भाभी की रसीली बुर चोदने के चक्कर में भैया से पिट गया मैं

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम अभिषेक यादव है और मेरी उम्र अभी 22 साल है। मेरी कहानी जानने से पहले आप को मेरे बारे में जानना जरुरी है। मै आप को बता दूँ, मेरे पापा दो भाई है, और मेरे बड़े पापा के दो बेटे है। मै अपने पापा का इकलौता बेटा हूँ। मेरे बड़े पापा के बड़े बेटे की शादी हो चुकी है। शादी को दो साल हो गया है और अभी तक भैया और भाभी ने बच्चा नही किया था। मेरी भाभी के बारे में बात करे तो, उनकी उम्र 25 वर्ष है।

मेरा और मेरी भाभी का कद काफी मिलता जुलता था। भाभी तो किसी हेरोइन से कम नही है।उनकी आँखें बहुत बड़ी बड़ी है और उनके लाल लाल होठो की बात ही ना करो, उनके होठ लाल हलके से मोटे, बिल्कुल मलाई की तरह मुलायम थे। उनके मम्मों का तो जवाब नही क्या मम्मे है। गोरे गोरे मैदे की तरह, संतरे की तरह गोल गोल और हवा भरे हुए गुब्बरे की तरह मुलायम। उनको दबाने का मजा ही अलग होगा। और उनकी चूत तो रबड़ी की तरह रसीली और बहुत मस्त थी।

मेरा और मेरे बड़े पापा का घर अगल बगल में ही था। एक महीने पहले की बात है गर्मी की छुट्टी चल थी मेरे कॉलेज में, मै दोपहर के समय टाइम पास करने के लिए अपने बड़े पापा के घर चला जाता था। बड़े पापा ज्यादातर घर से बाहर ही रहते थे और भैया तो सुबह ही अपनी सरकारी नौकरी की ड्यूटी करने चले जाते थे। अब उनके घर में बड़ी मम्मी बचती और अमित उनका छोटा भाई बचता। बड़ी मम्मी तो हमेशा बाहर बरामदे में ही रहती थी। मै रोज दोपहर में भाभी के कमरे में जाता और भाभी के कमरे में बेड पर लेट कर टीवी देखता और भाभी से मज़े लेते हुए उनसे खूब बातें करता। भाभी दिल की बहुत अच्छी थी और साथ साथ बहुत मजाकिया भी थी।

मै एक दिन भाभी के कमरे में लेटे हुए मूवी देख रहा था। भाभी ने मुझसे कहा – क्या देवर जी क्या देख रहें हो इतनी ध्यान से टीवी में?
मैंने कहा – “कुछ नही बस थोड़ा मस्त सीन चल रहा है वही देख रहा हूँ”। भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा – “जब शादी हो जायेगी तो ये सब देखने से काम नही चलेगा करना भी पड़ेगा”। मैंने भी बिना शर्माए हुए बोल दिया – “वो तो करना आता है। मेरी जब शादी होगी तो किसी तरह से कर ही लूँगा। और अगर नही आयेगा तो आप सिखा देना”। भाभी ने हस्ते हुए कहा – “मै क्यों तुम्हे सिखाऊँगी” मै तुम्हारी बीवी थोड़ी ना हूँ। मैंने कहा – भाभी तो हैं।

जब मै भाभी से ये सब बातें कर रहा था मेरा लंड तो बेकाबू हो रहा था और एकदम से तना हुआ था। मै रोज भाभी के पास आता, और उनसे खूब मजाक करता। धीरे धीरे मजाक इतना आगे बढ़ गया था की अब तो सारी बातें मै बिना शरमाये हुए कह देता था और भाभी भी मुझसे बिना शरमाये कुछ भी ही कह देती थी।

एक दिन मै भाभी के कमरे में बैठ था। भाभी भी पास में ही बेड पर लेटी हुई थी। बातों ही बातों में भाभी ने पूछा – कोई गर्लफ्रेंड बनायी की वैसे ही काम चला रहें हो? मैंने उनसे कहा – “पहले आप मेरे एक सवाल का उत्तर दीजिए तो मै भी आप के सवाल का उत्तर दूँगा”

