हैलो फ़्रेंड्स, मेरा नाम रिया है। मैं आज आपको अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ की कैसे मेरी माँ रंडी की तरह उछल उछल के चुद रही थी अंकल से रात में। वह अंकल मेरे पापा के दोस्त हैं मैं खिड़की से सब कुछ देख रही थी यह सिलसिला करीबन 3 घंटे तक चला था और आज मैं आपको 3 घंटे में क्या-क्या हुआ था वह पूरी कहानी बताने जा रही हूं।
दोस्तों मेरी उम्र 19 साल है मेरी माँ की उम्र 36 साल है मेरे पापा के 1 दोस्त हैं गौरव शर्मा बहुत ही लंबे चौड़े और बॉडी बिल्डर इंसान हैं मेरे पापा की सेहत उतनी अच्छी नहीं है मेरे पापा मार्केटिंग में है इसलिए वह हमेशा दिल्ली से बाहर ही रहते हैं अंकल का मेरे घर पर आना जाना है। ये 1 दिन की बात है जब मेरे पापा बिजनेस टूर पर हैदराबाद गए हुए थे, रात को मैं खाना खाकर सो गई थी फिर अचानक से मेरे कानो में किसी के चिल्लाने की आवाज़ पड़ी तो मैं उठकर खड़ी हुई और रूम से बाहर निकली तो पता लगा ये आवाज़ हमारे ऊपर वाले रूम माँ के कमरे से आ रही थी।
मैं फिर ऊपर गई और माँ के रूम की खिड़की खुली हुई थी और मैंने थोड़ा सा खिड़की के पर्दों को हटाकर देखा तो मैं दंग रह गई एक मोटा ताजा लंबा इंसान मेरे माँ को चोद रहा था। दोस्तों उस समय मेरी माँ गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी माँ की बड़ी-बड़ी चूचियां वो अंकल जोर जोर से दबा रहे थे। निप्पल को अपने हाथों से मसल रहे थे होंठ पर किस्स कर रहे थे और मेरी माँ वासना की आग में धधक रही थी और वह जोर-जोर से मेरी माँ को धक्के दे दे कर दे दे कर जोर जोर से चोद रहे थे।
मैं अपने आप को संभाल नहीं पाई दोस्तों क्या सेक्सी मंजर था वहां पर। जैसा फिल्मों में देखती थी वैसा ही अंकल मेरी माँ के साथ कर रहे थे। हैरानी की बात तो यह है दोस्तों कि मेरी माँ खुद गाली दे रही थी कह रही थी चोद मादर चोद चोद मुझे चोद। मैं तो तेरे लिए ही बनी हूं मैं तो तेरी ही दुल्हन हूं बुड्ढा तो मुझे चोद ही नहीं पाता है उसका लंड ही बहुत छोटा है। मेरे जिस्म कि आग मेरे पति से बुझती ही नहीं है। मैं तो चाहती हूं तुम मुझे रोजाना चोदो तुम ऐसे ही रोज मुझे खुश करो। मैं यह भी चाहती हूं कि मेरा पति हमेशा मार्केटिंग के लिए बाहर ही रहे और मेरी जिस्म की आग को मेरी चूत की ज्वाला को तुम ही शांत करो।
दोस्तों यह सब मैं सुनकर हैरान रही क्योंकि मेरे जिस्म में भी आग दौड़ने लगी मेरी चूत गीली हो गई थी मैं अपनी चुचियों को खुद ही दबा रही थी ऐसा लग रहा था कि माँ के साथ मैं भी अंकल से चुदवा लूँ। दोस्तों सच पूछिए तो मैं भी यही चाहती हूं मुझे भी कोई ऐसे ही चोदे पर हो सकता है इसके लिए थोड़ा मुझे इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि मेरे पास ऐसी ज़बरदस्त चुदाई करने वाला कोई है नहीं। जब मेरा बॉयफ्रेंड था तो मैं उससे खूब चुदती थी रोज़ परब्रेकअप के बाद 3 महीने से मैं किसी से भी नहीं चुदी।
दोस्तों अब मैं बताती हूं कि अंकल कैसे-कैसे मेरी माँ को चोद रहे थे। मैं आराम से खिड़की के पास खड़ी हो गई थी मम्मी की मोटी मोटी जांघें बड़ी-बड़ी चूचियां गोरा बदन और बाल बिखरे हुए पूरे बेड पर ऐसे वो लग रही थी मानो कोई चुदक्कड़ रंडी हो। अंकल का गठीला बदन लंबा चौड़ा शरीर मेरी माँ के ऊपर था मेरी माँ दोनों पैरों को अलग-अलग की हुई थी और अंकल का मोटा लौड़ा मां की चूत में जा रहा था। हर एक झटके पर मेरी माँ आह आह ओह ओह उफ़ करती। अंकल मेरी माँ की दोनों चुचियों को पकड़ कर दबोच रहे थे होंठ पर किस कर रहे थे गाल पर किस कर रहे थे उनके निप्पल को दोनों उंगली से रगड़ रहे थे।
और जोर जोर से धक्के दे रहे थे पूरा पलंग हिल रहा था। दोस्तों पूरे कमरे में चुदाई की फ़च फ़च की आवाज आ रही थी।
थोड़ी देर में अंकल नीचे लेट गए मेरी माँ उनके ऊपर चढ़ गई फिर वह अंकल के लोड़े पर बैठ गई माँ लोड़े को पकड़कर अपने चूत में घुसा दी और उस पर बैठ गई अब वह हमेशा ऊपर नीचे करने लगी अपनी चुचियों को वह खुद ही पकड़ कर दबाए जा रही थी उनके बाल बिखरे हुए थे कमर से नीचे तक, माँ बार-बार उठती बैठती उठती बैठती और अंकल मेरी माँ को गालियां दे रहे थे। कह रहे थे गजब की माल है तू साली रंडी आज तो तेरी चूत फाड़ ही डालूँगा घसती….मेरी माँ भी कह रही थी हां हां चोदो मुझे जितना चाहे चोदो जैसे चाहे वैसे चोदो चाहे तुम मेरी गांड मारो मैं तुम्हें कुछ नहीं बोलूंगी सब कुछ तुम्हारा है सब कुछ तुम्हारा है.
