अपने कॉलेज के सर की रंडी बनके चुद गई

सभी लंड वाले मर्दों के मोटे लंड पर किस करते हुए और सभी खूबसूरत जवान चूत वाली रानियों की चूत को चाटते हुए सभी का मैं स्वागत करती हूँ। अपनी कहानी indiansexystory.com के माध्यम से आप सभी मित्रो तक भेज रही हूँ। ये मेरी पहली स्टोरी है। मेरा नाम भावना सिंह है। लखनऊ की रहने वाली हूँ। मैं अभी 12th में पढ़ रही हूँ। मेरा अफेयर मेरे दो टीचर से चल रहा है। मैं काफी सेक्सी लड़की हूँ।

अपने फोन में रोज ही चुदाई वाली ब्लू फिल्म देखती हूँ। मैं आप लोगो को अपनी पहली चुदाई की स्टोरी सूना रही हूँ। मैं साइंस की स्टूडेंट थी। मैंने PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स) 12th में लिया हुआ था। महेश सर मुझे मैथ्स पढाते थे और नमन सर मुझे फिजिक्स पढाते थे।

मैं पढने में कमजोर थी तो डैडी ने बोला की मैं शाम को दोनों टीचर के घर जाकर ट्युशन पढ़ लिया करूं। कुछ दिन बाद मैंने शाम के टाइम दोनों से ट्यूशन पढना शुरू कर दिया। महेश सर और नमन सर दोनों एक ही मकान में रहते थे। वो दोनों अभी कुवारे थे। उन दोनों की शादी नही हुई थी इसलिए दोनों चूत के लिए तड़पते रहते थे। दोनों सर बहुत ही चोदू टाइप के आदमी थे और जवान लड़कियों को देखकर उनके लौड़े खड़े हो जाते थे।

वो हमारे क्लास की कई लड़कियों को पटाकर चोद चुके थे।
मैं अभी नई नई जवान हुई थी। मैं रोज ही मिनी स्कर्ट और शर्ट पहनकर पढने जाती थी। पहले एक घंटा महेश सर से पढ़ती थी। फिर दूसरी मंजिल में नमन सर के पास फिजिक्स पढने चली जाती थी। दोनों मुझे घूर घूर के देखा करते थे। मुझे पढ़ाने के बहाने वो मेरे को चोदने के मूड में थे। दोनों सर काफी स्मार्ट थे, इसलिए मुझे भी अच्छे लगते थे। धीरे धीरे दोनों की शरारते बढ़ने लगी। एक दिन महेश सर ने मुझे वैलेंटाइन कार्ड गिफ्ट किया।

उसमे उन्होंने मुझे प्रपोस किया था। दूसरे दिन शाम को जब मैं पढने गयी तो महेश सर मुझसे मेरा जवाब मागने लगे।
“भावना!! तुम्हारा क्या जवाब है???” वो बोले
“सर!! आप मुझे अच्छे लगते है। आप बहुत प्यारे है। पर मैं आपसे काफी छोटी हूँ। इसलिए आप मुझे भूल जाइये” मैं बोली.
“प्यार उम्र देखकर नही होता है भावना। प्यार तो प्यार होता है” महेश सर बोले और मेरे हाथ को उठाकर अपने होटों से किस करने लगे।

“आई लव यू भावना!!” महेश सर बोले
मैं भी फिसल गयी। हम दोनों एक दूसरे को घूर घूर कर देख रहे थे। सर अपने सोफे से उठकर मेरे वाले सोफे पर आ गये और मुझसे प्यार करने लगे। मेरे को बाहों में भरकर क़िस्स करने लगे। दोस्तों, उस दिन भी मैंने लाल मीनी स्कर्ट और लाल शर्ट पहनी थी। मैं भी महेश सर से चिपक गयी। मैं बहुत ही सेक्सी लड़की थी। मेरा चेहरा बहुत आकर्षक था। मेरे कॉलेज के सब लड़के मुझे लाइन देते थे। सब मुझे चोदने के मूड में थे। पर मैं महेश सर से पट गयी।

फिर उन्होंने मुझे खुद से चिपका लिया और मेरे होटों पर ऊँगली घुमाने लगे। मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे होटों पर अपने होंट रखकर चूसने लगे। इस तरह मैं भी गर्म होने लगी। मैं भी चुदने के मूड में दिख रही थी। इसलिए मेरी कामुकता भी जाग गयी। मैं भी महेश सर को चूसने लगी। काफी अच्छी और फिट बोडी थी उनकी। वो जोश में अब आ गये थे।

मैं उनकी गोद में बैठी थी। सर का लंड उनकी जींस में टनटना गया और खड़ा हो गया। मेरी चूत में पेंटी के उपर से उनका लंड गड़ रहा था। वो मेरे रसीले होठो को अच्छे से चूस रहे थे। मैं भी ऐसा कर रही थी।“भावना!! मजा लेना चाहती हो क्या?? बोलो??” महेश सर बोले “हाँ !!” मैं जवाब दी.

