जंगल में हुआ चूत का जुगाड़

मैंने गाँव के बाहर खेत में दो अनजान लड़कियों की चूत मारी. दोनों में से एक चुदी चुदाई माल थी पर दूसरी सीलपैक थी.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम उत्कर्ष है. मेरी उम्र 24 वर्ष है और मैं यूपी से हूं.

मैं गांव से शहर में आकर किराये पर रूम लेकर पढ़ाई करता हूं.

मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है, रंग सांवला है और दिखने में हैंडसम हूँ.
मेरे लौड़े की लम्बाई 6.1 इंच है और ये 3 इंच मोटा है.
मैंने अब तक कई लड़कियों, भाभियों और आंटियों की चूत का भोसड़ा बनाया है. 

दोस्तो, मैं अब आप सभी को अपनी उस वास्तविक घटना के बारे में बताने जा रहा हूं.

ये घटना 1 फ़रवरी 2022 की है.

एक दिन पहले 31 जनवरी को मैं अपने गांव आया था.
वैसे मेरे पास कोई काम नहीं था, मैं बिल्कुल फ्री था. 

मैं अपने कुछ साथियों के साथ क्रिकेट खेलने के लिए जंगल की तरफ खुले मैदान में जा रहा था.

मैं आप लोगों को बता दूं कि गांव के पास ही एक छोटा सा जंगल है, उसके बीच में एक मैदान है, जहां हम लोग क्रिकेट खेलने जाते हैं.

दरअसल उधर जंगल में एक बड़ा सा सूखा तालाब है, उसमें कभी पानी नहीं रहता. वह एक मैदान सा है … और क्रिकेट खेलने के लिए उसमें काफी जगह भी है.
हम लोग उसी में क्रिकेट खेलते हैं.

हम लोग क्रिकेट खेल रहे थे कि तभी मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आया.
मैं साइड में जाकर उससे बात करने लगा.

वह काफी मूड में थी तो हम दोनों फोन पर हम सेक्सी बातें कर रहे थे.

उसकी बातों से मेरा लौड़ा एकदम से खड़ा हो गया और मुझसे रहा नहीं गया. 

मैं अपने साथियों से काफी दूर एक पेड़ के पीछे जाकर मुठ मारने लगा.

लंड हिलाने के साथ साथ मैं अपनी गर्लफ्रेंड से चुदाई की बातें करने लगा.  मैं मुट्ठ मार ही रहा था कि मेरी नजर पास की झाड़ियों में गई.

वहां पर दो लड़कियां चुपके से मेरे लौड़े को देख रही थीं. 

मैंने उनको देखा तो झट से अपनी पैंट बांधी और फोन काट कर स्विच ऑफ कर दिया. 

मैंने उन दोनों लड़कियों को देखा.
वे दोनों मन ही मन बहुत खुश दिख रही थीं.

पहले तो मैं उनकी मुस्कुराहट देख कर डर गया, फिर मेरे दिमाग में एक आईडिया आया कि क्यों ना इन दोनों को ही चोद डालूँ. 

फिर मैंने सोचा क्या पता ये खुद ही मुझसे चुदवाने को राजी हों या हो सकता है कि नहीं भी राजी हों.
मैंने सोचा कि चलो मालूम करते हैं.

मैं उस झाड़ी के पास गया.
तभी एक लड़की वहां से उठकर साइड में चली गई पर दूसरी वाली वहीं पर बैठी रही थी. 

मैंने बहुत हिम्मत की और उससे पूछा- क्या आप मुझसे चुदोगी?

दोस्तो, मेरी किस्मत में चार चांद लग गए … वह चुदवाने के लिए मान भी गई.
वह देखने में खूबसूरत थी, हालांकि ज्यादा खूबसूरत नहीं थी, पर अच्छी थी. 

मैं उसके होंठों पर किस करते हुए होंठों को पीने लगा और उसकी गर्दन में किस करने लगा. उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया था.वह भी मुझे किस करने लगी और मेरे होंठों को पीने लगी.

मैं उसके दूध दबाने लगा और वह गर्म हो गई. वह मेरे लौड़े को पैंट के ऊपर से पकड़ने लगी और सहलाने लगी. फिर मैंने पैंट और अंडरवियर उतार दिया और उसने मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाया.

मैंने उससे कहा- इसे भी प्यार करो ना बेबी.

उसने ये सुनते ही मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और ऐसे चूसने लगी जैसे लॉलीपोप चूस रही हो. मुझे बहुत मजा आ रहा था. 

मेरे मुँह से आह आह ओह ओह की आवाजें आने लगीं.

फिर मैंने उसका दुपट्टा लिया और जमीन पर बिछा दिया.

अब मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसे लेटा दिया.
मैंने भी अपने सारे कपड़े उतारे और उसके मम्मों को दबाने लगा. 

उसे मजा आ रहा था.

उसकी आंखों में एक अजीब सी कशिश दिखाई दे रही थी और ऐसा लग रहा था मानो वह मुझसे दूध पीने के लिए कह रही हो.

