वर्जिन सेक्स कहानी में मैंने बताया है कि मेरी चुदाई कैसे हुई थी. अपनी बहन की जॉब बचाने के लिए मैं उसके बॉस से मिली थी. तो उसने बहन की जॉब के बदले में सेक्स माँगा था.
दोस्तो, कैसे हो आप लोग!
आप सभी को मेरा नमस्कार!
मेरा नाम है स्वर्णा!
मैं दिल्ली की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 25 साल है और मेरी बहन की उम्र 21 साल है।
वह मुझसे छोटी है.उसका नाम अंकिता है।
हम दोनों दिखने में एकदम गोरी चिट्टी और हमारा बदन सुडौल और एकदम भरा हुआ बदन है.
अगर हम दोनों बहनों को कोई भी देख ले तो वह एकदम हम पर फिदा हो जाता है।
चलिए खैर आपको मैं अपने जीवन की फर्स्ट फक कहानी सुनाती हूं.
जब मैं नादान थी तब मेरे पापा की मृत्यु हो गई।
और फिर हमारी मां ने ही हमको पाल- पोस कर बड़ा किया और हमारा जीवन ऐसे ही बीतता गया।
अब हम दोनों बहने बड़ी हो चुकी थी. अब हमें अपनी मां की सेवा करनी थी.
तो हम दोनों बहनों ने अब दिल्ली में ही जाब तलाशना शुरू कर दिया।
हम दोनों को ही दिल्ली में अलग-अलग जगह जॉब मिल गई।
हमारे ऑफिस में बहुत थोड़ी सी दूरी थी.
हम पूरा दिन जाब पर काम करती और दोनों शाम को घर आ जाती.
हमारी लाइफ एकदम अच्छी चल रही थी.
हमको जॉब करते हुए करीब 2 साल हो गए थे।
एक दिन में अपने ऑफिस से काम करके छोटी के ऑफिस जा रही थी तो वह अपने ऑफिस के बाहर खड़ी थी और बहुत परेशान थी.
मैं उसके पास गई और मैंने उससे पूछा कि वह क्यों परेशान है.
तो वह मुझे देखकर रोने लगी.
उसने मुझे बताया कि उसका बॉस उसके साथ सही व्यवहार नहीं करता है और उसने कल से उसे जॉब पर आने के लिए मना भी कर दिया है।
मैंने उससे कहा- तू क्यों परेशान होती है? यह तो जिंदगी में चलता रहता है. तू परेशान मत हो, मैं कुछ करती हूं.
और हम दोनों बातें करती हुई घर आ गई.
लेकिन मुझे भी बहुत चिंता थी अब मैं कुछ सोचने लगी।
मैंने अपनी छोटी बहन की एक सहेली से जो उसके ऑफिस में ही उसके साथ काम करती है उसके बॉस का नंबर लिया।
तब मैंने उसके बॉस से बात की.
जब मैंने उनसे बात की तो बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगा कि वह कोई बेकार इंसान है, उसने मुझसे सामान्य बात की।
लेकिन उससे बात करते हुए मुझे एक चीज समझ में आई कि उसको ऑफिस में काम करने वाले सभी लड़कियां अच्छी लगती हैं. और जो उसे अच्छी लगती है वह उसके साथ रात बिताना चाहता है. या आप कह सकते हैं कि उसके साथ सेक्स करना चाहता है.
मेरी बहन के साथ काम करने वाली सभी लड़कियों का प्रमोशन हो चुका था लेकिन मेरी छोटी का ही प्रमोशन नहीं हो रहा था.
इसका कारण यही था कि छोटी उसको बिल्कुल भी भाव नहीं दे रही थी.
और यही कारण था कि उसने एक दिन तंग आकर छोटी को जॉब पर आने के लिए मना कर दिया।
वह मुझे भी सेक्सी सेक्सी बातें करने लगा.
मैं उसका सलीका समझ गई थी.
मुझे भी छोटी की जाब प्यारी थी।
मैं भी बिना देरी किए उसके रंग में रंग गई क्योंकि मैं छोटी को परेशान होते हुए नहीं देख सकती थी.
सब कुछ भगवान पर छोड़कर मैं उससे खूब बातें करने लगी.
पहले हमारी नॉर्मल बात हुई.
उस दिन उसको छोटी को अगले दिन जॉब पर बुलाने के लिए मना लिया.
और इसके बदले में मैंने उससे कहा- आप जो कहोगे, मैं वैसा करने के लिए तैयार हूं.
वह मान गया.
अब सब कुछ पहले जैसा ठीक हो गया था.
कुछ बदला था तो वह मेरे साथ बदलने वाला था.
अब वह मुझे रोज कॉल करने लगा और मुझसे मिलने के लिए तड़पने लगा.
