मेरा माँ रंडी बनकर चुदी 4 मर्दो से और चूसे सबके लंड

देसी माँ ग्रुप सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैंने अपनी मम्मी को अंकल से चुदती देखा. पर उसके बाद अंकल अपने 3 दोस्तों को हमारे घर लाये और मम्मी नंगी होकर उनके लंड चूसने लगी.

मेरी मम्मी बहुत ही ज्यादा मस्त माल हैं. कोई भी उन्हें एक बार देख ले तो उसका लंड खड़ा हो जाएगा.

मेरी मम्मी को देख कर ऐसा कहीं से नहीं लगता है कि वे अभी 38 साल की हैं. उनकी कमसिन जवानी देख कर यही लगता है कि वे अभी 25 साल की लौंडिया हैं.

मम्मी की फिगर साइज़ 34-30-36 की है. उनके तने हुए दूध और उठी हुई गांड को देख कर तो लौड़े मचल उठते हैं. सच में मेरी मम्मी बहुत ही ज्यादा सेक्सी माल लगती हैं.

उस रात राकेश अंकल मम्मी को चोदकर अपने घर के लिए निकल गए. मम्मी का मन अब चुदाई के लिए बहुत ज्यादा मचलने लगा था.

उस रात मम्मी भी अंकल से अपनी चूत चुदवाकर सो गईं.
मैं भी मम्मी की चुदाई देख कर सोने चला गया था.

मैं सुबह उठा, बाथरूम में जाकर फ्रेश हुआ और नीचे आया.
नीचे किचन में मम्मी नाश्ता बना रही थीं.

मैं किचन में गया और मम्मी से पूछा- राकेश अंकल कहां हैं?
मम्मी ने कहा- वे तो कल रात को ही घर चले गए थे.
मैं कुछ नहीं बोला और कॉलेज जाने के लिए तैयार होने लगा.
बाद में मैं कॉलेज के लिए निकल गया.

उस दिन मुझे मम्मी और राकेश अंकल का ही रात का सीन दिमाग़ में चल रहा था.

जैसे तैसे करके मैंने कॉलेज में अपनी पढ़ाई की और घर वापस आने लगा.

घर पहुंच कर देखा तो मम्मी ही बाहर हॉल में टीवी देख रही थीं.
मैंने मम्मी से उनका फोन मांगा.

उस वक्त मेरे पास कीपेड वाला फोन था.
स्मार्ट फोन मम्मी के पास होता था.
मैं कभी कभी मम्मी का फोन यूज कर लेता था.

मैंने मम्मी का फोन लिया और गेम खेलने लगा.
कुछ ही देर में मम्मी के फोन पर राकेश अंकल का कॉल आया.
मैंने कॉल उठाया और नमस्ते किया.
सामने से अंकल ने भी नमस्ते किया.
मैंने पूछा- जी अंकल!
अंकल ने कहा- अपनी मम्मी को फोन दो.
मैं मम्मी पास गया और उन्हें फोन देकर बोला- राकेश अंकल का कॉल है.

मम्मी ने फोन लिया और मुझसे जाने को बोला.
मैं रूम से बाहर आया और चुपके से मम्मी और अंकल की बात सुनने लगा.

मम्मी ने नमस्ते किया और बात करने लगीं.
मुझे सिर्फ मम्मी की ही आवाज़ आ रही थी.

मम्मी बोल रही थीं- हां सच में कल रात को मजा आ गया था … और बताओ, अब मेरे यहां कब आओगे?
उधर से कुछ कहा गया होगा.
उस पर मम्मी ने चिल्ला कर कहा- हाय, अब 5 दिन बाद वापिस आओगे, तब तक मैं किस चीज से काम चलाऊंगी?
उधर से क्या पता अंकल ने क्या बोला, पर मम्मी गुस्सा हो गईं.

मम्मी ने कहा- तुमने मुझे क्या समझा है. मैं ऐसी वैसी नहीं हूँ. मैंने तुम्हारे साथ किया, वही बहुत है. दूसरों के साथ मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं करूंगी. तुमको करने दिया तो तुम मुझे सबसे चुदाई करवाने को कहोगे क्या? मैं आपके दोस्तों के साथ कुछ नहीं करने वाली.

इतना बोल कर मम्मी ने कॉल कट कर दिया.
फिर वे अपना काम करने लगीं.
कुछ मिनट बाद मैं मम्मी के पास गया और उनसे वापस फोन ले लिया.