मैं उसके एक दूध के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा और दूसरे निप्पल को अपनी दो उंगलियों में दबाते हुए मींजने लगा.

उसकी मादक कराहें निकलने लगीं और वह अपने हाथ से अपने दूध मेरे मुँह में देने की कोशिश करने लगी. 

मैं भी उसकी एक चूची को अपने मुँह में दबा कर पीने लगा.
उसे इसमें बहुत मजा आ रहा था और उसके मुँह से आह उऊऊ आहहह की आवाजें निकल रही थी. वह बेहद गर्म हो चुकी थी और अपने एक हाथ से अपनी चूत मसल रही थी, दूसरे हाथ से वह मेरे लौड़े को सहला रही थी. 

मुझे तो मानो जैसे उसकी चूत से ग्रीन सिग्नल मिल रहा था.
मैंने बिना देरी किए अपने लौड़े पर थूक लगाया और पोजीशन बना कर उसकी चूत में रगड़ने लगा. 

वह गर्म सिसकारियां भरने लगी और कहने लगी- डाल दो मेरी चूत में अपना गर्म लंड … और फाड़ दो मेरी चूत … भोसड़ा बना दो मेरी चूत को. 

मैंने बिना देरी किए उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया. लंड का सुपारा आराम से उसकी चूत में चला गया.
मैं समझ गया कि यह साली पहले से ही लंड का मजा ले चुकी है. 

फिर मैंने उसकी टांग ऊपर उठाई और एक जोरदार धक्का देते हुए अपना पूरा लंड अन्दर घुसेड़ दिया.
तभी वह जोर से चिल्लाई- उई मां इतना मोटा लंबा लंड … मैंने कभी नहीं लिया … आह बहुत दर्द हो रहा है. आज तो मेरी फट जाएगी. 

मगर कुछ ही देर में उसके सुर बदल गए और अब वह लंड का मजा लेने लगी थी व साथ साथ गांड उठाती हुई कहने लगी थी.
‘आह चोदो मुझे … जंगल में मेरी चूत का मंगल कर दो … मेरी चूत की आग शांत कर दो.’

मैंने उसकी दोनों टांगें ऊपर की और अपने कंधों पर रख लीं, फिर उसकी दोनों चूचियों को हाथों में भरा और जोर-जोर से धक्का देने लगा. 

मैं उसे फुल स्पीड से चोदने लगा और वह भी मस्ती में चिल्लाने लगी- आह चोद साले … आह कितना मजा या रहा है आह तेरे लंड में क्या मस्त मजा है … और जोर से चोदो ओह ओह!

दस मिनट तक मैं उसे चोदता रहा और उसने एकदम से मुझे बांहों में भरकर जकड़ लिया. मुझे पता चल गया कि यह अब झड़ने वाली है.

फिर मैंने चुदाई की रफ्तार तेज कर दी और उसे जोर जोर से इस अंदाज में चोदने लगा मानो वह कोई सड़क छाप रांड हो.
तभी वह झड़ गई और निढाल हो गई.

कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया.
गीली चूत में लंड को बड़ा मजा आ रहा था.

मैंने हाथ आगे बढ़ा कर उसके दूध पकड़ लिए और दबाने लगा.

वह फिर से गर्म हो गई और गांड हिलाती हुई कहने लगी- पेलो लौड़ा और फाड़ दो मेरी चूत को आज! मैंने चोदना चालू किया और उसकी कमर पकड़ कर जोर-जोर से चोदने लगा.

अब उसकी चूत में से फच फच की आवाजें आने लगी थीं.
फिर वह 20 मिनट बाद झड़ गई और मैं भी झड़ने वाला हो गया था. 

मैं हूँ हूँ करके उसे जोर-जोर से चोद रहा था तभी एकदम से लगा कि लंड से पानी बाहर आने वाला ही है.

मैंने उससे पूछा कि अपना पानी कहां निकाल दूँ?
उसने कहा- मेरी चूत में ही भर दो.

मैंने एक लंबी सांस ली और आह ओह ओह ओह की आवाजों के साथ लंबी लंबी पिचकारियां उसकी चूत में छोड़ दीं और चुदाई के बाद मैं उसके ऊपर लेट गया.

तभी मैंने देखा कि पेड़ के पास वहीं दूसरी लड़की खड़ी थी जो उसके साथ झाड़ियों के पीछे मुझे मुठ मारते देख चुकी थी.
मैंने सोचा क्यों ना अब इसकी चूत भी मार लूँ. 

मैंने पिंकी से कहा.
मैंने अभी जिसे चोदा था … उसका नाम पिंकी था. 

मैंने उससे पूछा कि इसका नाम क्या है?
तो उसने उस लड़की का नाम ज्योति बताया. 

तो पिंकी से कहा कि ज्योति की भी चूत दिलवा दो!
उसने कहा- ठीक है. 

