हेलो दोस्तो, मेरा नाम प्रियंका है, मैं एक शादीशुदा महिला हूँ। मेरे दो बच्चे हैं, दो बच्चों होने के बाद भी मैं आज भी 20 साल की जवान लड़की जैसी लगती हूँ। मेरा रंग एकदम गोरा और ऊपर से सेक्सी चिकना शरीर, किसी को भी मेरा दीवाना बना देने के लिए काफी है।
यह कहानी मेरे और मेरे घर के पास रहने वाले एक डॉक्टर के साथ मेरे और उसके पहले सेक्स संबंध की है।
यह बात आज से एक साल पहले की है, जब मेरे पति की पोस्टिंग दिल्ली से जम्मू में हो गई थी।
कंपनी की तरफ से हमें एक फ्लैट मिला था। वो जम्मू के अंत में पड़ता था, इसलिये वहाँ कोई आस पास कोई मार्केट, कोई डॉक्टर भी नहीं था। मेरे छोटे बेटे की तबीयत ठीक नहीं रहती थी। उसको रोज़ एक इंजेक्शन लगता था।
आस पास डॉक्टर न होने के कारण मुझे या मेरे पति हिमांशु को रोज़ काफी दूर तक जाना पड़ता था। इसमें हम दोनों को काफी दिक्कत होती थी, समय और पेट्रोल दोनों काफी बर्बाद होते थे।
घर में छोटा बेटा ज्यादा बीमार रहता था। इसलिये बड़े बेटे पर उसका कोई असर न हो। इसलिये हम दोनों ने पहले से ही अपने बड़े बेटे को बोर्डिंग स्कूल में डाल दिया था।
अब घर में मैं, मेरे पति और मेरे छोटा लड़का ही रहते थे। उसकी बीमारी में इतना खर्च नहीं होता था, जितना हमारा आने-जाने का होता था। तब ही मेरे पति को पता चला कि हमारे साथ वाली बिल्डिंग में एक डॉक्टर रहता है। मेरे पति ने उससे बात की, कि वो रोज़ जाते समय मेरे बच्चे को एक इंजेक्शन लगा दें।
वो डॉक्टर बिना कोई फीस के ये काम करने के लिए मान गया।
फिर मेरे पति ने मुझे यह बात घर आकर बताई। यह सुनकर मैं खुश हो गई। उन्होंने कहा कि कल डॉक्टर खुद 11 बजे तक आएगा। उनकी बात सुनकर मैंने कहा:
मैं – चलो यह बहुत अच्छा हुआ जी, इस छोटे से इंजेक्शन की काफी दिक्कत होती है।
फिर अगले सुबह मेरे पति को अपने ऑफिस के लिए निकल गए, और जाते हुए उन्होंने मुझसे कहा – सुनो प्रियंका मैं अभी जाते हुए एक बार फिर से डॉक्टर को कहकर जा रहा हूँ। कही उनके दिमाग से यह बात न निकल जाए। वैसे उसका नाम अमन शर्मा है।
मैं – ठीक है जी।
फिर वो घर से चले गए और करीब 11 बजे घर की दरवाजे पर बेल बज गई।
मैं – हाँ जी कौन?
