नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम पूजा है और मैं छत्तीसगढ़ में रहती हूं. मेरा फिगर 36-30-38 का है, मैं एक मस्त माल हूँ और मुझे देखते ही सभी मर्दो और बूढ़ो के लंड खड़े हो जाते है.
आज मैं आपको जो अपनी सेक्स कहानी बताने जा रही हूँ, वो 6 महीने पहले की है.
मेरी शादी को एक साल हो गया है और मेरी मेरे हस्बेंड से ज्यादा बनती नहीं है इसलिए मैं उनसे झगड़ा करके मायके आ गई थी.
शादी से पहले मेरा एक बॉयफ्रेंड था, जिसका नाम हिमांशु था.
मेरा और हिमांशु का रिश्ता दो साल से था, पर जब से मेरी शादी हुई … तब से मैंने हिमांशु से सारे रिश्ते तोड़ दिए थे.
ऐसे ही एक दिन मैं मायके में थी, तब अकेली बाजार से कुछ सामान लाने गई थी.
तभी मुझे वहां मेरी सहेली रीना मिली. हम दोनों बहुत दिन बाद मिले थे, इसलिए हमने कॉफ़ी शॉप पर जाकर कॉफ़ी पीने की सोची और हम दोनों कॉफ़ी पीने एक कॉफी शॉप पर आ गए.
तभी वहां मेरी मुलाकात मेरे एक्स बॉयफ्रेंड हिमांशु से हुई.
मैं उसको देख कर चौंक गई.
तभी हिमांशु मेरे पास आया और मुझसे बात करने लगा.
वो मुझसे अपने प्यार को लेकर बात कर रहा था.
मुझे उससे बात करने में थोड़ा अजीब सा लग रहा था इसलिए मैंने उससे ज्यादा बात नहीं की. रीना मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी.
उसने हिमांशु को बैठने के लिए कहा, तो मैं कुछ और ज्यादा असहज हो गई.
वैसे मैं आपको बता दूँ कि रीना ने ही हमारी सैटिंग करवाई थी और मेरी पहली चुदाई हिमांशु के साथ रीना के घर पर ही हुई थी.
रीना भी हिमांशु की अच्छी दोस्त थी.
मैंने जल्दी जल्दी कॉफी खत्म की और रीना से घर जाने की कह कर मैं उठ खड़ी हुई.
जब तक रीना या हिमांशु मुझे रोकते तब तक मैंने उधर से चल दी.
रीना ने मुझसे रुकने की कहा भी कि एक मिनट रुक जा यार, मैं साथ चलती हूँ मगर मैंने रीना की आवाज को नजरअंदाज किया और अपने घर चली आई.
हिमांशु से मिलने के बाद से मेरे दिमाग से सिर्फ हिमांशु ही चल रहा था. उसके साथ की हुई चुदाई याद करके मेरी पैंटी अपने आप गीली हो गई थी.
फिर एक दिन ऐसा मोड़ आया कि मुझे हिमांशु के लंड की सवारी करने का मौका मिला जिसको मैंने बहुत अच्छे से चुदाई करके एन्जॉय किया.
वो कहते हैं न प्यासे को जब प्यास लगती है, तो वो खुद कुंए के पास जाता है.
मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ.
रीना और हिमांशु से मिलने के बाद 15 दिन बाद मुझे रीना का कॉल आया कि कल हिमांशु का बर्थडे है, इसलिए वो तुझसे एक बार मिलना चाहता है.
पर मैंने उससे मिलने को मना किया.
तो हिमांशु ने रीना के फोन से मुझसे मिलने की बहुत मिन्नतें की.
हिमांशु की बात सुनकर मैं मान गई और मेरा दूसरे दिन शाम को रीना के घर मिलना तय हो गया.
जैसा तय हुआ था, मैं तैयार होकर रीना के घर चली.
मेरी फैमिली से मैंने कहा कि मैं रीना के घर जा रही हूँ.
उनको भी शक नहीं हुआ.
शाम को जब मैं पहुंची, तब हिमांशु ने रीना के घर में मेरा अच्छे से स्वागत किया. रीना का घर 3 बेडरूम वाला घर था.मैं अन्दर सोफे पर जाकर बैठ गई.
हिमांशु ने और रीना ने केक और कुछ थोड़ा बहुत सामान लाकर रखा और हमने केक कट किया.
बर्थडे सेलिब्रेट होने के बाद मैं घर जाने लगी.
