हैलो दोस्तों, मेरा नाम है कुसुम है और मै जयपुर की रहने वाली हूँ। अभी मेरी उम्र 22 साल है। मैं आप सभी को अपने फिगर के बारे में बताऊ तो मेरा साइज़ 36-30-34 का है। मेरे बूब्स भरे हुए और गांड उभरी हुई है। मै बिलकुल गोरी चिट्टी और मेरा बदन गदराया हुआ है। मेरे अंदर कामुकता और यौन इच्छा कूट-कूट कर भरी हुई है और आज मैं आप सभी के साथ अपनी सच्ची कहानी साझा कर रही हूँ।
ये कहानी मेरे कॉलेज टाइम की है जब मैं नई नई कॉलेज जाने लगी थी। कॉलेज में सारे लड़के मेरा गदराया हुआ बदन देखकर अपनी आँखें सेका करते थे लेकिन मैं किसी को भाव नहीं देती थी क्योंकि तब मेरा बॉयफ्रेंड हुआ करता था लेकिन कुछ महीनों बाद मेरा उससे ब्रेकअप हो गया था। ब्रेकअप के बाद मैं काफ़ी उदास और अकेला महसूस करने लगी थी। मेरा पढाई में भी मन नहीं लगता था और मेरे शरीर के अंदर की गर्मी भी मुझे खाये जा रही थी। ऊपर से मेरे घर की स्थिति भी अच्छी नहीं थी पैसों की दिक़्क़त चल रही थी जिस वजह से भी मुझे टेंशन होने लगी थी।
एक दिन मेरे साथ कॉलेज में पढ़ने वाली एक सहेली निशा ने मुझसे पूछा कि ‘‘तू आजकल इतनी उदास और चुपचाप क्यों रहती है”। तो मै रोने लगी और उसे पूरी बात बता दी। फिर उसने कहा कि “अरे यार तू इतनी सी बात पर उदास है। देख तेरे लिए पूरा कॉलेज पागल है तू जिस लोंडे की तरफ देखेगी वो पट जाएगा और रही बात पैसो की तो कल उसका भी कुछ जुगाड़ बताती हूँ। चल अब तू टेंशन मत ले मेरे साथ कैंटीन में चल कुछ खाते है। मैंने उस से कहा कि “तू पैसों का क्या जुगाड़ करेगी? तो वो बोली अब चुप कर, कल बताऊँगी मैं तुझे”। फिर मैंने कहा ठीक है और हम कैंटीन से कुछ खाकर घर आ गए।
उस रात मैं घर पे अकेली बैठ कर पोर्न मूवी देख और धीरे धीरे मैं गरम होने लगी और मेरा चुदाई का बहुत मन करने लगा मेरी चूत पूरी गीली हो गई। एक समय था जब मैं रोज़ अपने बॉयफ्रेंड से अपनी चुदाई करवाती थी और एक आज का समय है जब मैं लंड के लिए तरस रही हूँ और मेरे जिस्म की आग बस अब बढ़ती ही जा रही है और फिर उस रात मैंने अपनी चूत में तेज तेज से उँगलियाँ अंदर बाहर की और काफ़ी देर के बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था और फिर उसके बाद मैं सो गई।
अगले दिन जब कॉलेज में मुझेनिशा मिली तो मैंने उसे साफ़ कह दिया कि देख यार मुझसे अब मेरे बदन की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही है और मेरी चूत में आग लगी हुई है। मुझे अब एक लोंडा पटाना है अब तू बता किस पर लाइन मारुं। तो वो बोली “अरे आराम से….. थोड़ा सब्र तो रख”
मैंने कहा मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा है और ऊपर से पैसो की चिंता मुझे खाये जा रही है। तू ही कुछ बता मुझे….
