दोस्तो, मेरा नाम आलोक है और मेरे लंड का आकार मस्त है ये 6 इंच लम्बा और इसके चारों तरफ इंचीटेप लपेट कर नापा तो ये 4.1 इंच मोटा है. पहले मैं आप सभी को अपनी मॉम का फिगर बता देता हूँ। मेरी मॉम का बदन बहुत ही गदराया हुआ और फिगर 36-32-38 है. वो बहुत ही कांटा माल हैं.
मेरी मॉम बहुत ही चुदक्कड़ है और एक दिन मैंने उन्हें पड़ोस वाले गुप्ता अंकल से चुदते हुए देखा था अपने स्टोर रूम की खिड़की से। जिससे मेरे अन्दर मॉम को चोदने की हिम्मत आ गई. बाद में मुझे पता चला कि मेरी मॉम एक रंडी हैं और अंकल के साथ साथ न जाने कितने ही लड़कों और मर्दों से चुदवा चुकी हैं. इतने दिनों से मैं अपनी पढ़ाई की वजह से बाहर रहता था और घर के बारे में ज्यादा नहीं जानता था पर अभी छुट्टियां होने पर घर और मॉम के बारे में मुझे सब पता चल गया. अब मैं भी ये सोच रहा था कि अपनी मॉम को कैसे चोदूं.
मॉम से सीधे सीधे पूछने में मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी इसलिए ऐसे ही चार पांच दिन बीत गए. फिर एक दिन ऐसा हुआ कि घर में सिर्फ मैं और मॉम ही थे. मेरी बड़ी बहन अपने दोस्तों के साथ शिमला घूमने गई हुई थी. मैं अपने कमरे में जाकर पॉर्न फ़िल्म देख कर मुट्ठ मार रहा था. मैं अपने कमरे को कभी भी कुंडी लगा कर बंद नहीं करता हूं. उसी समय अचानक से मॉम कमरे में आ गईं और उन्होंने मुझे लंड हिलाते हुए देख लिया. मैं अपने लंड को झुकने लगा पर लंड इतना कड़क हो गया था कि छिपाने पर भी साफ साफ दिखाई दे रहा था.
फिर भी मॉम कुछ नहीं बोलीं और नीचे रसोई में चली गईं. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मैं मॉम को किचन में कितने ही बार खाना बनाते समय अपनी चुचियों को मसलते और पैंटी में हाथ डालते देख चुका था इसलिए मेरे अन्दर से पूरा डर निकल गया.
मैंने नंगा ही मॉम के पास जाने का तय किया और नंगा ही चला गया. मॉम रसोई में रोटी बना रही थीं. मैं गया और पीछे से मॉम से जोर से चिपक गया, उनके पीछे से लग गया. मेरा लंड मॉम के गांड में रगड़ खाने लगा. मॉम एकदम से डर गईं और मुझसे दूर हट गईं. वो कहने लगीं- ये क्या कर रहे हो … तुम्हें इस तरह से अपनी मॉम के सामने नंगा आने में और यूं मुझसे चिपकने में शर्म नहीं आती?
तो मैं भी थोड़े गुस्से में मॉम से बोला- काहे की शर्म मॉम … मुझे सब मालूम है कि आप अभी तक कितने ही मर्दों से चूत चुदवा चुकी हो. ये सुनकर मॉम एकदम से चुप हो गईं. फिर अगले ही पल हंस कर बोलीं- तुम भी न आलोक… कितना वो हो!
ऐसा कह कर मॉम अपने हाथ से मेरे बदन को सहलाने लगीं. वो बोली- ये सब किसी को नहीं बताना. आलोक मैं एक बात बोलूं, जब तू कमरे में लंड को हिला रहा था, तो मैं अच्छे से नहीं देख पाई थी. पर अभी ध्यान से देखा है तो पता चला कि तुम्हारा लंड कितना मोटा है. आज तक मैंने इतना मोटा लंड नहीं देखा है आलोक. तुम मुझे चोदना चाहते हो, तो चोद लो पर किसी को मत बताना.
यह सुनकर मैंने एक पल की भी देर नहीं की और मॉम को किस करने लगा. मैं उनके होंठ चूसने लगा. मॉम भी साथ देने लगी थीं.