बाहर से आवाज आई – जी मैं डॉक्टर अमन शर्मा, मैं आपके लड़के को इंजेक्शन लगाने के लिए आया हूँ।
मैंने तब दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि एक बहुत ही स्मार्ट, अच्छे दिखने वाला गोरा आदमी मेरे सामने खड़ा है। उसने क्लीन शेव की हुई थी। आंखों पर नजर वाले चश्मा लगा हुआ था।
मैं – आइए अंदर बैठिए।
अमन – अच्छा आपका बेटा कहाँ है, आपका पति ने इंजेक्शन लगाने के लिए मुझे कहा था।
मैं – वो अंदर बेडरूम में है। चलिए मैं आपको दिखा देती हूँ।
फिर मैं अमन को अंदर बेडरूम में ले गई। उसने मेरे बच्चे को देखा और इंजेक्शन लगा दिया।
मैं – डॉक्टर आप बच्चे का चेकअप कर लीजिए, मैं आपके लिए चाय बनाकर लाती हूँ।
अमन – ओके।
मैं यह कहकर किचन में चली गई और वहाँ जाकर डॉक्टर के बारे में सोचना शुरू कर दिया। मैंने आज तक इतना स्मार्ट और अच्छे दिखने वाला मर्द नहीं देखा था। क्योंकि मेरे पति थोड़े काले हैं, पर इतना गोरा मर्द मैंने पहली बार देखा। सच बताऊँ तो उसको देखकर मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।
फिर मैं चाय बनाकर डॉक्टर के पास ले गई, जैसे ही मैंने उसे कप पकड़ाया तो मेरे हाथों पर उसकी उंगलियां लगी मेरा दिल जोर-जोर से धड़क उठा। फिर उसने चाय पी और बच्चे को देखकर जाने लगा।
मैं – डॉक्टर अमन कितने पैसे हुए?
डॉक्टर – जीरो, कोई फीस नहीं।
मैं – धन्यवाद।
फिर उस दिन के बाद डॉक्टर अमन दूसरे या तीसरे दिन मेरे घर आकर मेरे बच्चे को मुफ्त में देखने लग गया। उसके हाथों में शायद जादू था, क्योंकि उसके इलाज से अब मेरा बच्चा पहले से काफी अच्छा हो गया था।
धीरे-धीरे उसमें और मेरे पति में काफी अच्छी दोस्ती हो गई। पर अमन जब भी मुझे देखता था, तब मुझे उसकी आंखों में ऐसा लगता था मानो ये मुझसे कुछ कहना चाहता हो। पर वो कभी मुझसे कुछ नहीं बोलता था। पर एक बात और थी, अमन तब ही घर आता था जब मेरे पति घर पर नहीं होते थे।
आख़िरकार एक दिन उसने मुझे अपनी दिल की बात कह ही दी। उस दिन वो रोज़ की तरह मेरे बच्चे को देखने के लिए आया था। चेकअप के बाद मैंने उसे चाय दी, उसके बाद उसने कहा:
अमन – प्रियंका जी मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूँ।
मैं – हाँ जी बोलिए क्या बात है, कोई दवा खत्म हो रही है क्या?
अमन – नहीं दरअसल बात यह है कि मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ। आप बहुत सुंदर हैं, पूरे शहर में मैंने आप जैसी खूबसूरत महिला को नहीं देखा। मुझे तो आपसे प्यार हो गया है।
मैं – माफ़ करना पर मैं आपसे प्यार नहीं कर सकती क्योंकि मैं शादीशुदा महिला हूँ।
अमन – हाँ जी मुझे यह अच्छे से पता है, पर अब आप ही बताओ मैं क्या करूं। मुझे तो आपसे प्यार हो गया है।
मैं – मैं आपकी एक और चाय लेकर आती हूँ।
यह कहकर मैं चाय बनाने के लिए चल पड़ी। मैं हैरान थी, क्योंकि अमन मेरे पीछे किचन में आया था और बोला:
प्लीज़ मेरी बात का बुरा ना मानें पर यह सच है कि मुझसे अब आपसे प्यार हो गया है। मुझे आप बहुत ज्यादा अच्छी लगती हैं।
जब वो मेरे पीछे खड़ा होकर ये सब बातें कर रहा था, तब मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। एक तो वो दिखने में इतना सुंदर और हैंडसम था। ऊपर से वो इतना मीठा बोलता था, कि कोई भी उसकी बात को ना नहीं कर सकता था।
इतने में चाय बन गई और मैंने उसे कप में डालकर चाय दी। पर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझसे बोला – प्रियंका प्लीज़ सच कहो, क्या आपको मैं अच्छा नहीं लगता? देखो तुम चाहे कुछ मत बोलो पर तुम्हारी आँखें मुझे साफ-साफ कह रही हैं कि तुम मुझे पसंद करती हो।
मैं – नहीं कृपया मुझे छोड़ दो कृपया।
अमन – नहीं पहले मुझसे बताओ कि तुम मुझे पसंद करती भी हो या नहीं?