उसने ज्योति को बुलाया और कहा कि तुम भी चुदाई का मज़ा ले लो, क्या तुम्हारा चुदवाने का मन नहीं करता?
तो उसने कहा- मन तो करता है … पर मैंने पहले कभी चुदवाया नहीं है, मुझे डर लगता है कि कहीं कुछ हो गया तो? और मैंने सुना है कि पहली बार में बहुत दर्द भी होता है. 

पिंकी ने कहा- तुम डरो मत, मैं हूं ना!
वह मान गई.

बस फिर क्या था.

मैं बहुत खुश था कि मुझे आज एक अनचुदी बूर का उद्घाटन करने को मिलेगा.

हालांकि पहले भी मैंने बिना चुदी चूत की सील तोड़ी हैं. आज फिर से एक छेद को खोल कर मजा लूँगा. अब मैंने ज्योति को बांहों में भरा और उसके कोमल होंठों को चूसने लगा.
वह गर्म होने लगी, वह भी मेरा साथ देने लगी. 

फिर मैंने अपने हाथों को उसकी समीज के नीचे से अन्दर डाला और उसके मम्मों को मसलने लगा, दबाने लगा.

वह जोर-जोर से सिसकारियां लेने लगी.

फिर मैंने एक हाथ उसकी सलवार के अन्दर डाला और उसकी चूत को मुट्ठी में भर कर दबाने लगा. ज्योति चुदाई देख कर पहले से बहुत गर्म हो चुकी थी.

अब वह अपनी चूत को दबाने में मेरा साथ दे रही थी.

मेरा लंड फिर से गर्म हो गया और सलामी देने लगा.
मैंने ज्योति को अपने घुटनों के नीचे बिठाया और लंड को मुँह पर रख दिया.

वह मेरे लौड़े को बड़ी मस्ती से चूसने लगी और मुझे बहुत मजा आ रहा था ‘आह आह ओह …’ मैंने उसके कपड़े उतारे और उसे लिटा दिया, उसकी सील बंद चूत पर लंड रगड़ने लगा.

वह तड़प उठी और बोली- अब मुझे चोद दो!

मैंने लौड़े पर थूक लगाया और उसकी चूत के छोटे से छेद पर रख कर अन्दर करने लगा.

मेरा मोटा लौड़ा अन्दर जाने का नाम ही नहीं ले रहा था.
फिर मैंने उसे अपने ऊपर बैठने को कहा और अपने लौड़े को उसकी चूत के छोटे छेद पर रख दिया.

तब मैंने उससे बैठने को कहा, तो वह बैठने लगी. 

इस पोजीशन में उसकी चूत थोड़ी खुल गई थी तो लंड ने अन्दर जाने वाले रास्ते में मुँह लगा दिया और जैसे ही मैंने उससे कहा कि नीचे हो … उसी समय मेरे ऊपर को उठा जाने से लंड का सुपारा थोड़ा अन्दर घुस गया.

वह जोर से तड़पने लगी.

फिर मैंने उसकी कमर को पकड़ कर एक जोरदार धक्का लगाया तो आधा लौड़ा अन्दर घुस गया. उसकी आंखों में आंसू आ गए और वह कांपने लगी, उसकी चूत से खून निकलने लगा.
मैंने बिना लंड को बाहर निकाले उसे नीचे लिटा लिया और उसे चूमने सहलाने लगा.

जब उसका दर्द कम हुआ तो मैं लौड़े को अन्दर बाहर करने लगा.

जब ज्योति को मज़ा आने लगा तो मैंने एक दूसरा जोरदार धक्का लगाया और पूरा लौड़ा चूत में समा गया.
ज्योति के मुँह से मीठी कराह भरी आवाज निकली- आह मर गई.

मैं नेहा को जोर जोर से चोदने लगा.

ज्योति को भी अब लौड़े का पूरा आनन्द आने लगा था और वह भी अपनी गांड को उछाल उछाल कर मज़े लेने लगी थी. 

फिर मैं उसकी दोनों टांगों को फैला कर जोर-जोर से चोदने लगा.

और ज्योति के मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- आह ओह चोद डालो मुझे … रंडी बना दो … मेरी चूत का भोसड़ा बना दो आह उऊऊ आआह … जोर से चोदो और ज़ोर से आह और जोर से … मैं झड़ने वाली हूं … और जोर से चोदो!

फिर कुछ मिनट बाद ज्योति झड़ गई.

अब मैं उसकी एक टांग ऊपर करके जोर-जोर से चोदने लगा.

करीब 20 मिनट बाद मैं भी उसकी चूत में झड़ गया.
फिर ज्योति और पिंकी दोनों ने मेरे लौड़े को चूस कर साफ़ किया और कपड़े पहन लिए.

मैंने उनसे पूछा कि तुम दोनों कहां रहती हो?
उन्होंने बताया कि वह दोनों पास के गांव में रहती हैं और यहां जंगल में रोज लकड़ियां लेने आती हैं.
फिर वह दोनों वहां से उठकर चली गईं और मैं अपने घर चला गया.

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