तो वो बोली कि एक तरीका है जिस से तेरे अंदर की गर्मी भी शांत हो जाएगी और तेरे पैसो की समस्या भी खत्म हो जाएगी।
मैंने उत्तेजित होकर पूछा “ क्या तरीका है? ”
निशा बोली “देख,तू जवान है। तेरे पास सुंदर गदराया हुआ भरा बदन है, ऊपर से तू इतनी गोरी -चिट्टी। सारा कॉलेज तेरे लिए पागल है। उपरवाले ने बड़ी फुर्सत से तुझे बनाया है तो इस बदन का इस्तेमाल कर मेरी जान…. ”
मैंने कहा “मै कुछ समझी नहीं….ढंग से बता ”
निशा बोली “देख मैंने ये बात अभी तक किसी को नहीं बताई है और तू भी किसी को मत बताना। अपने कॉलेज के कुछ लड़को के साथ मेरी दोस्ती है।मै हर दूसरे -तीसरे दिन उनको अपनी चूत का मजा लेने देती हूँ और बदले में वो मुझे पैसे देते है। देख इससे दो फायदे हो जाते है एक तो मेरी गर्मी भी निकल जाती है और काफी पैसे भी मिल जाते है।और मुझे पता है कि वो लड़के तेरे पीछे पागल है……उन्होंने मुझे कहा भी है कि अगर तू उनसे चुदने के लिए तैयार हो जाये तो वो तुझे मुझसे भी ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार है ”
मैंने कहा “बकवास मत कर। तू पागल हो गयी है…. मै कोई रंडी नहीं हूँ। मुझे नहीं चाहिए ऐसे पैसे और अगर कल को तेरे बारे में किसी को पता चल गया तो सोच तेरी इज़्ज़त का क्या होगा”
वो बोली “ठीक है तू मत कर….पर सोच ले वो एक दिन के 9000 रूपये देने के लिए तैयार है और तेरी भी आग मिट जाएगी”
मैंने कहा कि “मुझे नहीं करना कुछ भी। और मै घर आ गयी”
घर आकर मै सोच रही थी कि कोई 9000 रूपये सिर्फ चूत पर कैसे बर्बाद कर सकता है। जरूर ये लड़के अमीर घर से होंगे जो बस पैसे बर्बाद कर रहे है।
उस रात मैंने निशा की कही हुई बातों पे बहुत सोचा क्योंकि मुझे पैसों की भी दिक़्क़त चल रही तो और मेरे जिस्म की आग भी दिन पर दिन बढ़ती जा रही थी इसलिए मैंने तय कर लिया था कि मैं निशा को हाँ कर दूँगी।
अगले दिन जब कॉलेज में मुझे निशा दिखी तो मैंने उसे हाय किया लेकिन उसने मुझे जवाब नहीं दिया। मै तुरंत समझ गयी कि वो कलवाली बात पर मुझसे गुस्सा है। फिर लंच टाइम में मै उसके पास गयी और उसे कहा मुझे तुझसे कुछ बात करनी है। तो उसने कहा“बोल”
मैंने उसे कल वाली बात के लिए सॉरी बोला और कहा कि यार मुझे बहुत डर लग रहा है। मेरे पास पैसे नहीं है और घर मैं भी पैसों की बहुत दिक़्क़त चल रही है। मै सब कुछ करने के लिए तैयार हूँ। पर कही कोई गड़बड़ न हो जाए। वो बोली “पगली तू मेरी सबसे अच्छी दोस्त है और मै तुझे किसी भी प्रॉब्लम में नहीं डालूँगी। तू बिलकुल टेंशन मत ले सब कुछ आराम से होगा और तेरी मर्ज़ी के बिना कुछ भी नहीं होगा।
मैंने कहा ठीक है। पहले मुझे ये तो दिखा कि वो लड़के कैसे है ? वो बोली आजा दिखाती हूँ।
वो मुझे कॉलेज के ग्राउंड में ले गई जहाँ 4 लम्बे – चौड़े लड़के खड़े थे।हर लड़के की हाइट लगभग 6 फ़ीट होगी। तीनो की बॉडी भी बहुत अच्छी लग रही थी और ऐसा लग रहा था कि ये रोज जिम जाते होंगे। अब मुझे ये सोचकर डर लग रहा था कि इनके लंड कितने बड़े – बड़े होंगे और मै तीनो को एक साथ कैसे सम्भालूंगी। ये तो मेरी चूत के चीथड़े उड़ा देंगे। मैंने तुरंत निशा से कहा कि यार मुझे बहुत डर लग रहा है। मै ये सब नहीं कर सकती हूँ। वो बोली अरे यार डरने वाली कोई बात नहीं है। चारों लड़के अच्छे है कोई जोरजबरदस्ती नहीं करेगा। प्यार से सेक्स के मजे लेना।
मैंने कहा “नहीं यार मै चारों के साथ नहीं करूंगी। इनमे से किसी एक से ही चुद सकती हूँ और पैसे भी 9000 पूरे लुंगी ”