मैं – कृपया यहाँ से अब चल जाओ। कोई भी कभी भी यहाँ आ सकता है, समझा कर अब यहाँ से चल जाओ।
अमन – ठीक है मैं जाता हूँ।
फिर मैं अमन को बाहर तक छोड़ने के लिए गई। जब वो दरवाजे से जाने लगा तो उसने मेरे गोरे गालों पर किस कर लिया। मैं तब भी कुछ नहीं बोली, और फिर वो वहाँ से चला गया।
अब अमन डॉक्टर की हिम्मत दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी। वो रोज आता और कभी मेरा हाथ पकड़ता और कभी मुझे अपनी बाहों में भरकर मेरे गालों पर किस करके चला जाता था।
मैं अभी तक अपने मुंह से कुछ नहीं बोली थी, पर मुझे इसमे बहुत मजा आता था। उसका इस तरह मुझे छूना और मुझे किस करना बहुत अच्छा लगता था। मैं इस तरह बहुत गरम हो जाती थी, और इस तरह करने से मेरी चुत में पानी निकल जाता था।
अमन रोज़ मुझे आकर इस तरह गरम करता था। मुझे इसमें बहुत मजा आता था। शायद उसका इरादा मुझे गरम करके पागल करना था।
थोड़े दिन इसी तरह चलता रहा। और अब मेरा दिल भी अमन से चुदने का करने लगा। अब मैं भी चाहती थी, कि अमन मुझे मसल कर रख दे और मुझे जमकर चोद दे क्योंकि मेरे पति एक नंबर का निकम्मा है साला बहन चोद. वो रोज़ रात को थकान का बहाना बनाकर सो जाता था। मैं इस तरह सेक्स की आग में तड़पती रहती हूँ। मैं रात को चुत में उंगली डालकर अपनी चुत को शांत करती हूँ।
फिर वो दिन आया, जिस दिन मैं अमन के नीचे आ गई। हुआ कुछ ऐसा ही रोज की तरह अमन घर पर आया और मेरे बच्चे को इंजेक्शन लगाकर मेरे पास आया और उसने मुझे पकड़ कर अपनी बांहों में भर लिया, फिर उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे।
वो मेरे होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा। मैं ये देखकर काफी हैरान थी, क्योंकि वो व्यक्ति जो रोज मेरे गालों पर किस करता था। आज वो मेरे होंठों को चूस रहा था, उसके दोनों हाथ मेरी कमर पर थे।
वो मेरे होंठों को जमकर चूस रहा था, मुझे भी मजा आने लगा। मैं भी मजे में उसके होंठों को चूस रही थी। हम दोनों धीरे-धीरे गरम होने लगे, फिर 10 मिनट तक होंठों को चूसने के बाद वो बोला।
अमन –आज मुझे बहुत दिल कर रहा है। मैं – क्या करना चाहेगा? अमन – सेक्स करना। मैं – नहीं नहीं यहाँ कोई भी आ सकता है।
यह कहकर मैं उसे अलग होकर अपना घर का काम करने लगी। उसके बाद फिर अमन मेरे पीछे आया और मुझे पीछे पकड़ा और अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया।
मेरा दिल तेज़-तेज़ धड़कने लगा। फिर उसने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया, और मेरे ऊपर लेट कर मेरे होंठों को चूसने लगा। मुझे अब बहुत मजा आ रहा था, आखिर आज मेरा सपना पूरा हो रहा था। थोड़ी देर बाद अमन मेरे ऊपर से उठा और बोला – यार मैं अपने कपड़े निकाल दूँगा। वरना मेरे कपड़े खराब हो जाएंगे।
यह कहकर अमन ने अपना पैंट और शर्ट उतारी। वो अंडरवियर में था और मैं साड़ी में बिस्तर पर लेटी हुई थी। फिर वो मेरे ऊपर आकर लेट गया, और मेरे होंठों और मेरी गर्दन को चूसने और चुभाने लगा।
