते हुए मस्त चुदवा रही थी।
वो इतनी ताकत से धक्के लगा रहा था कि मेरे मम्मे हवा में उछल रहे थे। पूरे हॉल में थप थप की चुदाई की आवाज आ रही थी।
ऐसी चुदाई चलती रही और मैं झड़ गई। इस चरमसुख में इतना तेज़ था कि मेरे पूरे बदन में सिहरन दौड़ गई। मुझे कभी इतना मजा नहीं आया था। मैं थक के चूर हो गई थी पर वो अभी भी मुझे बेरहमी से चोदे जा रहा था।
उसकी स्पीड और तेज़ हो गई थी।उसने हांफते हुए पूछा- मेरी चुदक्कड़ रंडी, अंदर झड़ जाऊं? मैंने हां में सर हिला दिया।
उसने सारा पानी मेरी चूत की गहराई में भर दिया और फिर उसने कुछ और धक्के मारकर मेरे उपर निढाल लेट गया। तब उसने मद्धम आवाज में पूछा- मजा आया माधरचोद? मैंने उसे किस करते हुए हां कहा।
वो मुझे किस करते हुए बोला- अबसे तुझे हर रोज़ चोदूँगा बहन कीलौड़ी माधरचोद. मैं मुस्कुरा के बोली तू मुझे रण्डी बोलता है तो मुझे बहुत मजा आता है। मैं तेरी रण्डी हूं. मुझे कभी इतना मजा नहीं आया।फिर हमने अपने कपड़े पहने और वो चला गया।
उसका गरम गाढ़ा वीर्य अभी भी मेरी चूत से बह रहा था. मैं वैसे ही चड्डी पहनकर बेडरूम में जाकर लेट गई जिससे मेरी चड्डी भी गीली हो गई। उस समय मुझमें एक अजब सी खुशी थी।