निशा हँसते हुए बोली “अच्छा मतलब पूरी रंडी बन गयी है तू। चलो मै उनसे बात करके आती हूँ ”
अब निशा मुझे छोड़कर उन लड़को पास जाकर कुछ बात करने लगी और मै दूर से उन्हें देख रही थी। कुछ देर बाद वो लड़के मुझे देखकर मुस्कुराये और मै समझ गयी निशा ने उन्हें क्या कहा है।
फिर निशा मेरे पास आई और बोली कि वो तैयार है। ब्लैक शर्ट वाले लड़के का नाम दीपक है वो तुझे चोदेगा। लंच टाइम के बाद वो गाडी से तुझे पिक कर लेगा और होटल में रूम बुक करवा लेगा।
मैंने कहा यार मुझे डर लग रहा है। वो बोली डर मत जैसे बॉयफ्रेंड के साथ रहती थी वैसे ही रहना।
लंच टाइम के बाद दीपक अपनी गाडी लेकर कॉलेज के गेट पर आ गया। मै और निशा भी गेट के पास ही खड़े थे। निशा ने मुझे धक्का देकर गाड़ी में बैठने का इशारा किया और मै शर्माते हुए गाडी में बैठ गयी। फिर गाडी चल पड़ी। मै अंदर ही अंदर काफी डरी हुई थी। रास्ते में दीपक ने मुझसे हालचाल पूछा और कहा डरने की कोई जरूरत नहीं है। फिर उसने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और मेरी जांघ को सहलाने लग गया। काफी महीनो बाद मैंने किसी मर्द का स्पर्श महसूस किया था तो मै भी एकबार सिहर सी गयी। मैंने दीपक की तरफ देखा तो वो 6 फुट का गबरू जवान था। मै थोड़ी डरी हुई और थोड़ी खुश भी थी कि आज मेरी चूत की आग मिटेगी। फिर दीपक ने मेरी जांघ को दबाना चालू कर दिया। अब मै धीरे – धीरे गर्म होने लग गयी थी।
मैंने उसके हाथ पर हाथ रखा तो उसने मेरा हाथ जोर से दबाया और फिर से जांघ सहलाने लग गया। अब मेरे अंदर आग सी लग चुकी थी। इतने में ही होटल आ गया। दीपक ने गाड़ी पार्क की और रूम की चाबी ले आया। रूम में जाते ही दीपक ने मुझे धक्का देकर दिवार के पास लगा दिया और अपने दोनों हाथ मेरी कमर पर रखकर मुझे गालो पर किस करने लग गया। मै भी उसकी पीठ अपने हाथो से सहलाने लग गयी। फिर उसने अपने हाथ से मेरी ठोडी को ऊपर किया और मेरे होठो से अपने होठ मिला दिए। अब वो मेरे होठ चूस रहा था। कभी ऊपर वाला होठ तो कभी नीचे वाला होठ। इस दौरान ही उसने मेरा टॉप उतार फेंका और मेरे बूब्स को देखकर एकबार वो दंग रह गया। उसने ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाना स्टार्ट किया तो मैंने उसे कहा “रुको…..”
वो बोला “क्या हुआ”
मैं बोली “जान….पहले पैसे तो देदो”
उसने हंसकर कहा अभी लो। ऐसा कहकर उसने 9000 रूपये मेरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। फिर वो वापस मेरे बूब्स पर टूट पड़ा। उसने मेरी ब्रा खोल दी और अब अपने होठो से मेरे एक बूब्स चाटने लगा। तो दूसरे बूब को दबाने लगा।अब मुझे बहुत मजा आ रहा था क्योंकि आज कोई बहुत दिनों बाद मेरे बूब्स दबा रहा था। अब मेरी सिसकिया शुरू हो चुकी थी। फिर उसने अपनी एक ऊँगली मेरे होठो पर रख दी जिसे मै चूसने लग गयी थी। दीपक लगातार मेरे बूब्स चूस रहा था। फिर वो धीरे -धीरे मेरे पेट पर आकर मेरी नाभि पर किस्स करने लग गया। मै लगातार उसका सिर दबाये जा रही थी। और वो अपने दोनों हाथो से मेरे बूब्स दबा रहा था और नाभि पर किस्स किये जा रहा था।