बहुत दिन तक हमारी बातें होती रही, कभी व्हाट्सएप पर, कभी नॉर्मल कॉल!
फिर जब कुछ दिन बीत गए तो मैंने भी एक दिन उससे मिलने के लिए हामी भर दी।
सर्दियों के दिन थे, नवंबर का महीना था.
उसने 29 नवंबर को दिल्ली में ही होटल बुक कर लिया.
मैंने उस दिन घर वालों से बोल दिया कि मुझे कहीं ऑफिस के काम से बाहर जाना है.
और मैं 29 नवंबर को उससे मिलने के लिए निकल गई.
मैंने आज तक सिर्फ उसकी आवाज ही सुनी थी या उसको सिर्फ फोटो में देखा था.
पहली बार मैं उससे फेस टू फेस मिलने वाली थी।
उसने जिस होटल का एड्रेस बताया था, मैं वहां पहुंच गई.
और जो होटल का रूम नंबर उसने बताया था, मैं उस होटल रूम नंबर की तरफ बढ़ने लगी.
तबी मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज होने लगी, मेरा चेहरा लाल पड़ गया था।
चलते हुए मेरी सांस बहुत तेज हो रही थी जैसे कि मैं कितने किलोमीटर दौड़कर आई हूं, मेरी सांस फूल रही थी।
बहुत हिम्मत करके मैंने रूम की डोर बेल बजाई।
रूम का दरवाजा खुला तो सामने एक 45 -50 साल का एक व्यक्ति था जिसके थोड़ा सा पेट था और थोड़ा मोटा भी था.
उसने मुझे अंदर आने के लिए कहा.
वह मेरे हाव-भाव समझ चुका था तो उसने मुझे बेड पर बैठने के लिए कहा और वह मेरे लिए एक गिलास पानी ले आया।
मैंने पानी पिया और वह मुझसे बोला- रिलैक्स हो जाओ, आप चाहोगी तो मैं आपके साथ कुछ नहीं करूंगा. मुझे तो बस आपको देखने की लालसा थी.
कुछ देर हम दोनों बैठ कर बातें करते रहे तो मैं थोड़ा नॉर्मल हो गई.
लेकिन मुझे अंदर से बहुत अजीब सी फीलिंग आ रही थी क्योंकि वह मुझसे उम्र में बहुत ज्यादा था।
लेकिन वह शायद जिंदगी के सारे तजुर्बे जानता था, वह कुछ समय तक सिर्फ मेरे पास बैठा रहा उसने मुझे नॉर्मल होने दिया।
फिर उसने मेरा एक हाथ अपने दोनों हाथों के बीच में पकड़ा और मेरे हाथ को दबाने लगा और मुझसे बातें करने लगा।
मैं फिर थोड़ा असहज महसूस कर रही थी।
लेकिन फिर उसने इस बात की कोई परवाह नहीं की और वह आगे बढ़कर मेरे गालों और माथे पर किस करने लगा.
मेरा चेहरा एकदम लाल पड़ता जा रहा था लेकिन मैं चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती थी.
मैंने उसे दिन साड़ी पहनी थी और ब्लैक कलर का ब्लाउज पहना हुआ था.
उसने मेरी साड़ी के पल्ले को मेरे कंधों से हटाया और मेरे कंधों पर किस करने लगा और वहां दांतों से काटने भी लगा.
मैंने तो अपनी आंखें बंद कर ली और अपने दोनों हाथों की मुट्ठियों को भी बहुत कास कर भींच लिया।
मैं अपनी छोटी बहन के भविष्य के लिए उसको अपना सब कुछ देने के लिए तैयार थी और वह सब कुछ लेने के लिए भी तैयार था.
वह धीरे-धीरे करके मेरे सारे कपड़े उतारने लगा और मेरे बदन पर किस करने लगा.
उसने मुझे बेड पर पीछे की तरफ लेटा दिया।
कुछ देर की कोशिश के बाद उसने मेरे बदन से सारे कपड़े अलग कर दिए.
अब मैं सिर्फ उसके सामने ब्रा और पेटीकोट में लेटी थी।
वह ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाने और चूसने लगा और फिर मेरे पेट पर किस करने लगा.
मेरी नाभि में जीभ डालकर वह मेरी नाभि को चूस रहा था।
मेरी भी सांसें तेज होने लगी.
मेरे साथ भी जीवन में यह पहली बार हो रहा था।
मैंने तो सिर्फ यह आज तक फोन में ही देखा था.
अपने साथ पहली बार मैं किसी की जीभ को अपने पेट पर महसूस कर रही थी।
फिर वह नाभि से नीचे की तरफ चलने लगा और उसने मेरी पैंटी को भी मेरे बदन से अलग कर दिया.