मुझे लगता था कि मम्मी की चुदाई राकेश अंकल अपने दोस्त के साथ करने का बोल रहे थे.

फिर 5 दिन बाद राकेश अंकल घर आए, सोफे पर बैठ गए.
मैं मम्मी के पास गया और उनसे बोला- अंकल आए हैं. हॉल में सोफे पर बैठे हैं.

मम्मी के चेहरे पर मुस्कान आ गई.
मैंने मम्मी से पूछा- अंकल क्यों आए हैं?

मम्मी ने बोला- पता नहीं, जाकर पूछती हूँ. तुझे चाय नाश्ता करना हो तो बाहर अंकल के साथ बैठ. मैं लाती हूँ.

मैं बाहर गया और सोफे पर जाकर बैठ गया.
तभी मम्मी अंकल और मेरे लिए चाय नाश्ता लेकर आईं.

मैंने और अंकल ने साथ में चाय पी और वे मुझसे बात करने लगे.
बात करते करते मैंने अंकल से पूछा कि आप कितने दिन के लिए आए हो?

अंकल ने कहा- तीन दिन के लिए. चौथे दिन सुबह मैं चला जाऊंगा. मेरी 4 दिन बाद की ट्रेन की बुकिंग की है.
यूं ही बात करते करते शाम के 7 बज चुके थे.

मैं अपने रूम में आ गया और लेट कर आराम करने लगा.
मम्मी हम सबके लिए खाना बना रही थीं.
अंकल हॉल में बैठ कर टीवी देख रहे थे.

कुछ 30 मिनट आराम करने के बाद मैं नीचे आने लगा तो देखा कि मम्मी और राकेश अंकल कुछ बात कर रहे थे.
मैं चुपके से उन दोनों की बात सुनने लगा.

अंकल- यार प्लीज़ समझा करो ना … मैंने वादा किया है.
मम्मी- पहले मेरे से तो पूछना चाहिए था ना … ऐसे ही किसी से वादा क्यों कर दिया. मैं वह सब नहीं करने वाली!

राकेश अंकल- मेरी जान, मैं सिर्फ एक ही बार करने के लिए तो बोल रहा हूँ. मेरी जान प्लीज़ मान जाओ ना. एक ही बार की तो बात है! मैंने वादा कर दिया है, तो अब पूरा भी करना पड़ेगा न!
मम्मी- वादा तुमने किया, पूरा मैं क्यों करूं?

अंकल- मेरी जान, प्लीज़ इतना कर दो. मैं फिर कोई से ऐसा वादा नहीं करूंगा.
बड़ी देर बाद मम्मी शांत हुईं और उन्होंने हां कहा.
मम्मी- ठीक है, कब करना है?
अंकल- आज रात को … ठीक है ना!

मम्मी- आज रात को, अरे राघव घर पर ही है … कैसे होगा?
अंकल- हां आज रात को ही … कल सुबह चले जाएंगे. राघव का टेंशन मत लो तुम. वह सो जाएगा, फिर आएंगे.

फिर मम्मी ने हां में सर हिल दिया.
‘लो ये कपड़े तुम्हारे लिए लाया हूँ, पहन लेना.’
मम्मी- ये कपड़े क्यों ले आए हो … मेरे पास कपड़े हैं न!
अंकल- पहले देख तो लो मेरी बुलबुल … कैसे कपड़े हैं.

मम्मी ने जैसे ही बैग से कपड़े निकाले, मैं तो शॉक्ड हो गया.
अन्दर से मिनी स्कर्ट थी और एक छोटी सी टी-शर्ट थी जो नाभि से काफी ऊपर तक आने वाली थी. साथ में एक नेट वाली ब्रा पैंटी का सैट था.

मम्मी- ये क्या ले आए हो … मैं ये सब नहीं पहनती!
अंकल- आज पहनना पड़ेगा तुमको मेरी जान. अभी नहीं, मैं जब बोलूं … तब पहन लेना.
मम्मी- ठीक है. पहन लूंगी. अब आप जाकर आराम कर लो, तुम बहुत थक गए होगे.
अंकल- आराम बाद में करूंगा. पहले तुम किस तो दे दो.

मम्मी- राघव घर पर ही है, वह कभी भी नीचे आ सकता है. रात को तो वैसे भी सब करना ही है ना!
अंकल- अभी दे दो ना प्लीज़. तड़प रहा हूँ मैं. रात तक का इंतजार नहीं होगा मुझसे.