अब मैंने उसे बालो से पकड़कर ऊपर खींचा और उसके शर्ट के बटन खोलने लगी। तभी वो खड़ा हुआ और अपनी पेंट भी निकल दी। अब मुझे उसकी चड्डी में से बड़ा टनटनाता हुआ लंड दिखाई दे रहा था। मेरे मुँह से निकल गया हाय दईया इतना बड़ा.। अब उसने अपनी चड्डीभी निकाल दी। अब उसका लगभग 7 इंच का सांप मेरे सामने था। मै भी एक बार घबरा गयी। फिर वो बोला डरो मत आराम से करूंगा।फिर मैंने उसके लंड को छुआ। और आगे पीछे करने लगी। थोड़ी ही देर में उसके लंड ने पूरा आकार ले लिया। उसने अपने लंड को मेरे मुँह की तरफ बढ़ाया तो मैंने चूसने से मना कर दिया। उसने भी ज्यादा जबरदस्ती नहीं की। फिर उसने मेरी पेंट के बटन खोलकर मेरी पेंट निकाल दी और पेंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाने लग गया।
अब तक मेरे अंदर ज्वालामुखी फुट चूका था और मै बोली अब रहा नहीं जाता अंदर डाल दो। वो बोला रुको। उसने मेरी पेंटी भी निकाल दी और वापस मेरी चूत को सहलाने लगा। मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया तो उसने मेरा हाथ साइड में कर दिया और अपने मुँह को मेरी चूत पर लगा दिया। अपनी चूत पर उसकी जीभ का स्पर्श पाते ही मेरी कामवासना फुट पड़ी और मेरे मुँह से सेक्सी आवाज़े निकलने लग गयी। मेरे हाथ उसके सिर के ऊपर थे। मै उसके सिर को दबाये जा रही थी। अब मै सातवे आसमान पर थी। मैंने उसे रोकना चाहा पर वो रुका नहीं और मै उसके मुँह पर ही झड़ गयी।
इतना आत्मिकसुख मुझे कभी नहीं मिला था। मैंने उसके बाल पकड़कर उसे अपने ऊपर ले लिया और उसे किस्स करने लग गयी और वो भी मुझे किस्स करने लग गया। काफी समय तक हम ऐसे ही किस्स करते रहे। फिर वो नीचे आ गया और मुझे ऊपर ले लिया। उसके दोनों हाथ मेरी गांड पर थे। वो मेरी गांड दबाये जा रहा था। वो बोला इतनी मुलायम गांड मैंने कभी नहीं देखी.
मैंने कहा अब देख लो बेबी। फिर वो बोला कि घोड़ी बनो मुझे तुम्हारी गांड चाटनी है। मै बिना टाइम खराब किये घोड़ी बन गयी और वो मेरी गांड चाटने लग गया और एक हाथ से चूत सहलाने लग गया। अब मै वापस गर्म होने लग गयी थी और वो ये बात समझ गया तो उसने धीरे से अपना लंड मेरी चूत पर लगाया और धक्का दे दिया। अब मेरी अचानक से जान निकल गयी और मै चिल्लाने लग गयी। उसने अपने हाथ से मेरा मुँह बंद कर दिया। काफी टाइम बाद चुदवाने के कारण मुझे ज्यादा दर्द हो रहा था। मैंने उसे कहा कि प्लीज धीरे से करो। फिर उसने धीरे धीरे अपना लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया। फिर एक और झटके में पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया।
मेरी आँखों से आंसू आने लग गए। वो बोला बस अब और दर्द नहीं होगा अब मजा आएगा। कुछ देर तक वो ऐसे ही मेरे ऊपर पड़ा रहा। फिर धीरे धीरे उसने धक्के देने शुरू कर दिए। कुछ देर बाद मुझे भी मजा आने लग गया। मै बोली स्पीड बढ़ाओ तो उसने स्पीड बढ़ा दी। अब मुझे बहुत मजा आ रहा था वो पूरे जोर से मुझे चोद रहा था। फिर वो रुका और मुझे नीचे आने के लिए कहा। अब मेरी टाँगे उसके कंधो पर थी और वो जोर जोर से झटके मार रहा था। मैंने उसे बोला आराम से करो मेरी जान निकल रही है लेकिन उसने मेरी एक न सुनी और झटके मारता गया।
अब मेरी चूत भी फटने की कगार पर थी। तभी मैंने उसको अपनी और खींचा और उसके होठो पर किस्स करने लग गयी। तभी मेरी चूत का पानी निकल गया और वो बोला मेरा भी निकलने वाला है मैंने कहा पेट पर निकाल दो। उसने जल्दी से अपना लंड निकला और मेरे पेट पर सारा माल निकाल दिया। फिर हमने एक दूसरे को एक लम्बा किस्स किया और नहाकर वापस कॉलेज की और आ गए।
तो दोस्तों ऐसे मैं पैसों के लिए बन गई रंडी और दीपक से चुदवाने के बाद उसके 3 दोस्तों से भी चुदी।