जो करता हूँ करने दो। तुमको अभी भरपूर मजा मिलेगा” महेश सर बोले. फिर वो अपनी शर्ट पेंट खोलने लगे। फिर अंडरवियर भी उतार डाले। मैंने उनका लंड देखा। सर काफी गोरे चिकने थे, इसलिए उनका लंड भी काफी गोरा था। उसकी लम्बाई 7 इंच थी। काफी लम्बा और मोटा लंड था जो काफी ताकतवर दिखता था। सर ने पहले मेरी शर्ट खोल दी। मैं अब ब्रा में आ गयी। फिर महेश सर ने मेरी मिनी स्कर्ट खोल डाली। अब मैं गुलाबी ब्रा और पेंटी में थी।

मेरे सफ़ेद दूधिया बदन पर गुलाबी ब्रा और पेंटी बहुत जंच रही थी। सर नंगे होकर मुझे खुद से चिपका लिए और सब जगह किस करने लगे। मैं किसी आयटम बोम्ब जैसी दिख रही थी। दोस्तों मेरा फिगर 34-28-36 का था। मेरी चूचियां बड़े बड़े गुब्बारे जैसी फूली फूली थी जो ब्रा में और कामुक दिख रही थी।

“भावना!! क्या सेक्सी माल लग रही हो!! तुम्हारा बदन तो आग लगा रहा है” सर बोले और ब्रा के उपर से मेरी चूची को दबाने लगे। मैं चुदासी होकर “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगी। फिर महेश सर मेरे गाल पर चुम्मा लेने लगे। फिर गले को चूमते हुए मुझे उत्तेजित करने लगे। मेरी 34 इंच की चूची को वो ब्रा के उपर से कस कसके दबा रहे थे। फिर मेरे पेट पर हाथ घुमाकर किस करने लगे। बार बार मेरे चूतडो पर हाथ लगा रहे थे।

“तू तो सॉलिड मार है रे!!” बार बार वो कह रहे थे
फिर पेंटी के उपर ऊँगली लगाने लगे। उपर से चूत को मसलने लगे। मैं चुदासी होने लगी और “ओहह्ह्ह….अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाजे निकाल रही थी। फिर एक एक करके महेश सर ने मेरी ब्रा और पेंटी को उतार दिया और मुझे सोफे पर लिटा दिया।

“बेबी!! तुम्हारी बुर चाट लूँ क्या???” वो कहने लगे
“चाट लीजिये सर!! आज मुझे अच्छे से चोद चोदकर मजा दीजिये” मैं बोली.
दोस्तों, मेरी चूत अच्छी तरह से साफ़ की हुई थी। उस पर एक भी बाल नही था। मेरी चूत बड़ी ही कामुक थी। मैं अभी तक कुवारी थी। एक बार भी नही चुदी थी। महेश सर आँखे फाड़ फाड़कर मेरी चुद्दी का दीदार कर रहे थे। फिर मुंह लगाकर मेरी चूत जल्दी जल्दी चाटने लगे। मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। मेरी रसीली चूत पर उनकी जीभ नाच रही थी। बड़ा आनन्द लेकर वो चूस रहे थे। मैं गर्म हो रही थी.“आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” कर रही थी। सर तो इतनी मस्ती से चूस रहे थे जैसी आज पहली बार किसी चूत को देख रहे थे। उन्होंने काफी देर तक बुर चुसाई कर डाली। मुझे अच्छे से गर्म कर दिया। अब मेरी चूत में आग की ज्वाला भड़क रही थी।

“चोदिये सर!! ….. सी सी सी सी.. हा हा हा …..प्लीस मुझे जल्दी से चोद डालिये!! अब देर मत करिये” मैं कहने लगी
फिर महेश सर अपने लंड को पकड़कर जल्दी जल्दी मुठ देने लगे और खड़ा करने लगी। कुछ पल में उनका लंड लड़की जैसा सख्त हो गया था।

अब सर अपने 7 इंची लौड़े को पकड़कर मेरी चूत की गद्दी पर पीटने लगे। मुझे बड़ी चुदास चढ़ रही थी। वो जोर जोर से लंड के सुपारे से मेरी चुद्दी की पिटाई कर रहे थे। मैं किसी मछली की तरह तडप रही थी। ऐसा उन्होंने कुछ मिनट किया। फिर मेरी बुर में लंड घुसाने लगे। अंदर ही नही जा रहा था क्यूंकि मेरी बुर सीलबंद थी। फिर किसी तरह ताकत लगाकर धक्का मारके सर ने लंड मेरी चूत में उतार दिया। मुझे बहुत दर्द हुआ। मैं …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” कर रही थी। महेश सर अब मेरी चिकनी चमेली चूत में लंड अंदर बाहर सरकाने लगे। दोस्तों मैं आजतक अनचुदी माल थी। किसी से लंड नही खायी थी। इसलिए आज जब पहली बार लंड खा रही थी, मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मैं सोफे पर लेटी हुई थी और महेश सर मेरे उपर चढ़े हुए थे। मैं दोनों टांग खोलकर चुदवा रही थी। महेश सर को बड़ी ऐश मिल रही थी।