मैं अमन के नीचे लेटते मस्त होने लगी। फिर अमन का हाथ मेरे बूब्स पर आया और फिर वो मेरे बूब्स मालिश करने लगा। मेरे मुंह से सीसकारीयाँ निकलने लगीं। फिर अमन ने मेरा ब्लाउज उतारने की कोशिश की पर मैंने उसे रोकते हुए बोली…
मैं – नहीं इसे ऊपर कर लो, उतारो मत कोई भी आ सकता है।
अमन ने मेरी बात समझते हुए, मेरा ब्लाउज ऊपर कर लिया। मेरे बूब्स एकदम बाहर आ गए। अमन मेरे गोरे चिकने और मोटे बूब्स देखकर काफी खुश हो गया। फिर उसने मेरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। वो मेरे बूब्स को एक बच्चे की तरह चूस रहा था।
मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर वो मेरे बूब्स को चूसते हुए, नीचे चला गया। उसने मेरी साड़ी और पैंट को पकड़कर ऊपर कर दिया। मेरी चिकनी चुत देखकर अमन के मुंह में पानी आ गया।
वो एकदम कुत्ते की तरह नीचे बैठकर मेरी चुत को चाटने लगा। मेरी चुत का पानी वो अपनी जीभ से चाट-चाट कर पीने लगा। मैं उस समय दूसरी दुनिया में पहुँच चुकी थी।
फिर थोड़ी देर बाद मेरी चुत का पानी निकल गया। जिसे अमन ने अपनी जीभ से अच्छे से चाट-चाट कर पी लिया।
अब मेरी बारी थी, अब मैंने अपनी शर्म को साइड में रख दिया था। मैं उठकर बैठी और अमन के अंडरवियर मैंने खुद नीचे की। उसका 7 इंच लंबा लिंग देखकर मेरी आँखें चमक गईं। पर उसके लिंग पर बहुत बड़े-बड़े बाल भी थे।
जिसको देखकर मुझे थोड़ा सा दुख हुआ। फिर उसके बाद मैंने उसका लंड अपने मुंह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगी। लंड चूसकर कसम से मजा ही आया। उसके लंड में का स्वाद बहुत ही मजेदार था। पर मेरे मुंह में उसके लंड के बाल आ रहे थे। मैं थोड़ी गुस्से में बोली।
मैं – क्या बात कभी लंड के बाल नहीं काटते क्या?
अमन – जान कल काट लूंगा, आज तो तुम इसे अपनी चुत में ले लो बस।
फिर उसने मुझे बिस्तर के किनारे पर लेटा दिया और मेरी दोनों टांगें उठाकर पूरी खोली। मेरी चुत और उसका लंड पहले से ही गीला हो रखा था। इसके बाद अमन ने अपना लंड मेरी चुत पर रखा और धीरे-धीरे जोर लगाकर अपना लंड मेरी चुत में डालने लगा।
मेरी चुत दो बच्चों होने के कारण पहले से काफी खुली थी। इसलिये मुझे पूरा लंड लेने के बाद भी कुछ खास दर्द नहीं हुआ।
फिर अमन ने धकेले मारने शुरू कर दिए। मुझे भी चुदाई का मजा आने लगा। मैं भी नीचे से अपनी गांड को उठा-उठाकर उसका लंड अपनी चुत में लेने लगी।
थोड़ी देर बाद मेरी चुत का पानी निकल गया, पर डॉक्टर का लंड दम तोड़ने का नाम नहीं ले रहा था।
मैं समझ गई, कि आज डॉक्टर पूरी तैयारी करके मेरी चुत मारने आया है। फिर थोड़ी देर तक चुदाई के बाद डॉक्टर बोला।
अमन – जान अब तुम उल्टी हो जाओ। मैं – क्यों क्या हुआ? अमन – अब मुझे तुम्हारी गांड मारनी है इसलिये। मैं घबराकर बोली – नहीं नहीं मुझे गांड में बहुत दर्द होता है। अमन – आरे मैं डॉक्टर हूँ, वादा करता हूँ। तुमको दर्द नहीं होगा। मैं – नहीं मुझे पता है बहुत दर्द होता है।