मम्मी मुसकुराती हुई उठीं और अंकल की गोद में जाकर बैठ गईं.
वे उनके होंठों पर चुम्मी करने लगीं.

अंकल भी किस करने लगे और एक हाथ से मम्मी के दूध दबाने लगे.
कोई 5 मिनट किस करने के बाद मम्मी और राकेश अंकल अलग हो गए.

मम्मी किचन में चली गईं और अंकल सोफे पर पसर कर सो गए.

जब मम्मी खाना बना रही थीं तो मैंने सोचा कि बाहर जाकर आता हूँ.

काफी देर बाहर घूमने के बाद मैं घर आया तो रात के 9 बज चुके थे.

मैंने घर पर जाकर मम्मी को बोला- भूख लग रही है मम्मी, खाना परोस दीजिए.

मम्मी ने कहा- हां … तू एक काम कर, पहले अंकल को उठा दे … फिर दोनों को एक साथ खाना लगा देती हूँ.

मैंने अंकल को उठाया.
वे वॉशरूम में गए और फ्रेश हो आए.
तब तक मम्मी ने खाना लगा दिया.
हम सबने साथ में बैठ कर खाया.

खाना खाने के बाद हम सब फारिग हुए, तब तक रात के दस बज चुके थे.
मम्मी भी बर्तनों की सफाई और बाकी घर के काम खत्म करने में लग गईं.

आज रात क्या होने वाला था, वो सोच सोच कर मुझे एक अजीब सी कसक हो रही थी.आज रात को मुझे मम्मी और राकेश अंकल की चुदाई के साथ कुछ और भी देखने मिलने वाला था.
मैं अपने रूम में गया और आराम करने के लिए लेट गया.

थोड़ी देर बाद मम्मी मेरे रूम में आईं. मुझे पहले से ही पता चल गया था कि मम्मी आई हैं. मैं सोने का नाटक करने लगा.
मम्मी ने मेरे रूम की लाइट ऑफ की और चली गईं.
उनके जाने के थोड़ी देर बाद मैं उठा और बिना आवाज किए नीचे जाने लगा.

मैं अभी थोड़ा ही नीचे उतरा तो हॉल में मम्मी और राकेश अंकल दोनों बैठे थे.
राकेश अंकल- सो गया क्या समीर?
अम्मी- हां सो गया.
राकेश अंकल- ठीक है जाओ और वे कपड़े पहन लो, जो मैं लेकर आया था.
अम्मी- इतनी जल्दी क्या है. बाद में पहन लूंगी ना!

राकेश अंकल- नजमा मेरी जान, अभी पहन लो ना. मुझे तुमको टी-शर्ट और स्कर्ट में देखना है!
अम्मी- ना, मैं अभी नहीं पहनूँगी. बाद में पहन लूंगी.
राकेश अंकल- ठीक है तुमको जैसा ठीक लगे!
तभी राकेश अंकल को किसी का कॉल आया, तो राकेश अंकल ने कॉल उठाया.

उन्होंने कहा- बताया तो था यार … चल मैं फिर से एड्रेस भेज रहा हूं. जल्दी आ जाओ.
फोन कट हुआ और राकेश अंकल बोले- अब जाओ नजमा डार्लिंग, जाकर कपड़े पहन लो. वे सब आ ही रहे हैं.
मम्मी उठ कर रूम में गईं और कपड़े पहनने लगीं.
थोड़ी देर बाद दरवाजे पर कोई ने दस्तक दी.
मम्मी ने राकेश अंकल से कहा- देखो … कौन आया है?
राकेश अंकल ने जाकर दरवाजा खोल दिया.
दरवाजे पर राकेश अंकल के फ्रेंड थे.

पहले तो मुझे लगा कि एक ही फ्रेंड होगा लेकिन जैसे ही एक दोस्त अन्दर आया, तो उसके पीछे दो लोग और थे. अंकल ने सबको सोफे पर बैठने के लिए कहा- आओ बैठो. अब राकेश अंकल जल्दी से मम्मी के रूम के पास गए और मम्मी को जाकर कुछ बोला. अंकल जो कपड़े लेकर आए थे, वो मम्मी ने पहन लिए थे.
मम्मी बाहर आईं और किचन में चली गईं.

वे सबके लिए चाय बनाने गई थीं. मम्मी ने चाय बना कर बाहर आकर सब को दी. सबने चाय पी और बात करने लगे.
उनमें से एक ने मम्मी के मम्मों को देखते हुए कहा- प्रोग्राम कब कब शुरू करना है?