भाभी ने कहा पूछा क्या – मैंने भाभी से पूछा की शादी से पहले आप का कोई बोयफ़्रेंड था क्या??
भाभी कुछ देर कुछ ना बोली। फिर उन्होंने कहा किसी को बताना मत मै ये केवल तुम्हे बता रही हूँ। हाँ जब मै इंटर में थी तो एक लड़का मुझे बहुत लाइक करता था और मै भी उसे बहुत लाइक करती थी।

मैंने फिर पूछा – “आप लोगो के बीच कुछ हुआ था कि नही”। भाभी मुस्कुराते हुए बोली हाँ एक बार, मै मैंने स्कूल बंक करके उसके दोस्त के रूम पर गई थी और हम लोगो ने किस के साथ सेक्स भी किया था। मेरा लंड खड़ा हो गया था, ये सब बाते करके भाभी से।  भाभी ने कहा – “किसी से भी ये बात कभी मत कहना मैंने तुम से बता दिया है” मैंने भी भाभी को अपने बारे में सब बता दिया – मेरी एक गर्लफ्रेंड है, और हम लोग भी बहुत बार चुदाई कर चुके है।

मैंने कभी भी भाभी को गलत नजरो से नही देखा था। बस केवल मै उनसे एक दोस्त कि तरह से बातें करता था। दोस्तों कुछ ही दिन पहले की बात है भैया को 15 दिनों के लिए मुंबई जाना था अपनी नौकरी के सिलसिले में। भैया मुंबई चले गये, तो भाभी अकेली हो गयी। उनकी कुछ दिनों से चुदाई भी नही हुई थी।

एक दिन मै दोपहर के समय भाभी के कमरे में आया, भाभी अपने कमर में मैक्सी पहने हुए लेटी हुई थी। और टीवी देखने में बिजी थी मैंने चुपके से पीछे से उनकी आँखों को पकड लिया। भाभी ने मेरे हाथो को सहलाते हुए पकड़ा, लेकिन वो पहचान नही पाई। भाभी के आँखों को पकड़ते समय मेरा हाथ भाभी के मम्मो में छु गया। भाभी की कई दिनों से चुदाई नही हुई थी, इसलिए मेरा हाथ उनकी चूची में छूते ही उनकी सांसे बढ़ने लगी थी। मैंने अपना हाथ उनके मम्मो पर जल्दी से हटा लिया। मेरा भी लड़ खड़ा हो गया था। मै भाभी के बगल में ही बैठ गया।

दोस्तों, मैंने अपनी तरफ से कुछ भी नही किया भाभी को चोदने के लिये। भाभी ही अपनी चुदाई करवाने के चक्कर में थी। मै भाभी के बगल मे बैठा हुआ था, भाभी की मैक्सी बहुत हल्की थी। उनके बूब्स की छाप उनकी मैक्सी पर दिख रहा था। मै ये सब देख कर कामातुर हो रहा था। मेरा भी मन किसी को चोदने को कर रहा था। लेकिन मुझे क्या पता था कि मै अपने भाभी को ही चोदने वाला हूँ।

थोड़ी देर बाद भाभी ने अपने हाथ को अंगडाई लेने के बहाने से मेरे जांघ पर रख दिया। मेरा लंड खड़ा था, मै अपने लंड को दबाने लगा था। भाभी ने अपने हाथ को मेरी जांघ से नही हटाया और अपनी उंगलियों को हिलाने लगी, जिससे उनकी उँगलियाँ मेरे जांघ में छू रही थी। मेरा तो लंड और भी टाईट होता जा रहा था।
कुछ देर बाद भाभी ने अपने हाथ को हल्का सा आगे बढ़ाया और अपने हाथ को मेरे नुन्नू तक पंहुचा दिया। मुझे पता चल गया था कि आज भाभी का चुदने का फुल मूड है। मैंने भाभी के हाथ को अपने लंड से दूर कर दिया और कहा – आप क्या कर रही है??
भाभी ने बड़े जोश से कहा – तुम्हारे भैया इतने दिनों से बाहर है, जब वो थे तो मेरी रोज चुदाई करते थे। लेकिन बहुत दिनों से मेरी चुदाई नही हुई है और तुम्हारा हाथ मेरी चूची पर लगने से मेरा मन चुदने को कहने लगा। क्या तुम मुझे आज चोद सकते हो??

