पुताई वाले मजदूर के मोटे काले लंड से चुद गई मैं

हैलो दोस्तो, मेरा नाम आकांशा है और मैं एक बड़ी चुदक्कड़ लड़की हूँ और अब तक मैं अपने चार ब्वॉयफ्रेंड्स से चुद चुकी हूँ. मुझे उनके छोटे छोटे लंड से चुदवाने में अब मजा नहीं आता है.
मुझे अपनी चूत के लिए एक बड़ा सा लंड चाहिए था. इसलिए मैंने अपनी चूत के लिए एक रबर का लंड ऑनलाइन मँगवा लिया था.

जिस दिन बड़े लंड की याद आती, मैं उसी डिल्डो से अपनी चूत को रगड़ने लगती!

पर अब तक मैं उस डिल्डो को अपनी चूत में पूरा नहीं ले सकी थी.
मेरी चूत उस डिल्डो फटने सी लगती थी. यह बात अगस्त के महीने की है.
उस वक्त मेरे मम्मी पापा को शादी के लिए बाहर जाना पड़ा.
शादी हमारी खास रिश्तेदारी में थी इसलिए उनका जाना ज़रूरी था.
मेरा पेपर था इसलिए मैं नहीं जा पाई.

मैं घर पर इसलिए भी रह गई थी क्योंकि घर में पुताई का काम भी चल रहा था.
उसके बाद त्यौहारों का सीजन आने वाला था तो पुताई आदि के लिए समय नहीं मिलता था.
वह रविवार का दिन था.
सुबह से ही मम्मी पापा निकल गए थे.

उनके जाने के बाद मैं अपने कमरे में एक ब्लू फिल्म देखती हुई अपनी चूत में डिल्डो को रगड़ रही थी.
तकरीबन 2 घंटे बाद घंटी बजी.

मैंने डिल्डो को छिपाया और देखा तो बाहर पुताई वाला खड़ा था.
वह एक लंबा चौड़ा हट्टा कट्टा 40 साल की उम्र का मर्द था.

उस वक़्त मैंने ब्रा नहीं पहनी थी तो मेरे दूध हिल रहे थे.
उसने मुझे देखा और देखता ही रह गया. मैंने उससे कहा- आज मम्मी पापा घर पर नहीं हैं, आप कल आइएगा.
उसने कहा- कल मुझे कहीं और काम है. अगर आप कहें तो मैं काम करके चला जाऊंगा.

तब मैंने सोचा कि यदि आज इसी से चुदवा कर गन्दा सेक्स करके मजा ले लूँ तो कैसा रहेगा. मैंने उसके लंड की ओर देखते हुए कहा- चलिए ठीक है, आप अन्दर आ जाओ और काम शुरू कर दो.

मैं अपने कमरे में बैठी थी और टीवी देख रही थी.
तभी वह मेरे कमरे के बाहर आया और बोला- मैडम, पहले किस कमरे की पुताई करना है.

मैंने कहा- बाहर वाले कमरे में सामान पहले से ही हटा हुआ है. आप उधर ही पोतना शुरू कर दो.
उसने कहा- ठीक है.
उसने बाहर वाले कमरे की एक दीवार पर पुताई करना शुरू कर दिया था.
मैं अपने कमरे टीवी पर गंदी सी पिक्चर देख रही थी.

पिक्चर के बीच में विज्ञापन आया तो मैं गर्म हो गई.
यह विज्ञापन कंडोम का था और उसमें सनी लियोनी थी.
टीवी की आवाज तेज थी, तो बाहर वह भी सुन रहा था.
मैनफोर्स कंडोम का नाम सुनकर तो जैसे उसने एकदम से अपना ब्रश ही फेंक दिया और कमरे में आकर टीवी देखने लगा.

मैं उसे देख रही थी, तो उसने अनजान होने का नाटक किया.
थोड़ी देर बाद जब पिक्चर शुरू हुई तो पिक्चर में चूमाचाटी के सीन आने लगे.
ये सीन काफी सेक्सी थे.

पिक्चर में सेक्सी देख कर उसका लंड खड़ा होने लगा था.
जब मैंने ध्यान से देखा, तो उसका लंड बहुत बड़ा था.

एक ऐसा लंड जो मेरी चूत की प्यास को अच्छे से बुझा सकता था. पर मैंने अपनी तरफ से पहल ना करने का सोचा.
हालांकि अब मेरी चुदास भड़क गई थी.

तो मैंने उससे थोड़ी बातें करना शुरू कर दीं.
मैंने उससे पूछा- पुताई के कितने पैसे लेते हो तुम?
उसने कहा- दस रुपए फीट के हिसाब से लेता हूँ.
मैंने उससे आगे पूछा- उसके अलावा भी कुछ कर लेते हो या कुछ और भी करना आता है तुम्हें?

उसने अपने लौड़े को सहलाते हुए कहा- आप जो बोलो, मैं वह काम कर सकता हूँ. मुझे मेहनत वाले सब काम करने आते हैं.
मैंने भी उसके लंड को देखते हुए कहा- मेहनत का ही काम है, बोलो करोगे?

