मोटी गांड वाली चुदक्कड़ भाभी की चूचियाँ दबाकर चूत में घुसाया लंड और गांड भी मारी

हैलो दोस्तों, मेरा नाम आकाश वालिया है। मैं चंडीगढ़ में रहता हूँ। मेरी उम्र 20 साल है। आज मैं आपको अपने जीवन की एक बहुत बड़ी घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसने मेरी ज़िंदगी बदल दी। यह कहानी मेरी और हमारे पड़ोस में रहने वाली एक भाभी की है जिनका नाम मेघा है।

उनकी उम्र 26 साल है, रंग गोरा और ऊँचाई 5 फीट इंच है। उनकी शादी 2 साल पहले हुई थी। उनकी फ़ैमिली में उनके पति और उनकी ननद ही है बस, मेघा भाभी की मेरी मम्मी से बहुत बनती हैं। वो अक्सर समय निकालकर हमारे घर आ जाती हैं।

यह बात जनवरी महीने की है। भाभी के पति को कुछ दिनों के लिए गांव जाना पड़ा क्योंकि उनके देवर का एक्सीडेंट हो गया था, लेकिन उनकी ननद प्रीति के एग्जाम नज़दीक होने के कारण उन्हें भाभी और प्रीति को चंडीगढ़ ही छोड़कर जाना पड़ा।

मेघा भाभी ने मेरे मम्मी से कहा कि वो कुछ दिनों के लिए आकाश (यानी मुझे) रात को सोने के लिए उनके घर भेज दें। मेरी मम्मी मान गई। शाम को खाना खाने के बाद मैं भाभी के घर चला गया। भाभी का घर बहुत बड़ा नहीं है, उनके घर में 2 कमरे और 1 किचन ही हैं।

जिस कमरे में भईया और भाभी सोते थे, उसमें से एक कमरे में प्रीति सोती थी। भाभी ने मेरा बिस्तर बाहर बरामदे में लगा दिया। ऐसे ही 3 दिन बीत गए मैं रोज़ रात को भाभी के घर पे सोने जाता था।

एक दिन जोर की बारिश हो रही थी। तो भाभी ने मुझे कहा कि आज मैं उनके साथ कमरे में ही सो जाऊं। और ठंड ज्यादा होने के कारण भाभी मेरे साथ चिपककर सो गया। रात को मैंने महसूस किया कि कोई मेरे लंड को सहला रहा है।

मैंने आँखें खोली तो पाया कि भाभी पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड सहला रही थी। मैंने भाभी से पूछा कि आप यह क्या कर रही हैं तो उन्होंने कहा, “तेरा लंड बहुत बड़ा है इसलिए मैं देख रही हूँ।”

फिर भाभी ने बताया कि “तेरे भैया का लंड बहुत छोटा है और खड़ा भी नहीं होता है इसलिए मैं आज तक प्यासी ही हूँ। क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगे?”

मैंने कहा कि भाभी आज तक मैंने किसी के साथ सेक्स नहीं किया और मुझे इस बारे में कुछ अता पता नहीं है। भाभी ने कहा कि मैं तुझे सिखा दूंगी। मैंने कहा ठीक है। फिर भाभी ने मुझे अपने कपड़े उतारने को कहा, मैं अपने कपड़े उतार दिये।मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था।फिर भाभी ने अपना सूट और सलवार उतारी, भाभी मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थी।

भाभी के कहने पर मैंने उनकी ब्रा भी उतारी। और मैं उनके मम्मे को चूसने लगा और भाभी मेरी अंडरवियर में हाथ डालकर मेरा लंड सहलाने लगी। फिर भाभी ने मेरी अंडरवियर उतार दी, मुझे बहुत शर्म आ रही थी क्योंकि आज तक मैं किसी के सामने नंगा नहीं हुआ था।

फिर भाभी मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था। करीब 15 मिनट के बाद भाभी ने कहा कि अब अपना लंड मेरी चूत में डाल। मैंने उनकी पैंटी उतारी, मेघा भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने आज ही शेव किया हो।

मैं पहली बार किसी की चूत देख रहा था। फिर मैंने अपना लंड मेघा भाभी की चूत के छेद पर लगाया और धक्का लगाने लगा। मेरा लंड अंदर नहीं जा रहा था क्योंकि उनकी चूत का छेद बहुत छोटा था, मैंने भाभी से कहा कि यह अंदर नहीं जा पाएगा क्योंकि आपकी चूत का छेद बहुत छोटा है।

भाभी ने कहा कि सब चल जाएगा, तुम बस देखता रहो। फिर भाभी ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और पूरी ताकत से अपनी चूत में डालने लगी। मेरे लंड में बहुत जल्दी दर्द हुआ और मैं चीख पड़ा। भाभी ने कहा चुप कर जा नहीं तो बग़ल वाले कमरे में प्रीति जाग जाएगी।