मॉम ने फूड क्लास वाली लाल लिपिस्टिक लगाई हुई थी जिससे उनके होंठों का रस और भी स्वादिष्ट लग रहा था. वो भी मेरी जीभ और होंठों को चूस रही थीं. मैं मॉम को नंगी करने लगा. जैसे ही मैंने उनकी नाइटी उतारी तो ऐसा नजारा देख कर मैं खुश हो गया. मॉम ने केवल नाइटी ही पहन कर रखी थी, अन्दर न तो ब्रा थी न ही पैंटी. वे पूरी नंगी थीं. उनकी चूचियों के निप्पल अभी वासना से कड़क नहीं हुए थे. मगर वो मेरे साथ लग गई थीं. उनकी चूत का क्या ही कहना, झांट का एक भी बाल नहीं था. पूरी चिकनी चुत थी.
मॉम की चूत का मुँह खुला हुआ था. वो इतने लोगों से चुद चुकी थी कि चुत का छेदा बड़ा हो गया था. मॉम किस करते समय भी मेरे लंड को ही देख रही थीं. मैंने मॉम को नीचे घुटने के बल बैठा दिया और उनके मुँह के पास अपना लंड रख दिया. मॉम तो बहुत ज्यादा खुश हो गईं और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं जन्नत की सैर कर रहा हूं.
मेरी मॉम को लंड चूसने में इतनी महारत हासिल थी कि मैं पांच मिनट में ही झड़ गया. मॉम मेरे लंड के पानी को पूरा पी गईं और उठ कर मुझे फिर से किस करने लगीं.
मैं मॉम को अपनी गोद में उठा कर मॉम के कमरे में ले गया जो किचन के पास ही था. मैंने मॉम को उनके बेड पर लेटा दिया और उनके ऊपर आकर उनकी चूचियां दबाने लगा. कभी मैं चुचियों को मुँह में लेकर चूसता, तो कभी निप्पल मींजता. जल्द ही मॉम की चुचियां टाईट हो गईं मैंने उनके एक निप्पल को दांतों से काट दिया, तो वे सिसक गईं- उई रे … काट मत साले, लगती है. मैं बस उनकी तरफ देख कर चूची चूस रहा था. मॉम मेरे सर पर हाथ फिराती हुई कहने लगीं- इतनी भी क्या हवश है तुम्हें?
मैं कुछ नहीं बोला और चुचियों को छोड़ कर चूत को चाटने लगा. मैं अपनी जीभ को मॉम की चूत में अन्दर तक डालने लगा.
मॉम बहकने लगी और आवाज करने लगीं- उउउ … उउउ … हां … उई मां … और कर … तेज रोहन तेज … मजा आ रहा है.
मैं जीभ से ही मॉम को चोद रहा था.
फिर मॉम झड़ गईं और मैंने मॉम की चूत को चाट कर साफ कर दिया. मॉम कहने लगीं- अब इंतजार नहीं होता आलोक, मेरी चूत चोद दे! मैंने मॉम की टांगों को फैला कर उनकी चूत में लंड को टिकाया और जोर से झटका मार दिया. मेरा लंड रगड़ता हुआ चूत के ऊपर चला गया पर अन्दर नहीं गया. वैसे तो मॉम की चूत बड़ी थी, पर मेरा लंड उनकी चूत से ज्यादा मोटा था इसलिए मॉम को दर्द होने लगा. मॉम बोलीं- आलोक दर्द हो रहा, अच्छे से कर न … तू एक काम कर किचन में तेल है. उसे लेकर आ … और अपने लंड पर लगा ले. थोड़ा सा मेरी चूत में भी लगा देना. मैंने वैसा ही किया.
जब मैं तेल की शीशी उठा लाया, जिसको दबाने से धार से तेल निकलता था. मैं प्लास्टिक की तेल की शीशी दबा दबा कर तेल टपकाते हुए तेल लगा रहा था. उसी समय मैंने मॉम की गांड देखी, जो पूरी चिकनी और एकदम संगमरमर के जैसी थी. मैंने मन बना लिया कि मॉम की गांड भी आज ही मारूंगा. मैं मॉम की गांड में भी तेल की धार मारने लगा. मॉम बोलीं- ये क्या कर रहा है … गांड में तेल क्यों लगा रहा है? अभी तक कोई ने भी मेरी गांड नहीं मारी है और तुम्हें भी नहीं मिलेगी. मैंने मन में सोचा कि अब तो मैं गांड को भी चोद कर ही मानूंगा. पर मॉम तो गांड देने को तैयार ही नहीं थीं.