उसने कहा- हां करूँगा. क्या काम करना है?
मैंने उसके खड़े होते लौड़े को देखते हुए कहा- तुम्हें मेरी चुदाई करनी होगी!

यह सुनकर तो जैसे वह पागल ही हो गया.
ऐसा लग रहा था जैसे वह आज पुताई करने नहीं, मुझे चोदने ही आया था.

उसने अपना ब्रश फेंका और तुरंत मुझे चूमने लगा.
वह मुझे ऐसे चूम रहा था मानो कोई भूखा आदमी बकरे की चाप चूस रहा हो.

उसके किस से ही मेरी चूत गीली हो चुकी थी.
अब गन्दा सेक्स करने के लिए उसका लंड चाहिए था.
मैंने भी ज़्यादा समय खराब ना करते हुए उसकी टी-शर्ट उतार दी.
उसने मेरी कुर्ती उतारी.

मैं चूंकि बिना ब्रा की थी तो मैं ऊपर से पूरी नंगी हो गई थी.
वह मेरे दोनों दूध अपने दोनों हाथों से पकड़ कर दबाने लगा.
उसने साले ने मेरे दूध ऐसे पकड़ कर खींचना शुरू कर दिए मानो वह उन्हें उखाड़ ही लेगा.

मुझे उसके हाथों से दूध मसलवाने अच्छे तो लग रहे थे पर वह तो हैवानों की तरफ मेरे चूचों की माँ चोदने पर उतारू था.

मैंने उसे रोकते हुए कहा- दूध सहलाए जाते हैं, चूसे जाते हैं, इनका हलवा नहीं बनाया जाता है.
वह हंसते हुए बोला- मैडम, बड़ी मक्खन माल हो तुम … मुझे आज पहली बार आप जैसी माल चोदने को मिली है.

मैंने उससे कहा- चलो वाशरूम में चलते हैं.
मेरा मन था कि इसको नहला कर इसका लंड चूसा जाए.
न जाने कितना गंदा लंड होगा!
उसे लेकर मैं बाथरूम में आ गई और मैंने फव्वारा चालू कर दिया.

हम दोनों पानी की बूंदों में किस कर रहे थे.
कुछ ही देर बाद वह नीचे को हुआ और उसने मेरी चूचियों को चूसना शुरू कर दिया.

मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने अपना हाथ उसके पैंट में डाल दिया.
जैसे ही मैंने अपना हाथ उसकी पैंट में डाला, उसका लंड तो आदमी का लंड था ही नहीं … बहन के लौड़े का लंड तो किसी गधे के लंड जितना लंबा और मोटा था.
मुझे उसके लंड को महसूस करके ही लगा कि इसकी माँ ने पक्के में किसी अफ्रीकन नीग्रो के लंड का बीज लिया होगा, जिससे यह पैदा हुआ.

उसका लंड पैंट को फाड़ कर बाहर निकलने को तैयार था.
मैंने उसकी पैंट उतार दी और उसे पीछे धक्का दे दिया.

मैं भी नीचे बैठ गई और उसका लंड पानी से धोकर अपने मुँह में ले लिया.
उसके लंड को मैं गले तक लेकर चूस रही थी.

वह अपनी कमर पर हाथ रख कर मुझसे अपने लंड की सर्विस करवा रहा था.

मुझे उसके गोटे सहलाने में बहुत मज़ा आ रहा था.
उसके लंड को चूस कर ऐसा लग रहा था जैसे कोई गर्म भुट्टा चूस रही हूँ.

वह धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करता हुआ अपने लंड से मेरे मुँह को चोद रहा था.
मेरे मुँह को चोदते हुए कह रहा था- आह क्या मस्त रंडी है रे तू … आह मजा आ रहा है. चूसती रह बहन की लौड़ी … आह साली तेरे मुँह से मुझे चूत का सुख मिल रहा है … तेरी चूत में लंड पेलूँगा तो न जाने कितना मजा आएगा.

मुझे उसकी बातें सुनकर खूब अच्छा लगा रहा था.
मैंने उसको उकसाते हुए कहा- साले, मैं रंडी तो नहीं हूँ, लेकिन आज तू मुझे रंडी बना ही दे.

उसने यह सुनकर मुझे उठाया और बोला- अब मेरी बारी है मेरी रांड. चल तुझे स्पेशल मजा देता हूँ.
वह एक सांड किस्म का छह फुट का मर्द था.

मैं उसके सामने सवा पांच फुट की हल्की फुल्की गुड़िया सी थी.
उसने मुझे उठा कर अपने कंधों पर कुछ इस तरह से बिठाया कि मेरी चूत उसके मुँह से जा लगी.
मैं उसका सर पकड़ी हुई थी और वह मेरी चूत चाट रहा था.
उसने मेरी चूत चाटते चाटते मुझे झड़ने पर मजबूर कर दिया और मेरा सारा चूत रस पी लिया.