वो धकम पेल करके मेरी चूत की अच्छे से चुदाई कर रहे थे। अपनी गांड उठा उठाकर मेरी चूत की बांसुरी बजा रहे थे। मैं उनको दोनों हाथो से कसके पकड़े हुए थी। सर मेरे चिकने गोरे गालो को कामोतेज्जक होकर काट लेते थे। फिर होंठो पर किस करते हुए मेरी चूत में लंड से चोद रहे थे।
“ओह्ह ओह्ह ओह सर!! सी सी सी…. और तेज तेज ज़ोर से चोदो मुझे!!” मैं भी कह दी
मेरी सेक्सी बात को सुनकर उनका उत्साह कुछ जादा ही बढ़ गया। अब वो तेज तेज मेरी रसीली बुर में अंदर तक धक्के मारने लगे।

महेश सर का लंड मेरी बच्चेदानी के मुहं तक चला जा रहा था। उन्होंने मेरे होश उड़ा दिए थे। तड़पा तड़पा कर उन्होंने मुझे चोदा। फिर धक्के मारते मारते झड़ गये। महेश सर कुछ मिनट बाद मेरी रसीली चुद्दी में शहीद हो गये। मेरी चूत उनके माल से भर गयी थी। मैं चुदवा ली और फिर घर चली गयी। दूसरे दिन मुझे फिजिक्स वाले नमन सर भी लाइन देने लगे।
“भावना!! तुम मेरे को बहुत अच्छी लगती हो!! आई लव यू भावना!” नमन सर कहने लगे.

अब मैं चक्कर में थी। क्यूंकि मैं पहले ही महेश सर से पट चुकी थी।
“सर!! मेरा अफेयर तो महेश सर से चल रहा है” मैं बोल दी
“मुझे कोई प्रॉब्लम नही है। तुम महेश से भी अफेयर कर लो और मुझसे भी। मैं सुबह से शाम तक सिर्फ तुम्हारे बारे में ही सोचता रहता हूँ। मैं तुम्हारे बिना एक दिन भी नही जी पाऊंगा” नमन सर बोले.

मुझे उनके अंदर सबसे अच्छी बात लगती थी की वो बहुत सीधे आदमी थे। अभी उनकी भी शादी नही हुई थी। वो भी चूत चोदने के लिए तडप रहे थे। उन्होंने अपनी सैलरी निकालकर मेरे हाथो में रख दी। पूरे 15 हजार रुपये थे। पैसे देखकर मैं बहुत खुश हो गयी थी। मैंने तुरंत ही सोच लिया की नमन सर से भी मैं पट जाउंगी।

“ओके सर!! आज से आप भी मेरे बॉयफ्रेंड हो” मैं बोली
सर ने मुझे बाहों में दबोच लिया। मैंने फुल स्लीव हरी टी शर्ट और जींस पहनी थी। मैं हमेशा ही कसी टी शर्ट पहनती थी जिसमे मेरा भरा हुआ सेक्सी बदन बाहर से ही दिख जाता था। मेरी 34 इंच की बड़ी बड़ी चूचियां टी शर्ट से दिख रही थी। हम दोनों खड़े हो गये और नमन सर ने मुझे दबोच लिया और दोनों हाथो से कस लिया। फिर मैं भी उनके ओंठ चूसने लगी।

“थैंक यू भावना!! मैं बता नही सकता की तुमने मुझ पर कितना बड़ा अहसान किया है” वो कहने लगे.
उसके बाद वो मुझसे फ्रेंच किस करने लगे। वो मेरे लब चूस रहे थे, मैं उनके। आज मैं अपने बालो में हेयर बैंड लगाकर गयी थी। सर ने मेरा हेयर बैंड निकाल दिया और मेरे बाल खुल गये। खुले बाल मुझे और सुंदर बना रहे थे। काफी देर तक फ्रेंच किस करने के बाद मैं भी चुदने को तैयार थी।

“चलो भावना!! बेडरूम में चलते है” नमन सर बोले
मैं चली गयी। वो मेरी टी शर्ट उतार दिए। फिर जींस पेंट खोलने लगे। मुझे ब्रा और पेंटी में कर दिया। फिर सर भी अपनी टी शर्ट जींस उतार दिए। फिर मेरी ब्रा पेंटी उतार डाले और अपना अंडरवियर उतार दिए।
“देखो भावना!! कैसा लगा तुमको???” नमन सर बोले
“सर! आपका लंड तो भारत सर के लंड से काफी लम्बा है और कितना मोटा है” मैं ताज्जुब करने लगी.

