मेरे प्यारे दोस्तों आपको मेरा नमस्कार मैं वंशिका दिल्ली की रहने वाली हूँ। आज मैं आपको अपनी ज़िंदगी का एक राज बताने जा रही हूँ क्योंकी मैं इस चीज के भार को सहन कर नहीं सकती क्योंकी मेरा कोई दोष नहीं था, करती भी क्या सेक्स सबको चाहिए और अगर घर में नहीं मिले तो बाहर तो जाना ही पड़ेगा पर मैं इतनी ईमानदार थी की मैंने कुछ भी ऐसा नहीं किया जो मेरी मर्यादा के खिलाफ हो पर मेरी भी अपनी ज़िंदगी है.क्या पूरी ज़िंदगी ऐसे ही बर्बाद कर दू, क्या मेरी कोई सेक्स लाइफ नहीं है, क्या मेरी जवानी ऐसे ही काट जाये अगर आप ध्यान से सोचेंगे तो समझ आएगा की मैं किसी और से चुदवा कर कोई भी गलत काम नहीं किया. नाजायज रिश्ते के लिए पति ने ही कहा क्योंकी वो इस लायक नहीं थे की वो मुझे संतुष्ट कर सके.
मेरी शादी हुए 10 दिन होने वाले है, सुहागरात को हरेक लड़की की चाहत होती है की उसका पति उसका घुघट उठाये प्यार से किश करे और और बाद में धीरे धीरे कर के एक एक कपडे उतारे और फिर दोनों के शरीर का मिलन हो जाये.
आप सभी को पता है कि पहली रात का सेक्स ज़िंदगी भर नहीं भूलने की चीज़ होती है, पर हुआ कुछ उलटा जो मैं आपको बता रही हु, ये मेरी सच्ची कहानी है, इसमें सेक्स और भावना दोनों है, आशा करती हूँ की आप मेरी भावना को समझेंगे और सपोर्ट करेंगे.
रात को मैं सज संवर के घुघट लिए अपने पति का इंतज़ार कर रही थी, मेरी मचलती जवानी और मेरी चूचियों को आज मर्द की जरूरत थी, पूरी जवानी का तड़पन आज खत्म होने वाला था, मैं आज के दिन के लिए रेड कलर की ब्रा और पेंटी मंगवाई थी, ताकि मैं आज अपने पति को मदहोश कर दूंगी, वो आये और थोड़ी देर तक बातचीत की और तकिया लेके आराम से लेट गए.
मैंने खुद अपना घूँघट उठाया और उनको अपने कातिल नज़रो से देखा पर कुछ भी नहीं हुआ फिर मैंने गर्मी का बहाना करके आँचल निचे किया ताकि मेरी बड़ी बड़ी और टाइट चूचियाँ जो की मेरे ब्लाउज के ऊपर भाग से थोड़ा थोड़ा दिख रही थीं मैंने दिखाई…
पर उन्होंने ज्यादा इंटरेस्ट नहीं लिया फिर मैंने उनके हाथ को पकड़ा और आई लव यू कह कर मैंने अपनी गुलाबी मचलती हुयी होठ से उनके होठ पे एक रंगीन फुहार की तरह एक किश की, किश करते ही मेरे शरीर में बिजली दौड़ गयी और मैं सिहर गयी थी मैं क्योंकी आज तक मैंने किसी भी मर्द को चूमा नहीं था.
मेरे रोम रोम खड़े हो गए मैंने सोचा मेरे पति थोड़ा शर्मा रहे है तो मैं सोची की दोनों एक ही गाड़ी के दो पहिये है तो मैं ही स्टार्ट करती हु, मैं इस रंगीन रात को ऐसे ही नहीं खत्म करना चाहती थी मैंने अपने ब्लाउज का हुक खोल दिया और पीछे से ब्रा का हुक भी और अपने चूची को आज़ाद कर दिया.
मैंने उनका सर अपने गोद में लेके अपनी बड़ी बड़ी मस्त चूचियाँ जिसका निप्पल छोटा छोटा पर उस समय लाल और टाइट हो गया था मैंने अपने पति के मुह में पकड़ के डाल दिया, पति ने अपने होठ से दबाया और पीने लगे, मैं मदहोश हो गयी एक के बाद एक चूची को उनके मुह में डाल रही थी और सेक्स की पहली सीढ़ी का मज़ा ले रही थी.