मेरी चूत चाटने की चपर चपर की आवाज़ निकल रही थी.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

मैंने भी उसका सर पकड़ कर अपना मुँह उसकी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया था.
कुछ ही देर में मैं फिर से गर्मा गई थी.
मैंने उससे कहा- अब और देर मत कर, जल्दी से अपना लंड सीधा अन्दर पेल दे.
उसने मुझे उसी हालत में बाहर के कमरे में लाकर सोफ़े पर लिटा दिया और एक झटके में ही अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया.

वह मुझे चोदते हुए बोला- क्यों मैडम, कैसी लगी मेरी चुदाई? अब आपकी पुताई करने के लिए तो मुझे रोज आना पड़ेगा न! 

मैंने कहा- हां अगले 3 दिन तक मेरी रोज चुदाई करना. मेरे घर में कोई नहीं रहेगा.
“हां मैडम, अब तो मैं आपको रोज पेलूँगा.”

कुछ देर बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए थे.
हम दोनों एक दूसरे का आइटम चाट चूस रहे थे.
बहुत मजा आ रहा था.
फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से मुझे चोदने लगा.

कुछ देर तक यूं ही चोदने के बाद हम दोनों झड़ गए और एक दूसरे को साथ में लेकर चिपक गए.
फिर मैंने उसका लंड चूस कर साफ कर दिया.
वह मेरी चूत चाटने लगा और चूत साफ करने के बाद वह बोला- अपना दूध तो पिला दे रंडी.

तब वह मेरी चूचियां चूसने लगा और वह चूचियों को ऐसे चूस रहा था जैसे कोई लंगूर संतरों को दबा कर उनका रस पी रहा हो.

मैंने कहा- मजा आ रहा है?
वह बोला- हां, सच में तेरे संतरे तो बहुत रसीले हैं.
मैंने कहा- दबा दबा कर और बड़ा कर दे साले … मुझे भी मजा आ रहा है.
वह मस्ती से मेरी दोनों चूचियां दबाता रहा.

कुछ देर बाद हम दोनों ने फिर से सेक्स किया और हम दोनों सो गए.
जब हम उठे तो उठने के बाद वह अपने काम पर लग गया.

उसके बाद उसने जाने से पहले एक बार मुझे फिर से चोदा.
मुझे लगा कि उसका कुछ रस मेरे अन्दर चला गया है इसलिए मैंने अपनी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया था.

वह बाहर खड़ा मुझे देख रहा था.
उसने कहा- साली रंडी, अगर और चुदना था तो मुझसे बोल देती ना!
मैंने कहा- मुझे लगा तू चला गया साले!
वह बोला- ऐसे कैसे चला जाता बहन की लौड़ी … तू तो बड़ी कमाल की लौंडिया है. अभी तो तुझे और चोदने का मन है.
यह बोलकर वह मेरे पास आ गया और मेरी चूचियों को दबाने लगा.

मैंने उससे कहा- चल, मेरी चूत में फिर से आग लग गई है,चूत की आग बुझा!
उसने अपनी मुट्ठी से मेरी चूत को ऐसे मसला, जैसे आटा गूँथ रहा हो.
वह अपनी उंगली से मेरी चूत के ऊपर के दाने को बार-बार सहला रहा था.

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
फिर उसने अपना लंड मेरी चूत के ऊपर रखा.
उसका लंड एकदम कड़क था.

वह मुझसे बोला- डाल दूं?
मैंने कहा- हां डाल दे ना.
वह बोला- नहीं, अभी नहीं डालूँगा. पहले भीख माँग साली.
मैंने कहा- साले कुत्ते और मत तड़पा.
तब जाकर उसने अपने लंड को मेरे अन्दर डाल दिया और बहुत तेज तेज करने लगा.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
उसने मुझे दो बार और चोदा.
उस पूरे दिन में उसने मुझे पांच बार चोदा था.
पांच बार चुदने के बाद मेरी चूत का तो भोसड़ा ही बन गया था.

मुझसे चला तक नहीं जा रहा था.
वह बोला- तू कहे तो रात भी रंगीन कर दूँ?
मैंने कहा- नहीं, मुझे आराम करने दे. अब जा … कल आना.
वह चला गया.

मैं अपने कमरे में आ गई और अपनी अलमारी से एक जिन की बोतल उठा कर मुँह से लगा ली.
चार लंबे लंबे घूंट लगा कर मैंने एक सिगरेट सुलगाई और बाथरूम में आकर पीने लगी.

उधर से सिगरेट की महक एक पंखे से बाहर निकल जाती थी.
ऐसा मैं इसलिए करती थी ताकि मम्मी पापा को मालूम न पड़े. अगले तीन दिन तक उसने मुझे बहुत चोदा. मैंने भी उसके साथ शराब पीकर खूब चुदाई करवाई. दूसरे दिन वह मेरी चूत के बाद गांड भी मार कर गया था.

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