अंकल ने कहा- पहले आप सबसे नजमा का परिचय तो करवा दूँ … फिर कमरे में चलते हैं. राकेश अंकल ने अपने तीनों दोस्तों के नाम बताए.
पहले का नाम असलम था. असलम की हाइट 5 फुट 9 इंच की थी.
दूसरे का नाम अंकित था. उसकी हाइट 6 फुट की थी. अंकित शायद जिम जाता था, उसकी बॉडी किसी पहलवान जैसी थी.
तीसरे का नाम रवि था. रवि की हाइट सवा छह फुट की थी.
तीनों राकेश अंकल के फ्रेंड थे.
मम्मी ने सबको नाश्ता लाकर दिया.

जैसे ही मम्मी ने नाश्ता रखा, तो अंकित ने मम्मी को पकड़ लिया और अपनी गोद में बिठा लिया.

मम्मी भी मज़े से अंकित की गोद में बैठ गईं. अंकित मम्मी की गर्दन पर किस करने लगा. उसको देख कर रवि भी मम्मी के पास आ गया और उनके दूध दबाने लगा. असलम ये देख कर जोश में आ गया. उसने मम्मी को अंकित की गोद से उठा कर खुद की गोद में बिठा लिया. वे तीनों वहीं हॉल में शुरू हो गए थे.

मम्मी ने कहा- एक एक करके रूम में आ जाओ.
तो रवि ने बोला- एक एक करके क्यों … चारों साथ में चलते हैं!
राकेश अंकल साइड में बैठ कर सब देख रहे थे.
मम्मी अपने रूम में गई और एसी ऑन कर दिया.

एक दो मिनट बाद चारों लोग उठ कर मम्मी के रूम में चले गए.
उन सभी के कमरे में जाते ही मैं नीचे आकर देखने लगा.
मम्मी के रूम का दरवाजा लॉक नहीं किया हुआ था. वह थोड़ा सा खुला हुआ था.

मुझे सब दिखाई दे रहा था. मैं सोफ़े की आड़ में छिप कर देख रहा था.
मम्मी पलंग पर बैठी थीं.
असलम, अंकित, रवि और राकेश अंकल सब मम्मी के आजू बाजू आ गए थे.

अंकित मम्मी पास गया और होंठों पर किस करने लगा.
मम्मी भी उसका साथ दे रही थीं.
फिर मम्मी ने सबके साथ एक एक करके लिप किस किया.
रवि मम्मी पास आ गया और उसने मम्मी की टी-शर्ट फाड़ डाली.

उसने मम्मी को ऊपर से नंगी कर दिया.
अब बस मम्मी नेट वाली ब्रा पहने हुई थीं.
वे नीचे एक मिनी स्कर्ट में थीं.

यह सीन देख कर सबने अपने अपने कपड़े उतार दिए, सब नंगे हो गए. सबने अपने लंड निकाल का अपने अपने हाथ में ले लिए. उन सबमें अंकित का लंड साढ़े सात इंच का था. असलम का लंड सवा छह इंच का और रवि का साढ़े छह इंच का था. सबने मम्मी को नीचे फर्श पर बैठा दिया. असलम ने अपना लंड मम्मी के मुँह में दे दिया. रवि और अंकित के लंड को मम्मी ने दोनों हाथ में ले लिया और वे मज़े से असलम का लंड चूसने लगीं.

राकेश अंकल पलंग पर बैठ कर अपना लंड हिला रहे थे. सबने एक एक करके अपना लंड मम्मी के मुँह में दिया. फिर उन्होंने मम्मी को खड़ा किया और उनकी स्कर्ट उतार दी. मम्मी अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं. राकेश अंकल ने मम्मी को उठा कर पलंग के किनारे पर कुछ ऐसा लिटा दिया ताकि उनका मुँह पलंग के नीचे लटका रहे और बाकी जिस्म पलंग के ऊपर.

अब राकेश अंकल ने मम्मी के मुँह में पूरा लंड डाल दिया.
राकेश अंकल का पूरा लंड लेने की वजह से मम्मी को उबकाई सी होने लगी.
मम्मी ने राकेश अंकल को हटाया और गहरी सांस ली.
राकेश अंकल ने फिर से मम्मी को लंड चूसने को बोला.

मम्मी फिर से राकेश अंकल का लंड चूसने लगीं.
कुछ मिनट मुँह की चुदाई के बाद राकेश अंकल ने मम्मी के मुँह के अन्दर ही पानी निकाल दिया.
मम्मी ने राकेश अंकल के लंड का रस खा लिया.
उनके बाद रवि आया.
उसने भी उसी स्टाइल में मम्मी के मुँह में लंड पेल दिया.