मेरी बूर पानी पानी हो गई थी आग धधक रही थी मेरी बूर में, अब तो मुझे लंड का इंतज़ार था मैंने उनको पटक के उनके ऊपर चढ़ गयी कुरते पजामे को खोल दिया और मेरी मोटी मोटी जांघ और भरपूर चूतड़ को उनके जांघिये पे टिका दिया और रगड़ने लगी, मेरी चूचियाँ उनके छाती के ऊपर झूल रही थी मैंने उनके हाथ को पकड़ा और चूचियाँ को दबाने के लिए कहा वो मेरी चूचियों को दबाने लगे मेरे तन बदन में आग लग गयी थी.
फिर मैं उनके होठ और कान को काटने लगी, और जीभ से चाटने लगी, उनके लंड की सुग बुगाहट ने मुझे और भी सेक्सी बना दिया था, मैंने उनका जाँघिया खोल दिया और अपनी पेंटी भी उतार थी थोड़ा ऊपर चढ़ के मैंने अपनी बूर को उनके होठ के पास रख दिया, मेरी बूर तो पानी पानी हो गई थी.
मैंने उनसे खूब चूत चटवाई वो जीभ अंदर बाहर करने लगे लस लासा पदार्थ बूर से निकलने लगा और और एक बार मैंने अपने आनंद की प्राप्ति करते हुए झड़ गयी,पर जोश भरपूर था फिर वही रंग, मैं पूरी तरह से फिर तैयार हो गयी उस समय मेरे पति मेरा बूर चाट रहे थे.
मैं लंड घुसवाने के लिए व्याकुल हो रही थी फिर मैं निचे गयी तो उनका लंड खड़ा हो चुका था मैंने लंड को पकड़ के बूर के मुह के पास रखी और बैठ गयी, ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
मैं जन्नत की सैर कर रही थी मैं ऊपर हुई तो उनका लंड धीरे धीरे कर के बूर से बाहर निकला, फिर दबाव लगाया और फिर लंड बूर के अंदर तभी मैं महसूस किया की लंड छोटा और सिकुड गया मैंने हैरान थी, मैंने कहा क्या हुआ तो वो बोले अब नहीं हो सकता है, मेरे लंड में ताकत नहीं है जल्द ही मेरा वीर्य गिर जाता है डॉक्टर ने मुझे पहले ही बता दिया है की मैं अपने वाइफ को कभी भी संतुष्ट नहीं कर पाउँगा मेरा लंड सिर्फ 6 से 7 सेकंड तक ही खड़ा रह सकता है,
मैं गुस्से से लाल हो गयी, मेरे सारे सपने एक सेकंड में ही चकनाचूर हो गया, मैं रोने लगी, मेरी मचलती हुयी जवानी किसी काम की नहीं रही, मेरा भरा पूरा बदन और सेक्सी शरीर अब मैं क्या करती, मैं अपने पति को बोली तुमने पहले क्यों नहीं बताया मैं कहा जाऊँ अपनी जवानी को लेके, मैं तो बर्बाद हो गयी, तो वो बोले की चुदवा ले किसी और से मुझे कोई आपत्ति नहीं है पर तुम मुझे छोड़ के मत जाना.
मैं तीन चार दिन तक सोची फिर मुझे लगा अगर मेरा पति ठीक होता तो मैं सिर्फ अपने पति से ही चुदवाती अब तो मुझे मेरे पति बोल रहे है की किसी से चुदवा लो तो अब मैं कई लोगो से रिश्ता बनाउंगी और अपनी जवानी का भरपूर इस्तेमाल करुँगी.
आज 10 दिन हो गया है, जो पहली रात को हुआ था उतने पर ही हु, पर मैं अब ढूढ़ना स्टार्ट कर दी हु जो की मेरे शरीर की आग को बुझाए अगर आप में से कोई है जो लम्बे समय तक सेक्स सम्बन्ध बनाये रखना चाहते है तो कमेंट करे मुझे अपनी ज़िंदगी जीनी है, आपका इंतज़ार रहेगा……प्लीज……हेल्प मी……
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