Xxx ग्रुप सेक्स कहानी में मैं अपनी प्रिय सहेली मुस्कान की शादी में गई तो वहाँ पर कुछ मर्दों ने मुझे अपनी रंडी बनाकर खूब चोदा.
हैलो दोस्तों, मेरा नाम दामिनी है और मैं कानपुर की रहने वाली हूँ.मेरा रंग गोरा और फिगर 36-30-38 है.
यह बात उस समय की है जब मेरी उम्र 26 साल की थी और एक साल पहले ही मेरी शादी हुई थी. मैं कानपुर से लखनऊ अपनी अपनी सहेली मुस्कान के घर पर उसकी शादी में आयी हुई थी.
मुस्कान ने मुझे 1 हफ़्ते पहले ही अपने घर पर बुला लिया था, काफ़ी सारे मेहमान भी आए हुए थे उसके घर, मैं और मुस्कान हम दोनों कॉलेज के टाइम से साथ है और अब उसकी भी शादी हो रही है उसके बॉयफ्रेंड हेमंत के साथ.
ये बात शादी वाले दिन की है जब बारात नीचे आ चुकी थी और मैं भी स्वागत करने के लिए सबके साथ खड़ी थी तभी हेमंत के काफ़ी सारे दोस्तों की नज़र बस मुझपे पे टिकी हुई थी, उसके दोस्त भीड़भाड़ का फ़ायदा उठाते हुए बार बार मुझे छूते, उन लोगो के स्पर्श से तो मेरे तन बदन में तो जैसे आग ही लग गई थी क्योंकि मेरे पति अपने काम के सिलसिले में ज़्यादातर बाहर ही रहते है जिस वजह से वो ठीक से मेरी चुदाई भी नहीं कर पाते थे.
वो चारो मुझसे बार बार बात करने की कोशिश कर रहे थे पर मैं उनको बिलकुल भी भाव नहीं दे रही थी, मैंने फिर थोड़े टाइम के बाद ये बात मुस्कान को बताई और वो भी मुझसे मज़े लेने लगी कि क्या ही बुरा है इसमें, यार तू है ही इतनी सेक्सी, किसी का भी दिल फिसल जाये तुझे देख कर, दोस्तों मैं और मुस्कान कॉलेज के टाईम पर काफ़ी चुदक्कड़ हुआ करती थी और काफ़ी बार कई लड़कों ने हमारी ज़बरदस्त चुदाई भी की थी.
मेरा भी चुदाई करवाने का मन तो बहुत कर रहा था क्योंकि बहुत दिन से कोई भी लंड मैंने अपनी चूत में नहीं लिया था फिर मैंने भी सोच लिया था कि आज तो मैं इन चारों से खूब चुदूँगी.
उस समय लगभग रात के 3 बज रहे थे और फेरे वगेरा भी सब हो गये थे, उस समय फिर सब लोग होटल के रूम में चले गये आराम करने, मैं भी अपने रूम में जाने लगी तभी वो चारो भी मेरे पीछे पीछे आने लगे, मैं रूम में आ गई थी पर मैंने जान बूझ के दरवाज़ा बंद नहीं किया क्योंकि मेरा बहुत मन था उन चारों से चुदने का.
तभी उनमे से एक आदमी मेरे कमरे में आ गया और मुझसे कहने लगा यार एक बात कहूँ, आप तो बहुत खूबसूरत हो. मैं उसे डाटने का नाटक करने लगी कि तुम मेरा पीछा क्यों कर रहे हो ? ऐसे किसी के रूम में बिना बताए तुम कैसे घुस सकते हो? तभी मैंने उसे कहा यहाँ से निकलो जल्दी, उसने बहुत पी रखी थी उस दिन और वो जाने को बिलकुल भी तैयार नहीं था उसके साथ वाले भी तीन और लोग अंदर आ गये तभी मैंने उसे ज़ोर से धक्का दिया और कहा निकलो तुम सब यहाँ से.
उसे भी ग़ुस्सा आ गया था और वो मुझे गाली देने लगा कि साली रंडी तू समझती क्या है अपने आप को घसती बहन की लौड़ी, मेरे को तो तू पसंद आ गई थी इसलिए तुझसे बात करना चाहता था मुझे क्या पता था रंडी साली तेरे में इतना घमंड है, तेरा घमंड तो आज हम चारो मिल के तोड़ेंगे, जब हम चारों मिलके तेरी चूत फाड़ेंगे ना तब पता लगेगा तुझे की किसको नख़रे दिखा रही थी तू.