दोस्तों, मुझे आज ही पता चला कि मेरी माँ इतनी सेक्सी है और हैरान हूं कि वह पापा के साथ कैसे अपनी जिंदगी काट रही हैं क्योंकि माँ को तो मोटा लंड चाहिए ऐसा ही इंसान चाहिए जैसा कि अंकल है क्योंकि माँ इस को बर्दाश्त कर रही थी। जो भी था दोस्तों मेरी माँ बहुत खुश थी और मेरी खुशी इसी में है मैं इस काम में माँ का साथ देने वाली हूं।
माँ की बड़ी-बड़ी चूचियां फुटबाल की तरह हिल रही थी मोटी मोटी गांड उनके चूतड़ भी हिल रहे थे। माँ मेरी बहुत इंजॉय कर रही थी। उसके बाद मेरी माँ घोड़ी बन गई अंकल माँ के पीछे आ गए थे और गांड को पकड़कर अपना लौड़ा मां के चूत मैं डाल दिया माँ की चीख निकल गई क्योंकि वह पीछे से डाल रहे थे और उनका मोटा लंबा लौड़ा माँ की चूत के अंदर पूरा चला गया था। पर 1 मिनट के बाद ही माँ का रूप रंग बदल गया वह फिर से आगे पीछे हो कर जोर जोर से धक्के देने लगी इधर अंकल भी तेज धक्के दे रहे थे। पूरे कमरे में फच फच की आवाज आ रही थी और आह आह की आवाज़ आ रही थी अंकल कभी माँ के पीठ को सहलाते तो कभी माँ की दोनों चुचियों को पकड़ कर मसल देते हैं।
दोस्तों उसके बाद अंकल पलंग के नीचे खड़े हो गए माँ को पलंग के किनारे पर ले आए दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया उसके बाद फिर से अपना लंड माँ की चूत पर सेट किया और जोर जोर से धक्के देने लगे। उस दिन क़रीबन 3 घंटे तक अंकल ने लगातार मेरी माँ को चोदा अपनी रंडी बनाकर। इतनी ज़बरदस्त चुदाई के बीच में मेरी माँ और अंकल काफ़ी बार झड़ चुके थे फिर चुदाई के बाद अंकल और माँ के साथ चिपककर लेट गये।
मैं तुरंत ही भाग कर अपने कमरे में चली गई क्योंकि मैं खुद बहुत गर्म हो गई थी मैं तुरंत अपनी उंगलियां अपनी चूत में डालने लगी और जोर-जोर से डालकर बाहर निकालने लगी दोस्तों मैं खुद बहुत गर्म हो गई थी पर मैं कुछ नहीं कर सकती थी दोस्तों बस यादे थी माँ की चुदाई की और कुछ अपनी भी उस याद को सोचकर मैंने अपनी चूचियां दबाना शुरू की और अपने चूत मैं उंगली डालना शुरू किया थोड़ी देर में मैं भी शांत हो गई। तभी मैं देखी अंकल चुपचाप अपने कपड़े पहनकर दरवाजे से बाहर जा रहे थे माँ भी उनके पीछे-पीछे गई और फिर वहां पर मम्मी ने उस अंकल को चूमा गले लगे और बोले ठीक है कल रात को इसी समय फिर मिलेंगे। मम्मी बोली ओके जानू मैं फिर कल तुम्हारा इंतजार करूंगी आज जैसे तुमने खुश किया है वैसे ही कल भी खुश करना।
दोस्तों अब मैं भी अंकल की दीवानी हो गई हूं। दूसरे दिन भी अंकल आ गए थे और मम्मी को खूब पेला था रात भर। दोस्तों यह 3 दिन से ऐसा रोज हो रहा है पर मेरे बर्दाश्त के बाहर है उम्मीद करती हूं कि एक-दो दिन में ही मैं उस अंकल को पटा लूंगी और मैं खुद चुदुँगी।