मैंने भाभी से कहा – “कहीं ये बात किसी को पता चल गयी तो??”  भाभी ने मुझसे कहा – ‘किसी को पता नही चलेगा”।
मेरा भी मन चुदाई करने को कह रहा था क्योकि मैंने बहुत दिनों से किसी की बुर नही चोदी थी। भाभी ने अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया। और मेरे पास आई, मैंने उनके हाथो को पकड़ा और उनके हाथो को कुत्ते की तरह चाटते हुए,  उनकी गर्दन की तरफ बढ़ने लगा।

मै जैसे जैसे भाभी की गर्दन की ओर बढ़ने लगा भाभी बहकने लगी। मैंने उनके गर्दन को पीना शुरू किया, मेरे गर्दन पीने से भाभी तो मचल रही थी उनको बहुत मजा आ रहा था। मै उनकी गर्दन को पीते हुए अपने हाथो से भाभी के मुसम्मी की तरह गोल, रसीले और संगमरमर की तरह चिकने मम्मो को भाभी के मैक्सी के ऊपर से ही दबाने लगा। भाभी का तो पूरा शरीर जोश से गरम हो गया था।

मैंने भाभी के गले को पीना बंद कर दिया और उनकी होठो को पीने लगा। भाभी का भी जोश बढ़ने लगा, उन्होंने भी मुझे अपने बाँहों में भरते हुए मेरे होठो को चूसने लगी। मेरा भी जोश बहुत बढ़ रहा था मै अपने आप को सम्हाल नही पा रहा था। मैंने भाभी के मुह में अपना जीभ डाल कर उन्हें किस करने लगा। भाभी तो मेरे निचले होठो को बड़ी मस्ती से पी रही थी। 20 मिनट तक बिना रुके किस करने के बाद मैंने भाभी की मैक्सी को निकल दिया और उनको बेड पर लिटा दिया।

उनका शरीर तो जैसे मैदे का बना हो, इतना गोरा था। भाभी की मैक्सी उतारने के बाद वो केवल ब्रा और पैंटी में थी। मैंने उनके पैरों की उंगलियों को चूसना शुरू किया, मै बड़े प्यार से भाभी के पैरों की उंगलियों को चूसते हुए उनके घुटने के ओर बढ़ने लगा। भाभी के बदन की खुशबू मेरे जोश को और भी बढ़ा रही थी। भाभी तो कामोत्तेजना से उनका शरीर तो ऐंठता जा रहा था। मै भाभी के घुटने को पीते हुए उनकी चिकनी, कोमल, और गुलगुले जांघों को पीने लगा। भाभी को बहुत मजा आ रहा था।

मैंने भाभी की चूत को सहलाते हुए उनकी नाभि को भी पीने लगा और अंत में मैंने भाभी की ब्रा को निकाल दिया और उनके मम्मो को पीने का सुख लेने लगा। मैंने अपने हाथो को भाभी के गोल, रसीले और मुलायम मम्मो को मसलते हुए पीने लगा। और भाभी अहह……. अहह..आ आ आ….. ओह ओह …..हा हा…. करके सिसकने लगी। मैंने उनकी चूची की अपने दांतों से काट के पी रहा था और भाभी मेरी इस हरकत से तनमना उठती ।

मै लगातार उनकी मम्मो को दबाते हुए उनकी बूब्स को पी रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने भाभी की पैंटी को खीचने लगा, खीचने के बाद जब मै पैंटी को छोड़ता तो भाभी की कमर और उनकी चूत से चट चट की आवाज़ आती। मैं उनकी पैंटी को निकल कर सूंघने लगा, उनकी चूत की खुशबू पैंटी से मेरे नाक में जा रही थी। भाभी की बुर तो बहुत सुंदर और साफ थी।

मैंने भाभी से कहा – “आप की चूत तो बहुत साफ है”  भाभी ने कहा मै रोज अपनी झांटों को साफ करती हूँ इसलिए ये साफ है। मैंने पहले उनकी चूत पर अपने हाथो से सहलाने लगा और कुछ देर बाद मैंने अपने जीभ से उनकी चूत को चाटने लगा। भाभी भी सहल उठी थी जब मैंने उनकी चूत को चूसना शुरू किया। मै भाभी की मलाई की तरह मुलायम और नाजुक बुर को अपनी मोटी और हल्की खुरदरी जीभ से मस्ती से चाट रहा था। मै उनकी चूत को पीते पीते उनके मम्मो को भी मसल रहा था। जब मेरी जीभ भाभी की चूत में घुस जाती, तो भाभी अपने गांड को हल्का सा उठा देती। भाभी बहुत मजे के साथ अपनी चूत को मुझसे चटवा रही थी।