तभी हिमांशु ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेडरूम में लेकर आ गया.
मैं भी उसके साथ खिंची चली गई. वो मुझसे मेरा हाल चाल पूछने लगा.उसका ये प्यार देख कर मैं भी भावुक हो गई और उसके सीने पर सर रख रोने लगी.
तब हिमांशु मुझे सहानभूति देने लगा और ऐसे ही करते करते कब हमारे होंठ मिल गए, मुझे पता भी नहीं चला.
हिमांशु मेरे होंठों को पूरी तरह से खा जाने के अंदाज से चूमने लगा. तभी रीना ने दरवाजे पर नॉक किया और हमारा ध्यान टूट गया.
हम दोनों अलग हो गए.
मुझे उस समय ये अहसास हुआ कि मैं जो कर रही हूँ, वो गलत कर रही हूँ.
रीना हमारे लिए नाश्ता लाई थी. वो नाश्ता टेबल पर रख कर चली गई. मैंने हिमांशु से कहा- हिमांशु ये गलत है. मैं अब ऐसा नहीं कर सकती. रीना क्या सोचेगी मेरे बारे में?
हिमांशु उठा और बाहर जाकर रीना को बुलाकर लाया.
उसने मेरे सामने रीना से कहा- रीना , मैं पूजा के साथ आज रात अकेला रहना चाहता हूँ. क्या तुम्हें कोई एतराज है?
रीना ने कहा- मुझे कोई एतराज नहीं है. दो प्यार करने वाले मिल रहे हैं, तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है.
ऐसा बोल कर हिना बाहर चली गई और हिमांशु ने बेडरूम को लॉक कर दिया.
हिमांशु ने मुझे पहले ही गर्म कर दिया था इसलिए मेरी चूत ने मुझसे बगावत कर दी.
उसका लंड लेने के लिए मैं बेडरूम के बाहर आई और रीना को मेरे घर फोन करके बोलने कहा कि कह दो कि मैं सुबह घर आऊंगी.
रीना ने वैसे ही किया और मेरे घर वाले भी मान गए.
तभी हिमांशु बाहर आया और उसने मुझे गोद में उठा लिया.
उसने रीना से कहा- यार रीना थैंक्स … मुझे मेरे गिफ्ट को मिलाने के लिए. अब बस सुबह तक हमको डिस्टर्ब मत करना रीना.
रीना ने ऑल द बेस्ट बोल दिया और हिमांशु मुझे बेडरूम में लेकर आ गया.
उसने बेडरूम लॉक कर दिया और सीधा मेरे ऊपर टूट पड़ा.
वो मुझे किस करने लगा जिसमें मैं भी उसका साथ देने लगी.
हिमांशु मुझे किस करते करते मेरे कपड़ों के ऊपर से मेरे मम्मे दबाने लगा और धीरे धीरे उसने मुझे ऊपर से नंगी कर दिया.
वो खुद भी पूरा नंगा होकर मुझसे लिपट गया और मुझे किस करते वक़्त मेरे मम्मे अपने छाती से रगड़ने लगा.मेरे दोनों मम्मे समीर की छाती से रगड़ खाने लगे और मैं तड़पने लगी.
इसी तरह करते हुए हिमांशु मेरे मम्मे पर आ गया और मेरा एक मम्मा अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
वो दूसरे मम्मे का निप्पल अपने हाथों की उंगली से मसलने लगा जिससे मैं उसका सर अपने सीने से दबाने लगी.
हिमांशु ने बारी बारी से बहुत देर तक मेरे मम्मों को चूस चूस पर पिया और दोनों मम्मे लाल कर दिए.
नीचे मेरी चूत पूरी गीली हो गई थी.
मेरा बॉयफ्रेंड अब सीधा मेरी चूत के पास आया और मेरी पैंट व पैंटी एक साथ उतार कर साइड में रख दिए.
उसने सीधा मेरी गीली रस भरी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और चूत को चाटने लगा. कोई 5 मिनट तक मेरी चूत चाटने के बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
अब मैं हिमांशु का 7 इंच का लंड चूसने लगी और वो मेरी चूत चाटने लगा.
बहुत देर तक हमने ऐसा किया और एक दूसरे के मुँह में झड़ गए.
मैंने हिमांशु का पूरा माल पी लिया और उसका लंड चाट कर साफ कर दिया.
हिमांशु ने भी मेरी चूत का पूरा पानी पी लिया और चूत को चाट कर अच्छे से साफ कर दिया.