फिर भाभी उठी और नंगी ही किचन में चली गई और वहाँ से तेल की बोतल ले आई फिर उन्होंने बहुत सारा तेल अपनी चूत पर और मेरे लंड पर भी लगाया। फिर भाभी ने कहा कि अब पूरा जोर लगा के अपना लंड मेरे अंदर घुसाओ, कितना भी चीखूँ तुम रुकना मत।
मैंने कहा ठीक है। मैंने फिर से अपना लंड भाभी की चूत पर लगाया और पूरी जोर लगाने के बाद मेरे लंड का आधा टोपा उनकी चूत में चला गया।

मैं और जोर लगाने लगा लेकिन मेरा लंड उससे आगे नहीं बढ़ रहा था। मैंने अपना लंड निकाल लिया और फिर से बहुत सारा तेल भाभी की चूत के अंदर तक डाल दिया और अपने लंड पर भी लगाया और फिर अपना लंड उनकी चूत पर लगाकर पूरी जोर से धक्का लगा जिससे मेरे लंड का अगला हिस्सा भाभी की चूत में घुस गया। भाभी को बहुत दर्द हो रहा था, उनकी आँखों में आँसू आ गए थे लेकिन वो चीख नहीं रही थी।

मेरे भी लंड का अगला हिस्सा नीचे से छिल गया था जिससे मुझे भी बहुत दर्द हो रहा था। पर मैं रुका नहीं मैंने धक्का लगाना जारी रखा भाभी की चूत में पानी आ रहा था और वो मदहोश होने लगी थी। जिसे देखकर मैं डर गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया।

कुछ देर बाद भाभी ने कहा कि तुम रुक मत, पहली बार ऐसा होता है। जिससे मेरी जान में जान आई और मैंने फिर से बहुत सारा तेल भाभी की चूत पर लगाया और अपना लंड अंदर डाल दिया धक्का लगाने लगा। मेरा लंड पहले से थोड़ा और अंदर चला गया। भाभी ने पूछा कि अब कितना बाहर है तो मैंने कहा कि अब पूरी 5 इंच बाहर है।

भाभी ने कहा कि तुम रुक मत, अंदर डालते रहो और मैं फिर से जोर लगाने लगा। मैं अपना लंड थोड़ा बाहर निकालता और फिर जोर से धक्का देता, फिर कुछ देर रुका जाता जब भाभी का दर्द शांत हो जाता तो फिर से धक्का लगाता। ऐसा करते करते करीब 20 मिनट बाद मेरा आधा लंड अंदर चला गया।

फिर मैंने एक जोर का धक्का लगाया और पूरा लंड अंदर घुसा दिया। भाभी भी चीख पड़ी। मैंने अपना हाथ उनके मुंह पर रख दिया और अपना लंड धीरे-धीरे अंदर बाहर कराने लगा। कुछ देर बाद भाभी को मजा आने लगा और वो नीचे से मेरा साथ देने लगी।

भाभी उछल उछल कर अपनी गांड मटकाकर मेरे लंड के ज़ोरदर धक्के खाने लगी और मैं भी उन्हें खूब ज़ोर ज़ोर से चोदता थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझे लंड उनकी गांड में डालने को कहा तो मैंने भी फिर अपना लंड उनकी गांड में डाला और चोदने लगा.

कुछ देर बाद भाभी को ज़्यादा दर्द होने लगा तो मैंने लंड निकाला और फिर से भाभी की चूत में डाल दिया और ज़ोरदार धक्के मारने लगा।
करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद मेरा शरीर थक गया। मैंने भाभी से कहा कि मेरा होने वाला है तो उन्होंने कहा कि अंदर ही झड़ जाओ और भाभी ने मुझे कसकर पकड़ लिया। मैं उनकी चूत में ही झड़ गया। मैं काफी देर तक उनके ऊपर ही बैठा रहा।

फिर मैंने अपना लंड निकाल लिया। भाभी की चूत से तेल, और मेरा स्पर्म मिक्स हो के बाहर आ रहा था। भाभी की बिस्तर गंदी हो गई। हम दोनों रात भर नंगे ही पड़े रहे सुबह के 6 बजे मेरे लंड में बहुत दर्द हो रहा था और नीचे से 2,3 जगह छिल भी गया था।

भाभी से भी उठ नहीं जा रहा था। उन्होंने अपने कपड़े पहने और वैसे ही लेट रही थी। मैंने अपने कपड़े पहने और दरवाजा खोला तो बाहर अभी भी बारिश हो रही थी। प्रीति भी उठ चुकी थी वो भाभी के पास आई और उसने पूछा कि क्या हुआ तो भाभी ने कहा कि वो रात को फर्श गिला होने के कारण फिसल गई थी इसलिए उन्हें चोट आई है।

उस दिन के बाद हम रोज़ रात को एक साथ सोते और चुदाई करते। मैंने कई बार भाभी की गांड भी मारी जब तक भाईया नहीं आ गए। उनके आने के बाद जब भइया काम पर और प्रीति स्कूल जाती तो फिर हम चुदाई करते।

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