उनकी चूत को चाटने के बाद मैंने अपना 9 इंच का बड़ा सा और बैगन की तरह मोटे लंड को भाभी के चूत पर सहलाने लगा। मैंने पहले अपने लंड को थोड़ी देर तक भाभी के चूत पर रगड़ता रहा और कुछ देर बाद मैंने जानवरों की तरह जोर लगा के अपने लंड को भाभी की नाजुक सी चूत में घुसा दिया। मेरे लंड के घुसने से भाभी के चूत का रास्ता बड़ा हो गया और वो तेजी से आंहे भरने लगी।

मैं उनकी चूत को बड़ी मस्ती से चोदने लगा और भाभी का इस चुदाई से बुरा हाल था, मै जितनी तेज उनकी चूत बजाता वो अपने चूत को मसलते हुए“आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..”सिसकारियाँ लेती.

मेरा लंड भाभी की बुर में लगातार अंदर बाहर हो रहा था और भाभी भी आंहे भरते हुए अपनी चुदाई का मजा ले रही थी। मै बहुत तेजी से भाभी की चूत मार रहा था। मेरी स्पीड बढती ही जा रही थी। लगातार मेरा कड़ा लंड भाभी की नरम सी चूत को फाड़ते हुए उनकी चूत में घुस रहा था और भाभी अपने मम्मो को एक हाथ से मसल रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत के दाने को रगड़ रही थी और …….अहह …ई ई ई ई ई…….उफ़ उफ़ उफ़……. उई माँ उई माँ………….करके चीख रही थी।

भाभी को भी बहुत मजा आ रहा था। अब वो अपनी कमर को उठा कर मुझसे चुदवाने लगी। बहुत देर बहुत तक उनकी चूत मारने के बाद मैंने अपने लंड को भाभी की फुद्दी से बाहर निकल लिया क्योकि अब मै ज्यादा देर तक टिकने वाला नही था। मैंने अपने लंड को भाभी के दोनों मम्मो के बीच में रखकर उनकी चूची को दबाकर, मै उनकी चूची को पेलने लगा।

मैं अपना पूरा जोर लगाकर भाभी की बूब्स के बीच मे चोद रहा था। थोड़ी ही देर में मेरा माल निकलने वाला था, इसलिए मेरी स्पीड और भी तेज हो गयी। और कुछ ही देर बाद मेरा माल निकलने लगा, मेरी आँखों के सामने अँधेरा सा छा गया जब मेरा माल निकला। भाभी की चुदाई पूरी होने बाद भी मैंने बहुत देर तक भाभी के चूत को पीता रहा। चुदाई खत्म होने के बाद मैंने भाभी से पूछा – “आज के बाद भी क्या कभी चुदाई करने का मौका मिलेगा मुझे”

भाभी ने जवाब दिया – “जब तक भैया नही है तब तक तुम रोज दोपहर में आना और मेरी जमकर चुदाई करना”
मै हर रोज दोपहर में भाभी के कमरे में उनकी खूब चूत बजाता। जितने दिन भैया नही थे मैंने उतने दिनों तक लगातार भाभी की चूत को चोदा। कुछ दिनों में भैया आ गये, अब मुझे भाभी को चोदने का मौका नही मिल रहा था। एक दिन घर में कोई नही था मैंने भाभी से चूत देने को कहा, भाभी मना कर रही थी मैंने किसी तरह से उनको मना लिया और उनके कमरे में उनकी चुदाई करने लगा।

चुदाई के बीच में ना जाने कहाँ से भैया आ गये, मुझे और भाभी को उन्होने रंगे हाथो पकड लिया। पहले तो भैया ने अपने कमरे में मेरी खूब पेलाई की और फिर भाभी को भी खूब पेला। उन्होंने मुझसे कहा फिर दोबारा मेरे घर में मत आना। मै फिर दोबारा उनके घर नही गया और ना ही फिर कभी भाभी की चुदाई की। कहानी आपको कैसे लगी, मुझे कमेंट्स में ज़रूर बताना।

Leave a comment

You cannot copy content of this page