मैंने मॉम से यूं ही कह दिया कि तेल चूत से बह कर गांड में जा रहा था तो इसलिए गांड को भी तेल लगा दिया. मॉम कुछ नहीं बोलीं. फिर मॉम के कहे अनुसार मैंने मॉम की चूत पर एक बार फिर से लंड को टिकाया और एक धक्का मारा. मेरा लंड मॉम की चूत में पूरा समा गया और छप्प की आवाज आई. मॉम के मुँह से ‘आआह … उउउउ मां आउच मर गई … ओह …’ की मादक आवाजें निकलने लगीं.
मैं मॉम को चोद रहा था और साथ में कभी किस कर लेता था. कभी उनकी चुचियों को मसल देता था. मॉम को भी बहुत मजा आने लगा. मॉम गांड हिला हिला कर चुदवा रही थीं. पांच मिनट बाद हम दिनों ने पोजीशन चेंज कर ली. मॉम डॉगी स्टाइल में हो गईं और मैं उसी स्टाइल में पीछे से चोदने लगा. मॉम का शरीर मचलने लगा था. फिर मैं मॉम की दोनों टांगों को अपने कंधे पर रख कर उनकी चूत मारने लगा. मॉम सेक्सी आवाजें निकाल रही थीं ‘आआह … आआह … उउह … उम्म …’
चूत चोदने की मधुर आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी.
बीस मिनट चुदाई चली. मॉम अपने अंतिम चरण पर थीं, मेरे 4-5 शॉट लगाते ही मॉम झड़ गईं, पर मैं नहीं झड़ा था. मॉम की चूत के पानी से मेरा लंड चिकना हो गया था. मैंने सोचा गांड में लंड डालने का ये सही मौका है. मैंने मॉम की चूत से लंड बाहर निकाल कर उनकी गांड पर सैट कर दिया. जब तक मॉम कुछ समझ पातीं, मैंने एक जोरदार धक्का दे मारा. मेरा लंड मॉम की गांड को चीरते हुए आधा अन्दर चला गया.
मॉम बिना पानी की मछली की तरह तड़पने लगीं. मॉम को देख कर मैं डर गया और मैं भी थोड़ा शांत हो गया. मेरा जितना लंड मॉम की गांड में था, मैंने उसे वैसा ही घुसा रहने दिया. मॉम बहुत गंदी गंदी गाली देने लगीं- मादरचोद भोसड़ी के … अपनी मॉम को मारेगा क्या साले हरामी! वो न जाने क्या क्या गाली दे रही थीं. दो मिनट बाद मॉम धीरे धीरे शांत हो गईं. मैंने मॉम के अन्दर जो लंड था, उस पर कुछ तेल टपका दिया और झटका लगाने लगा. मॉम को दर्द हो रहा था, पर मैंने ध्यान नहीं दिया और इस बार पेलता ही रहा. मॉम को भी थोड़ी देर बाद मजा आने लगा और वो मजे से चुदवाने लगीं.
मॉम की गांड कड़क होने से मैं भी झड़ गया. मेरा आधा पानी मॉम की गांड में ही निकल गया और आधा मैंने मॉम की चूत पर गिरा दिया. अब तक मॉम दुबारा से झड़ चुकी थीं. मैं मॉम की चुचियों को मसलने लगा. कुछ देर बाद मैंने मॉम से 69 की पोजिशन में आने को कहा तो मैं झट से आ गया. मॉम मुँह से मेरे लंड को चाटने लगीं और मैं मॉम की चूत में उंगली करने लगा.
कुछ पलों में मॉम ने मेरे लंड को चाट चाट कर साफ़ कर दिया.
मैं भी मॉम की चूत में उंगली के साथ चाट भी रहा था. मैंने भी मॉम की चूत को साफ़ कर दिया.
फिर मैं और मॉम सीधे होकर लिपट कर सो गए. हम दोनों काफी थक चुके थे. नींद कब आ गई, पता ही नहीं चला. फिर नींद से उठा तो देखा मॉम मेरे सामने लेटी थीं और लेटे लेटे मेरे लंड को सहला रही थीं. उनके सहलाने से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था. हम दोनों ने तीन चुदाई का मजा लिया. इस तरह मॉम और मैं अब जब भी मौका मिलता, सेक्स कर लेते हैं.
दोस्तो, आप सभी को सन एंड मॉम की चुदाई कहानी में मजा आया होगा. कमेंट करके बताइएगा.