इंसान के जिस्म की जरूरत जब पूरी नहीं होती है तो वह तरह-तरह के तरीके अपनाता है ताकि उसके जिस्म की गर्मी उसके जिस्म की भूख पूरी हो सके।
आज मैं आप सभी को बताने वाली हूँ कि कैसे मैंने अपने बेटे को सेक्स करने के लिए मजबूर कर दिया अपनी चूचियां दिखा दिखाकर।
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सुजाता है मैं 41 साल की एक बहुत ही सुंदर और खूबसूरत औरत हूं। जब मेरी शादी हुई थी तो मेरी उम्र उस समय काफ़ी कम थी और मेरे पति की उम्र बहुत ज्यादा थी। 41 साल की उम्र में अभी भी मैं हॉट और सेक्सी लगती हूँ पर मेरा पति बूढ़ा हो चला है।
सेक्स की तो बात दूर है वह कभी अब मेरे से चुम्मा भी नहीं करता है। ना कभी वह मेरी चुचियों को हाथ लगाता है। मेरी जवानी अभी बर्बाद रही है और मेरा हस्बैंड सत्संग करने जाता है।
इस वजह से मैं काफी ज्यादा परेशान रहने लगी थी।
मैं यह कभी नहीं चाहती थी कि घर से बाहर किसी मर्द को पटाऊं और उससे सेक्स संबंध बनाऊ क्योंकि जब यह बातें फैल जाती है किसी तरीके से लोगों तक पहुंच जाती है तो इज्जत की बहुत ज्यादा नीलामी होती हैं।
जब से मैं यहाँ पर चुदाई की कहानियां पढ़नी शुरू की तब से मैं और भी ज्यादा कामुक और अंतर्वासना से भर गई थी। 24 घंटे मेरे दिमाग में सिर्फ सेक्स ही चलता था। कितने दिन आप उंगली से काम चलाएंगे कितने दिन आप बैगन से काम चलाएंगे।
मेरा बेटा 21 साल का है कॉलेज में पढ़ता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मैं कभी सपने में भी नहीं सोचा कि मैं अपने बेटे को खुद पटाउंगी और चुदवाऊँगी।
जब वासना की आग शरीर में लगती है तब कुछ भी दिखाई नहीं देता कि सामने वाला कौन है अपना परिवार है या गैर है।
मुझे लगा यही मौका है अपनी सेक्स की भूख को मिटाने का।
मेरे पति सुबह 8:00 बजे ही काम पर चले जाते हैं घर पर मैं और मेरा बेटा रहता है। वह देर तक सोता है तब तक मैं घर की साफ सफाई कर लेती हूं झाड़ू पोछा लगा लेती हूं।
एक दिन मैंने ऐसा नोटिस किया था कि जब मैं झुककर झाड़ू लगा रही थी तो मेरा बेटा मेरे ब्लाउज की तरफ देख रहा था।
मेरी चूचियों को निहार रहा था।
मेरे मन में उसी दिन से पाप चढ़ गया और मैंने अपने बेटे को फंसाने के लिए कोशिश करने लगी रोजाना।
अब मैं ऐसे ब्लाउज पहनने लगी जिससे मेरी चूचियां साफ-साफ दिखाई दे और उसके कमरे में जब जाती थी झाड़ू पोछा लगाने के लिए तो ज्यादा ही झुक झुक कर झाड़ू पोछा लगाने लगी ताकि वह मेरी चुचियों को देखें और 1 दिन ऐसा मौका मिले कि वह मेरे साथ सोए और मेरे जिस्म की गर्मी को शांत करें।
धीरे-धीरे मैंने यह नोटिस किया कि कंबल के अंदर ही वह हस्तमैथुन करने लगा था जब वह मेरी चुचियों को मेरे ब्लाउज को मेरे गांड को देखता था तो। मूठ मारने लगा था मुझे देखकर।
एक दिन जब मैं उसके कमरे में गई और जब मैं पोछा लगाने लगी मेरी चूचियां बाहर की तरफ लटकने लगी थी क्योंकि ब्लाउज ही मैंने उस दिप गले का पहना था।
उसने मेरे जिस्म को देखते ही कंबल के अंदर ही अपना लंड बाहर निकाल लिया और हिलाने लगा.