तभी मुझे जोर की सुसु आई और मैं बाथरूम में चली गई.
थोड़ी देर बाद मैं जब बाहर नंगी आई, तब मैंने रीना को देखा.
रीना हमारे लिए खाना लेकर आई थी.
उसने मेरे लाल हुए मम्मे देखे और हंसने लगी.
उसने हिमांशु से कहा- हिमांशु, तुमने मेरी सहेली के दूध पूरे लाल कर दिए.
उसकी हंसी से मुझे शर्म आ गई तो मैंने झट से अपने आपको टॉवल से ढक लिया.
तब रीना ने कहा- मेरे सामने ढक ले यार… पर हिमांशु के सामने ऐसे मत कर … वरना वो तुझे कच्चा खा जाएगा.
ऐसा बोल कर वो हंसती हुई बाहर चली गई.
हिमांशु ने बड़े प्यार से मुझे अपनी गोद में बिठाया और अपने हाथ से खाना खिलाने लगा.
कुछ ही देर में हम दोनों ने खाना खत्म कर लिया और हम बेड पर आ गए.
अब चुदाई का समय था इसलिए हिमांशु ने मुझे फिर से किस करना शुरू कर दिया.
वो मेरी चूत को रगड़ने लगा जिससे मैं फिर से गर्म होने लगी.
मैं भी हिमांशु का लंड पकड़ कर हिलाने लगी, जिससे उसका 7 इंच का लंड रॉड की तरह कड़क हो गया.
तभी हिमांशु ने मेरी कमर के नीचे तकिया रख दिया और मेरे पैर फैला कर मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा.
इससे मैं तड़पने लगी और उससे लंड अन्दर डालने को कहने लगी.
हिमांशु ने एक जोर का झटका लगाया, उसका लंड पूरा अन्दर घुसता चला गया.
मुझे थोड़ा दर्द हुआ तो मैं कराहने लगी और हिमांशु को लंड निकालने के लिए कहने लगी.
हिमांशु मेरा दर्द कम होने तक वैसे ही चूत में लंड डाले रुका रहा और मुझे किस करता रहा.
कुछ पल बाद जब मेरा दर्द कम हुआ तो मैंने अपनी कमर हिलाई जिससे समीर को समझ आ गया कि अब मैं चुदाई के लिए तैयार हूं.
उसने धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मैं भी नीचे से कमर उठाकर उसका साथ देने लगी.
अब हिमांशु ने स्पीड बढ़ाई और जोर जोर से मेरी चूत चोदने लगा.तेज चुदाई से मेरे मम्मे भी जोर जोर से हिलने लगे.
तभी हिमांशु ने झट से लंड बाहर निकाला और मुझे घोड़ी बना दिया.
मैं भी अपनी गांड तरफ से चूत में लंड लेने के लिए कुतिया बन गई. हिमांशु ने पीछे से मेरी चूत में लंड पेला और मेरी चूत चोदने लगा. उसने पीछे से मेरी पीठ पर चढ़ कर अपने हाथों से मेरे मम्मे पकड़ लिए और जोर जोर से दबाते हुए मेरी चूत चोदने लगा.
हमारा पहला चुदाई का राउंड कुछ 20 मिनट तक चला, जिसमें हम दोनों साथ में झड़ गए.हमने उस रात कई बार चुदाई की और हम थक कर सुबह 5 बजे सो गए.
सुबह 7 बजे रीना ने हमारे कमरे में आकर हमको उठाया.
हिना हमको नंगा देख हंसने लगी और जाने लगी.
मैं उठ कर नहाने चली गई.
हिमांशु भी मेरे पीछे बाथरूम में आ गया और हमने एक बार फिर बाथरूम में चुदाई की.
तब तक रीना ने हमारे लिए नाश्ता बनाया था तो हम दोनों अपनी चुदाई पूरी करके फ्रेश होकर नाश्ता करने आ गए.
नाश्ता के बाद मैं रीना के साथ अपने घर को जाने लगी, तो हिमांशु ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोक दिया.
उसने रीना से कहा- तुम एक घंटा रुक जाओ फिर चली जाना.
ऐसा बोल कर वो मुझे बेडरूम में लेकर आया और फिर से मुझे किस करने लगा.
मैं भी गर्म होने लगी और हमने फिर से एक राउंड चुदाई की.
उसके बाद मैं अपने घर आ गई.