और तब वह मेरी चूत में जीभ डालकर अंदर तक घूमने लगा।
मैं बहुत तेज तेज सांस ले रही थी, मेरा मेरे बदन पर कंट्रोल खत्म हो गया था.
अब तो मैं उसके वश में थी और लेटी हुई मैं कुछ कर भी नहीं सकती थी.
फिर वह ऐसे ही किस करते-करते ऊपर की तरफ आया और उसने मेरे बूब्स से मेरी ब्रा को अलग कर दिया और मेरे बूब्स को पागलों की तरह दबाने और चूसने लगा।
मेरा बदन काम्प रहा था।
फिर उसने भी अपने सारे कपड़े निकाल दिए.
मैंने तो अपनी आंखें बंद कर रखी थी.
लेकिन जब वह नंगा होकर मेरे ऊपर आया तो मुझे उसका बदन अपने नंगे बदन पर महसूस हुआ.
तब मुझे अहसास हुआ कि उसने अपने कपड़े निकाल दिए हैं.
और वह अपना लंड और अपना बदन मेरे बदन के ऊपर डालकर मुझे चूसने लगा.
नीचे मेरी चूत एकदम गीली हो गई थी.
फिर उसने अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया और धीरे से एक धक्का लगाया.
मेरी तो एकदम जैसे चीख निकल गई थी।
पर वह धीरे-धीरे अंदर डालता रहा और फिर धीरे-धीरे करके पूरा लौड़ा मेरी चूत में चला गया।
मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन बहुत थोड़ा सा अच्छा भी लग रहा था.
मैं पहली बार किसी मर्द के स्पर्श को महसूस कर रही थी.
उसके नीचे पड़ी पड़ी मैं बहुत चिल्ला रही थी.
लेकिन वह बेदर्दी से मुझे चोदे जा रहा था.
वह मेरे जिस्म को नोच लेना चाहता था।
मुझे चोदते हुए वह कह रहा था कि तुम बहुत सेक्सी माल हो यार … तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिली।
बहुत देर ऐसे ही मुझे चोदने के बाद वह बहुत तेज तेज धक्के लगाने लगा.
शायद उसका मजा आने वाला था और वह मेरी चूत में ही झड़ गया।
उसने अपना सारा पानी मेरी चूत में ही निकाल दिया।
फिर वह निढाल होकर मेरे ऊपर ही लेट गया।
कुछ देर बाद मैंने उसको अपने बदन के ऊपर से हटाया और उठकर अपने बदन को साफ किया और अपने कपड़े पहनने लगी.
तो उसने मुझे मना किया.
लेकिन मैंने उससे कहा- मुझे बहुत काम है, मुझे जाना है. आपको जो चाहिए था, मैंने आपको दे दिया. मैं फिर दोबारा कभी आ जाऊंगी. और यह मेरा पहली बार है तो कुछ ज्यादा अच्छा भी नहीं लग रहा है।
तो दोस्तो, उसने मुझसे ज्यादा जिद नहीं की और बोला- तुम बहुत प्यारी हो. ठीक है, जैसा तुमको अच्छा लगे.
फिर मैं अपने कपड़े पहन कर वहां से चली आई।
और वह मुझसे कहने लगा- मैं तुम्हारी छोटी बहन का प्रमोशन भी कर दूंगा. और तुम्हें किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे बताना, मैं हमेशा तुम्हारे लिए खड़ा हूं.
मैं यह जानती थी कि वह ऐसा किसलिए कह रहा था.
वह हमेशा मुझे अपने पास रखना चाहता था ताकि जब उसका मन करे वह मेरे बदन के साथ खेल सके.
लेकिन मेरी भी मजबूरी थी अपनी बहन के लिए मुझे यह अपना कौमार्य देना पड़ा।
दोस्तो, इससे ज्यादा मेरे और उसके बीच में कुछ भी नहीं हुआ था।
वह पहला फक वर्जिन था।
यह एक सच्ची कहानी है इसलिए जैसा हुआ वैसा मैं आपको बता रही हूं.
इससे ज्यादा मेरे और उसके बीच में कुछ नहीं हुआ.
मैं उसके पास गई और उसको अपना सब कुछ देकर भी आ गई.
होली के दिन जीजू ने मेरी चूत में रंग लगाकर अपने मोटे काले लंड से मुझे चोदा
उसने मेरे बदन को खूब नोचा लेकिन मैंने उसका बदन को अच्छे से छुआ भी नहीं.
इसलिए जैसा मेरे साथ हुआ मैं आपको वैसा ही बयां कर रही हूं.
आपको मेरी पहली कहानी कैसी लगी? कृपया मुझे जरूर बताएं.