“हाँ बेबी!! मेरा लंड पूरे 9 इंच का है। जब तुम्हारी चूत में जाकर चुदाई करेगा तो तुझे फुल ऐश मिलेगी!” नमन सर बोले
वो बेड के किनारे खड़े हो गये और लंड को मुठ देने लगे। मेरी नजरे उनके लंड से नही हट रही थी क्यूंकि काफी सेक्सी और पहलवान लंड था। मजबूत और किसी बंदूक जैसा दिख रहा था। गुलाबी चमकदार सुपाडा मुझे अच्छा लग रहा था।

“आओ भावना!! अपने मुंह में लेकर चूस डालो!!” नमन सर बोले
वो बेड के साइड खड़े हो गए। मैं बेड के किनारे दोनों पैर नीचे लटकाकर बैठ गयी और उनके लंड को पकड़ ली। फिर जल्दी जल्दी हिलाने लगी। नमन सर “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो….” करने लगे। फ्रेंड्स इतना मोटा लंड मैं आज तक नही देखी थी। हाथ में लेकर जल्दी जल्दी मुठ देने लगी और लंड फूलने लगा। मैं अच्छे से मुठ दे रही थी। सर को पूरा मजा दे रही थी।

फिर लंड के छेद पर जीभ लगाकर चाटने लगी। सर सी सी ई ई… करने लगे। मेरी वासना अब बढ़ गयी और पहलवान लंड को पकड़कर अपने मुंह, चेहरे पर घिसने लगी। अपनी चूची पर घिस रही थी। सर मुस्कुरा रहे थे।

फिर मेरी कामवासना और बढ़ गयी। मैं उस चमकदार गुलाबी सुपारे को मुंह में अंदर तक ले ली और लोलीपोप की तरह चूसने लगी। मैं जल्दी जल्दी चूसती जा रही थी। “….ऊँ—ऊँ…ऊँ …मेरी चूत की रानी!!….चूसो और अच्छे से चूसो मेरे पप्पू को!!” नमन सर कहने लगे।

मैं भी चुदक्कड लड़की बन गयी थी। सर हिला हिलाकर मुंह में लेकर मेहनत से चूस रही थी। सर मेरे सिर को पकड़कर लंड को मेरे गले तक घुसा रहे थे। इस तरह से हम दोनों काफी मजा करते रहे। मैंने मुख मैथुन करके उनको खूब मजा दे दिया था।
“सर!! पहले क्या चोदेंगे मेरी चूत या गांड??” मैं पूछने लगी
“भावना!! मुझे तो गांड मारना कुछ जादा ही अच्छा लगता है” वो बोले.

“तो सर आप पहले मेरी गांड ही चोद लीजिये” मैं भी रंडी की तरह बोल दी.
सर ने मुझे घोड़ी बनने को कहा। मैं बन गयी। दोस्तों मेरी गांड बिलकुल कुवारी थी। नमन सर मेरी जवानी को देखकर मस्त थे। मेरी गांड का छेद कितना सेक्सी था। चिकना चिकना और काला था। नमन सर बड़े कामुक हो गये और अपनी जीभ निकाल निकालकर मेरी गांड का छेद चाट रहे थे। मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….”बोलकर सिसक रही थी। कामुक सिस्कारियां निकाल रही थी। फिर वो अपने लंड को हाथ से पकड़कर जोर जोर से फेटने लगे। मेरी गांड के बिल पर अपना सुपाडा लगा दिया और धक्का मारने लगे। मुझे दर्द हो रहा था।

नमन सर की आँखे वासना की आग से लाल लाल हो गयी थी। मुझे मालूम था आज जो भी हो जाए वो मेरी गांड चोद के रहेंगे। फिर वो अपनी तरफ से फुल फ़ोर्स लगाने लगा और मेरे कुवारे गांड के बिल में अपना 9 इंची लम्बा लंड घुसा ही दिए। मैं दर्द से “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” बोलकर रो पड़ी थी। दोस्तों, मुझे इतना दर्द हुआ था की मेरे आँशु निकल रहे थे। नमन सर मजे ले रहे थे और मैं इधर दर्द से तडप रही थी। सर अब अपने मोटे लंड को मेरे छेद में अंदर बाहर करने लगे।

मुझे काफी दुःख रहा था। फिर नमन सर बड़ी जल्दी जल्दी मेरा गांड चोदन करने लगे। फिर झड़ गये। दोस्तों, अब मैं एक दिन महेश सर से चुदवाती हूँ, और दूसरे दिन नमन सर से। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए indiansexystories.com पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।

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