इतना बोलते ही उसके साथ वाले ने रूम को अंदर से लॉक कर दिया और उन तीनों ने मिलके ज़बरदस्ती मेरी साड़ी खोल दी और मैं उनके सामने बस नख़रे कर रही थी की कौन हो तुम लोग? छोड़ दो मुझे….
वो लोग मुझे छोड़ने के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं थे और थोड़ी देर बाद फिर उन लोगो ने मुझे पूरा नंगा करके बेड पर पटक दिया और अपने भी सारे कपड़े उतार दिए.
उनमे से एक मेरी चूचियों को चूसने लगा तो एक मेरे निपल्स को मसलता और तीसरा बंदा तो मेरी चूत चाटे जा रहा था और चौथे बंदे ने अपना लंड मेरे मुँह में डाला हुआ था.
दोस्तों उस टाइम तो मुझे सच में बहुत मज़ा आ रहा था मानो जैसे मैं जन्नत में पहुँच गई हूँ.मैं तो पूरी गरम हो चुकी थी और मेरी चूत भी पूरी गीली हो गई थी नीचे से.
मैं बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ ले रही थी “आहहहहह आहहहहह आहंहहहहह आहंहहहहह अहहहहहह” वो मेरी चूत ज़ोर ज़ोर से चाटता और चूत का सारा पानी पी लेता तभी एकदम से उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और फिर मेरी ज़बरदस्त चुदाई करने लगा.
वह ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत में धक्के लगता और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था “आहहहहह आहहहहह आहंहहहहह आहंहहहहह अहहहहहह” तभी फिर उसका साथ वाला दूसरा बंदा मुझे घोड़ी बनाकर अपना लंड मेरी गाँड में डाल देता है और सच में दोस्तों अब मुझे काफ़ी दर्द होने लगा था क्योंकि एक मेरी चूत को चोद रहा था तो दूसरा मेरी गाँड को, और बाक़ी दो लोग तो कुत्ते की तरह मेरा पूरा शरीर नोच नोच कर खा रहे थे.
बारी बारी उन चारो ने मुझे खूब चोदा कभी कुतिया बनाकर तो कभी घोड़ी बनाकर कभी मेरी दोनों टाँगे उठाकर, उस दिन तो उन चारों ने मिल के सच में ही मेरी चूत फाड़ दी थी वो लोग ज़ोर ज़ोर से मेरी गाँड़ पे थप्पड़ मारते और मुझे गाली देते की देख रंडी की बीज साली तेरी जैसी घसती का घमंड तो हम चुत फाड़कर ही तोड़ते है.
मुझे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था मैं बहुत रो रही थी चिल्ला रही थी पर उन कुत्तो ने मुझे छोड़ा नहीं और एक रण्डी की तरह उस रात उन्होंने मुझे 5 घंटे तक लगातार चोदा.
वो ज़ोर ज़ोर से अपना लंड मेरी चूत में अंदर बाहर करता, एक हटता तो दूसरा करता और ऐसे ही उन चारो ने मुझे बेगैरत घसती की तरह पूरी रात चोदा.
चोदने के बाद उन्होंने अपना सारा माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया और मेरे ऊपर वो पैसे फेक कर बोलने लगे कि ये ले रण्डी तेरी ज़बरदस्त चुदाई की ज़बरदस्त फ़ीस और वहाँ से चले गये.
मेरी तो हालात ही ख़राब हो गई थी, जैसे तैसे मैं वहाँ से उठकर मुस्कान की विदाई के बाद अपने घर आ गई, उस चुदाई की वजह से मुझे 1 महीने तक नींद ही नहीं आयी क्योंकि उस दिन उन लोगो ने सच में मुझे एक वैश्या की तरह चोदा. उस दिन के बाद से तो चुदाई का सारा भूत मेरे सर पर से उतर गया था. एक महीने के बाद जब मेरे पीरियड्स नहीं आये तब मैंने चेक किया तो मुझे पता लगा कि उन 4 मर्दों ने मुझे चोदकर प्रेगनेंट कर दिया है.