शादी के 15 साल होने के बाद भी मैंने सिर्फ दो बार ही अपनी गांड में उसका लंड लिया है। ये बहुत टाइट है, और ऊपर से आपका लंड भी काफी मोटा है। ये तो मेरी गांड को फाड़ कर रख देगा।
अमन – आरे मेरी जान मैं तुमसे प्यार करता हूँ, कसम से दर्द नहीं होगा। मैं – मुझे अच्छे से पता है, तुम सब पुरुषों को इसी चीज में मजा आता है। जिसमें हम महिलाओं को दर्द होता है और वो दर्द के मारे तुमसे रहम की भीन मांगती हैं।
यह सुनकर अमन मुस्कुरा कर बोला – मेरी जान तुमको सब पता है, तो क्यों अपने आशिक को इस तरह तड़पा रही हो। चलो अब अपनी गांड मुझे दे दो।
फिर मैं भी मुस्कुरा कर उसके आगे घोडी बन गई, और फिर अमन ने पीछे से अपना लंड मेरी गांड पर सेट किया और धक्के मारने लगा पर उसका लंड मेरी गांड में नहीं जा रहा था। अमन बहुत कोशिश कर रहा था, पर मेरी टाइट गांड में उसका मोटा लंड अंदर जाने का नाम तक नहीं ले रहा था।
कई देर तक कोशिश करने के बाद अमन हारकर बोला – जान तेल लेकर आओ। मैं भागकर किचन से घी लेकर आई। मैंने आज अमन के लंड पर अच्छे से घी लगाया और खुद अपनी गांड पर भी लगा दिया। फिर मैं उसके आगे घोडी बन गई। फिर अमन ने मेरी गांड पर अपना लंड रखा और एक जोरदार धक्के से मेरी गांड में अपना पूरा लंड एक ही धकेले में डाल दिया। लंड गांड के अंदर जाते ही मेरी जान निकल गई। मैं बहुत जोर से चीखने लगी।
पर अमन को इसमें बहुत मजा आ रहा था। वो पीछे से मेरी गांड को पकड़कर जोर-जोर से चोद रहा था। मुझे इसमें बहुत मजा आने लगा, पर जब मेरी गांड में जलन होने लगी तो मैंने बोली।
मैं – बस करो जान अब मेरी गांड अंदर जा रही है। निकालो अपना लंड कृपया मेरी गांड से। अमन – एक शर्त पर? मैं – मैं तुम्हारी सारी शर्त मानने को तैयार हूँ, तुम बस बोलो? अमन – जैसे तुम्हारी गांड से लंड निकलेगा, तब इसे तुम्हें अपने मुंह में लेना होगा। फिर मैं वैसे ही तुम्हारा मुंह चोद कर अपने लंड का पानी निकालूंगा। जिसे तुमको पीना होगा। मैं – हाँ ठीक है, पर तुम निकाल लो प्लीज़।
अमन ने अपना लंड निकाला और मैं पलटकर उसके लिंग के सामने आई। मैंने देखा कि उसका पूरा लंड मेरी गांड की तत्ती से बाहर हुआ था। मैंने ये देखकर बोली।
मैं – अमन सॉरी ये बहुत गंदा है। अमन – तुमने वादा किया था, अब अपना मुंह खोलो बस। मैं कुछ नहीं कर सकी। मैंने अपना मुंह खोला और उसका लंड चूसने लगी।
ये अब तक का मेरी लाइफ के सबसे गंदे सेक्स बन गया था। थोड़ी देर तक मेरे मुंह को चोदने के बाद, मेरे मुंह में लंड का पानी का स्वाद मिक्स हो गया। फिर मुझे वो सब ना चाहे हुए भी पीना पड़ा।
उस दिन के बाद वो मुझे रोज़ चोदने लगा। एक दिन उसने एक अजीब सी फरमाइश की, जिस सुनकर मेरे पैरों के नीचे से जमीन निकल गई। वो क्या थी मैं आपको अलग कहानी में बताऊंगी।