उसको देख कर मेरी चूत गीली होने लगी।
वो सिसकारियां ले ले कर अपने लंड को हिला रहा था। मेरे से बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने भी उसका कंबल खींच लिया। वह अपने पैर को घुटने के बराबर किया हुआ था और अपना लंड निकाल कर हाथ से पकड़ रखा था।
उसका लंड करीब 9 इंच का था और मोटा था मैं देखकर हैरान रह गई कितना मोटा लंड मेरे बेटे का हो गया है
मैंने कहा क्या करते हो रोजाना तुम मेरे शरीर को देखकर जो तुम रोज हस्तमैथुन करते हो अच्छी बात नहीं है अगर तुम्हें कुछ चाहिए तो बोल दो मैं तुम्हारी मां हूं मना नहीं करूंगी।
मेरे बेटे ने कहा क्या आप मेरे साथ सेक्स कर सकते हो? बाजी मेरे हाथों में थी मैंने तुरंत कह दिया हां मैं कर सकती हूं मैं अपने बेटे को ऐसे परेशान होते नहीं देख सकती। यह बोलकर उसके ऊपर बैठ गई और उसका मोटा लंड मेरी जांघों के बीच में आ गया था।
मैं तुरंत ही उसके लंड को पकड़ कर हिलाने लगी महसूस करने लगी गर्म था उसका लंड। मेरी चूत से पानी निकलने लगा था। मेरे सहन नहीं हो रहा था मैंने तुरंत अपने होंठ को उसके होंठ पर रख दिया और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे।
मेरा बेटा मेरा ब्रा खोल दिया, और मेरी बड़ी बड़ी चूचियों को मसलने लगा। मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गई। जब उसका हाथ मेरे जिस्म पर पड़ा था तो मैं बहुत ज्यादा सेक्सी हो गई थी।
अब मेरे पूरे शरीर में सूजन होने लगी थी मैंने तुरंत उसका लंड पकड़ कर अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी।
मुझे लंड चूसना बहुत अच्छा लगता है।
जब मैं लंड चूसू और साथ में मेरी गांड में कोई उंगली करे तो मजा आ जाता है मुझे।
5 मिनट तक उसका लंड में चूसती रही फिर मैं उसके लंड को पकड़ कर अपने चूत के छेद पर लगा कर बैठ गई पूरा लंड मेरी चूत के अंदर समा गया था।
अब मैं ऊपर से धक्के देने लगी पूरा अंदर बाहर करवाने लगी खुद ही। वह मेरी चुचियों को मसल रहा था।
हम दोनों बार-बार एक दूसरे को चूम रहे थे एक दूसरे के जिस्म को सहला रहे थे।
ऊपर से मैं धक्के दे रही थी नीचे से वह धक्के देने लगा। मुझे बहुत मजा आने लगा था ऐसा करके। पहली बार लगाकर मैं 10 साल बाद संतुष्ट हो पायी क्योंकि ऐसे चुदाई 10 साल पहले ही मेरे पति करते थे। मैं बहुत खुश हो गई थी पूरा लंड जो करीब 9 इंच का था 3 इंच का मोटा था मेरी चूत के अंदर आ जा रहा था।
मैंने अपनी चूचियां उसके मुंह में डाल दी वह मेरी चूचियों को पीने लगा मेरे निप्पल को दांत से काटने लगा इससे मैं और भी ज्यादा कामुक और सेक्सी हो गई थी।
फिर मैं नीचे लेट गई पैरों को फैला दी वह बीच में आ गया और मेरी चूचियों को मसलते हुए अपना लंड मेरी चूत के छेद के पास रख कर जोर से घुसा दिया।
अब वह मुझे मिशनरी स्टाइल में चोदने लगा। यह पोजीशन मुझे और भी ज्यादा अच्छा लगने लगा था।
फिर उसने मुझे घोड़ी बना दिया घोड़ी बनाकर अपना लंड पीछे से मेरी चूत में डाला और मेरी गांड पर जोर जोर से थप्पड़ मार रहा था।
मेरे चूचियां लटक रही थी लटकते हुए चुचियों को जोर-जोर से दबाने लगा था क्योंकि जब मैं घोड़ी बनी तो मेरी चूचियां नीचे की तरफ हो गई थी। जोर-जोर से अपना मोटा लंड चूत में डाल रहा था और मेरे मुंह से सिर्फ सिसकारियां और सेक्सी आवाज निकल रही थी।
फिर खड़े हो गए हम दोनों बैठ के नीचे और मैं एक पैर को अपने बेड पर रख दी बीच में वह आकर अपना लंड चूत में फिर से डालने लगा अब हम लोग खड़े खड़े चुदाई कर रहे थे।
शाम को जब तक मेरे पति काम पर से लौटे तब तक छह बार मुझे चोद चूका था। रोजाना मैंने अपनी चूचियाँ दिखा दिखाकर, आखिर में उसको फंसा ही ली और अपनी जिस्म की गर्मी शांत की। अब हम दोनों एक दूसरे को चुदाई में खुश करते हैं।