मम्मी भी मज़े से लंड चूस रही थीं.
राकेश अंकल, अंकित और असलम मम्मी के मम्मों और चूत से खेल रहे थे.
मम्मी भी सबका साथ दे रही थीं. उनके मुँह में रवि का लंड चल रहा था.
वह भी कुछ मिनट तक मम्मी को लंड चुसवा कर उन्हीं के मुँह में फारिग हो गया.

उसके बाद रवि ने अपना लंड मम्मी के मुँह में डाल कर चुसवाया और उसने भी अपना पानी मम्मी के मुँह में ही निकाल दिया.
रवि के बाद असलम आया. उसने भी अपना लंड मम्मी के मुँह में पेल दिया.
थोड़ी देर लंड चुसवाने के बाद उसने भी अपना पानी मम्मी के मुँह में निकाल दिया.
असलम के बाद अंकित आया. उसने पहले अपना लंड मम्मी के होंठों पर लगाया और होंठों पर ही अपना लंड आगे पीछे करने लगा.

अंकित अपना लंड मम्मी के गालों पर जोर जोर से अपना लंड मारने लगा. अंकित ने अपना लंड मम्मी के मुँह में डाल दिया और पूरा अन्दर तक उतार दिया.
वह बार बार पूरा लौड़ा अन्दर डालता और बाहर निकाल लेता.
इस तरह से आखिरकार उसने अपना पूरा लंड अन्दर तक पेल दिया, जिससे मम्मी को सांस लेने में तकलीफ़ होने लगी.
मम्मी अंकित को पीछे करने की कोशिश कर रही थीं.पर अंकित पीछे ही नहीं हट रहा था.

तभी असलम, रवि और राकेश अंकल ने मम्मी के हाथ और पैर पकड़ लिए जिससे मम्मी अब हिल भी नहीं पा रही थीं.
मम्मी अंकित का लंड निकालने की कोशिश कर रही थीं लेकिन वे चार हट्टे कट्टे मर्द थे और मम्मी अकेली थीं.
धीरे धीरे अंकित ने अपना लंड बाहर निकाला जिससे मम्मी को राहत मिल गई थी.

मम्मी का चेहरा पूरा लाल हो चुका था.
वे जोर जोर से हांफ रही थीं.
मम्मी ने अभी थोड़ी ही देर राहत की सांस ली थी कि अंकित ने फिर से मम्मी के मुँह में अपना लंड पेल दिया.
दो मिनट बाद अंकित का पानी निकल गया और वह ढीला हो गया.

मम्मी के मुँह पर सबका पानी चिपक गया था.
उस टाइम मम्मी बिल्कुल एक रंडी लग रही थीं.
रवि मम्मी पास को गया और उनके चेहरे पर लगा हुआ पानी अपने हाथ में लेकर मम्मी के मुँह में डालने लगा.
रवि बोला- हम सबका माल पी जा … तुझे ताक़त आएगी.

मम्मी ने भी मज़े से सबका पानी पी लिया और अपने हाथों से उठा कर वीर्य को चाटती हुई खाने लगीं.

लंड चुसवाने के बाद उन सभी लोगो ने माँ को बारी बारी चोदा. रवि ने माँ को घोड़ी बनाया और पीछे से माँ की चूत चोदने लगा और गांड़ पे ज़ोर ज़ोर से थप्पड़ भी मारता. असलम ने भी अपना लंड माँ के दूसरे छेद गांड में डाल दिया और धक्के दे देकर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.

चुदाई के बीच अंकल माँ की चूचियाँ ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे और उनके निपल्स भी चूस रहे थे.

अंकित ने भी अपना लंड माँ के मुँह में डाल दिया था और माँ की बिल्कुल भी आवाज़ नहीं निकल रही थी. मेरी माँ किसी बाजारू रंडी की तरह मेरी आँखो के सामने 4 मर्दो से चुद रही थी साली रंडी.

इसी तरह माँ उन चारों की रंडी बनकर चूदी. कोई उनकी टांगे उठाकर उन्हें चोदता तो कोई उन्हें अपने लंड के ऊपर बिठाकर. 2 घंटे की चुदाई के बाद सभी झड़ गए और फिर वो सभी अपने घर चले गए और माँ ने भी कपड़े चेंज किए और अपने रूम में सोने चली गई.

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